बुरा दौर : खतरे में कंप्यूटर बाबा की बादशाहत

कब्जे से मुक्त कराई गई 13 करोड़ की भूमि

इंदौर। मध्य प्रदेश में चर्चित कंप्यूटर बाबा के सितारें आजकल गर्दिश में चल रहे हैं। कभी तत्कालीन कमलनाथ सरकार में जिस बाबा की तूती बोलती थी, वह आज मुश्किलों में घिर गए हैं। उन पर निरंतर सरकारी शिकंजा कस रहा है। तत्कालीन कमलनाथ सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा लेने के अलावा नदी संरक्षण न्यास के अध्यक्ष रहे कंप्यूटर बाबा के कब्जे से सरकारी भूमि को मुक्त कराने का अभियान जारी है। सरकारी तंत्र ने सोमवार को कंप्यूटर बाबा के कब्जे से कुल 40 हजार वर्ग फुट भूमि को मुक्त करा लिया। इस भूमि का मौजूद मार्केट रेट 13 करोड़ रुपए आंका जा रहा है। अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) राजेश राठौड़ के मुताबिक शहर के सुपर कॉरिडोर क्षेत्र में मंदिर से सटी 20 हजार वर्ग फुट भूमि पर कंप्यूटर बाबा ने अवैध निर्माण कर रखा था। इस निर्माण को ढहा दिया गया है। यह भूमि इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना में शामिल थी। इस भूमि का मौजूदा बाजार मूल्य लगभग 5 करोड़ रुपए है। एसडीएम राठौड़ ने बताया कि प्रशासन ने अम्बिकापुरी एक्सटेंशन में श्री दक्षिण काली पीठ त्रिमहाविद्या मंदिर के परिसर में भी 20 हजार वर्ग फुट भूमि को कब्जा मुक्त कराया है। यह भूमि भी कंप्यूटर बाबा ने कब्जा कर रखी थी। इस भूमि का वर्तमान मार्केट रेट 8 करोड़ रुपए के आस-पास है। एसडीएम राठौड़ ने बताया कि मंदिर परिसर पर अवैध कब्जा कर कंप्यूटर बाबा ने अपनी आरामगाह के रूप में 5 कमरे भी बना रखे थे। इन कमरों से सामान बाहर निकाल कर बाबा के एक प्रतिनिधि को सौंप दिया गया है। फिलहाल इन कमरों में कोई तोड़-फोड़ नहीं की गई है। इन्हें अम्बिकापुरी एक्सटेंशन कॉलोनी के रहवासी संघ को रख-रखाव के लिए सौंपा गया है। बता दें कि इसके पहले कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर कार्रवाई की गई थी। आश्रम के कब्जे से सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया था।