जीडीए की 162वीं बोर्ड में गाजियाबाद-लोनी का मास्टर प्लान-2031 में फिर लगा अड़ंगा

-मंडलायुक्त ने जीडीए बोर्ड बैठक में फिर लगाई आपत्ति
-मोदीनगर के मास्टर प्लान-2031 को मिली मंजूरी

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के अधिकारियों ने महायोजना-2031 के मास्टर प्लान के ड्रॉफ्ट को लेकर जिस प्रकार के दावे किए थे, वह दावे धत्ता साबित हुए। जीडीए बोर्ड बैठक में फिर से मास्टर प्लान-2031 में अड़ंगा लग गया। दरअसल, शुक्रवार को मेरठ में मंडलायुक्त सभागार में मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षता में जीडीए की 162वीं बोर्ड बैठक हुई। मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे.ने जीडीए बोर्ड बैठक में रखे गए गाजियाबाद और लोनी के मास्टर प्लान-2031 को तैयार किए गए ड्रॉफ्ट में भारी खामियों के चलते इसे नामंजूर कर दिया। ऐसे में मास्टर प्लान-2031 को बोर्ड बैठक में मंजूरी नहीं मिल पाई। ऐसे में एक बार फिर गाजियाबाद और लोनी का मास्टर प्लान लटक गया है।

इससे जीडीए के अधिकारियों की कार्यशैली पर अब सवाल उठ रहे हैं। हालांकि मंडलायुक्त ने मोदीनगर के मास्टर प्लान-2031 को मंजूरी दे दी है। मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षता में जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार, जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के चीफ कॉर्डिनेटर प्लानर एससी गौड़, टाउन प्लानर राजीव रतन शाह,अरविंद कुमार, ओएसडी गुंजा सिंह, जीडीए के प्रभारी चीफ इंजीनियर मानवेंद्र कुमार सिंह, गौतमबुद्धनगर के एडीएम फाइनेंस अतुल कुमार, नगर निगम के चीफ इंजीनियर एनके चौधरी आदि अधिकारी मौजूद रहे। शाम 7 बजे से देर रात 10:30 बजे तक करीब 4: 30 घंटे तक चली जीडीए बोर्ड बैठक में सिर्फ 4 प्रस्ताव ही रखे गए थे। इसमें गाजियाबाद के मास्टर प्लान समेत वेव सिटी और सनसिटी की संशोधित डीपीआर और मेरठ रोड स्थित एक पेट्रोल पंप का प्रस्ताव रखा गया था। मगर इनमें से सिर्फ मोदीनगर के मास्टर प्लान-2031 को ही मंजूरी दी गई।

मास्टर प्लान-2031 के ड्रॉफ्ट की खामियां करनी होगी दूर
मेरठ मंडल की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षता में हुई जीडीए की बोर्ड बैठक में मंडलायुक्त ने गाजियाबाद और लोनी के मास्टर प्लान-2031 के ड्रॉफ्टों में कई खामियां मिलने से क्षुब्ध होकर इन्हें दूर करते हुए आगामी बोर्ड बैठक में रखने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में जीडीए अधिकारी अब ड्राफ्ट की खामियों को जल्द दूर करने की प्लानिंग में जुट गए है। मोदीनगर महायोजना-2031 के ड्राफ्ट को मंजूरी जरूर मिल गई है।बोर्ड बैठक में करीब 3:30 घंटे तक मास्टर प्लान-2031 को लेकर मंथन होता रहा। मंडलायुक्त ने रखे गए एजेंडे के सभी बिंदुओं का अध्ययन किया। इसके बाद मोदीनगर मास्टर प्लान-2031 के ड्राफ्ट को हरी झंडी दे दी गई।

इस ड्राफ्ट को 10 दिन के भीतर अब शासन को भेजा जाएगा। मोदीनगर के मास्टर प्लान के ड्राफ्ट को मंजूरी मिलने से अब इस इलाके में तेजी से विकास हो सकेगा। गाजियाबाद के मास्टर प्लान-2031 में रैपिड रेल के दुहाई डिपो स्टेशन के आसपास वाले क्षेत्र को ट्रांजिट ओरिएंटेड डिवलपमेंट (टीओडी) के तहत विकसित करना और गाजियाबाद में नॉन कंफर्मिंग जोन बनना है। इनके लिए आपत्ति और सुझाव मांगे जाने हैं। वहीं, लोनी महायोजना 2031 के ड्राफ्ट में भी नॉन कंफर्मिंग जोन के लिए आपत्ति और सुझाव नहीं मांगे गए थे, ऐेसे में अब आपत्ति व सुझाव मांगे जाएंगे। इनके आपत्ति और सुझाव के बाद ही इन्हें जीडीए की आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इन दोनों ड्राफ्ट को मंजूरी मिलने के बाद गाजियाबाद, डासना में 50 हेक्टेयर और लोनी में 20 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदलकर आवासीय, व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो सकेगा। बोर्ड बैठक में वेव और सन सिटी की संशोधित डीपीआर के रखे गए प्रस्ताव एक बार फिर सहमति नहीं बन पाई।

नॉन कंफर्मिंग जोन को लेकर असमंजस की बनीं स्थिति
जीडीए बोर्ड बैठक में गाजियाबाद और लोनी में नॉन कंफर्मिंंग जोन को लेकर असमंजस की स्थिति बनीं रही।जीडीए के कोष में वृद्धि को नॉन कंफर्मिंग जोन समेत अन्य भू-उपयोग निर्धारित करने के लिए बोर्ड बैठक में निर्देश दिए गए।
जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि गाजियाबाद व लोनी के मास्टर प्लान को लेकर आपत्ति व सुझाव के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाएगा। रैपिडएक्स के दुहाई डिपो को स्टेशन के रूप में नोटिफाई किए जाने के चलते दुहाई डिपो के टीओडी क्षेत्र के लिए भी आपत्ति व सुझाव मांगे जाएंगे। इसके बाद आपत्ति और सुझाव पर सुनवाई के बाद समिति निर्णय लेगी और रिपोर्ट उच्च अधिकारी को सौंपेगी। मोदीनगर के मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने से लॉजिस्टिक पार्क,ट्रक और बस टर्मिनल बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। इसके तहत मोदीनगर महायोजना-2031 में भू-उपयोग व क्षेत्रफल इस प्रकार से होगा।

इसमें आवासीय-3303.08 हेक्टेयर और व्यवसायिक-210.55हेक्टेयर,औद्योगिक-603.93 हेक्टेयर, कार्यालय- 388.93 हेक्टेयर, सार्वजनिक एवं अद्र्ध सार्वजनिक 800.59 हेक्टेयर,पार्क एवं खुले क्षेत्र-1597.36 हेक्टेयर, परिवहन-1103.98 हेक्टेयर,कृषि व ग्रीन बेल्ट-10539.01हेक्टेयर,जल निकासी,शूटिंग रेंज,निकाय व अन्य- 304.86 हेक्टेयर क्षेत्रफल होगा। रैपिडएक्स के दुहाई डिपो के पास किसानों को खेती के आधुनिक तरीके सिखाने के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र बनेगा। एनसीआरटीसी ने विशेष प्रशिक्षण केंद्र बनाने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा, हालांकि इसके लिए टेंडर पहले ही आमंत्रित कर लिए गए थे। इस प्रशिक्षण केंद्र में किसान आधुनिक खेती के गुण सीख सकेंगे। एनसीआरटीसी के अधिकारियों की प्लानिंग किसानों को खेती के आधुनिक तकनीक के बारे में जागरूक करने की है। दुहाई डिपो के पास बनने वाले आधुनिक खेती के प्रशिक्षण केंद्र में गाजियाबाद के अलावा आसपास के जिलों के लोग भी आकर आधुनिक खेती के गुण सीख सकेंगे। प्रथम चरण में गाजियाबाद के कई गांव के लोगों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

मास्टर प्लान को आपत्ति लगाकर बोर्ड ने किया था खारिज
जीडीए की पिछली बोर्ड बैठक में गाजियाबाद के मास्टर प्लान को आपत्ति लगाकर बोर्ड ने खारिज कर दिया था। इसके बाद लखनऊ तक जीडीए के अफसरों की किरकिरी हुई थी। इसे लेकर जीडीए अफसरों ने पिछले दिनों कई बैठक की थीं और बार-बार दावा किया था कि इस बार जो मास्टर प्लान बनाया जाएगा। उसमें किसी तरह की आपत्ति न आए इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। लेकिन नतीजा जीरो निकला। बोर्ड बैठक का एजेंडा दो दिन पहले मिलने पर जीडीए बोर्ड सदस्य पवन कुमार गोयल और सदस्य केशव त्यागी ने बोर्ड बैठक का बहिष्कार कर दिया था।

आरोप लगाया था कि नियमानुसार एजेंडे की कॉपी 15 दिन पहले मिलनी चाहिए थी। वहीं, नगर निगम के वार्ड-24 के पार्षद पवन कुमार गौतम वेवसिटी और सनसिटी की टाउनशिप के विरोध में देर रात तक मंडलायुक्त कार्यालय के गेट पर किसानों के साथ जमे रहे। उन्होंने मंडलायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा। उधर, वेवसिटी निवासियों के साथ प्रमोद चौधरी व सुनील चौधरी ने भी दोनों टाउनशिप में खमियों को लेकर मंडलायुक्त के कार्यालय पर डेरा डाले रहे। सुनील चौधरी का कहना है कि वेव सिटी का पहला फेज 2006 में पूरा कर दिया गया लेकिन अभी भी बिल्डर की ओर से किए गए वायदे जैसे पेयजल योजना की व्यवस्था पूरी नहीं की गई है।