-अधिक मकान के निर्माण से रोजगार का भी होता है सृजन
गाजियाबाद। देश में 19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव का पहला चरण शुरू हो रहा है। 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे और उसके बाद नई सरकार का गठन होगा। व्यापारी एकता समिति संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने कहा रियल एस्टेट सेक्टर देश का एक ऐसा सेक्टर है जो सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया कराता है। इसके साथ ही सरकार के खजाने में मोटा पैसा रियल एस्टेट सेक्टर से जाता है। बावजूद इसके रियल एस्टेट सेक्टर कभी सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार नहीं हुआ। यही वजह है कि दिन-ब-दिन इस सेक्टर के सामने चुनौतियां बढ़ती जा रही है। रियल एस्टेट आज कई तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है। इस विषय में,व्यापारी एकता समिति संस्थान का मानना है कि अब वक्त आ गया है कि सरकार रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दें। इस क्षेत्र को अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल करे। इसके साथ ही मौजूदा वक्त में बिल्डरों को आने वाली परेशानियां को दूर करने के लिए सरकार ठोस पहल करें। ग्रुप हाउसिंग बनाने के लिए जमीन की कीमत महंगी होती जा रही है।
बिल्डिंग मैटेरियल्स की कीमत भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में कम दाम में लोगों को घर मुहैया कराना मुश्किल होता जा रहा है और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना भी मुश्किल होता जा रहा है। लिहाजा सरकार से मेरी गुजारिश है कि नई सरकार बनने के बाद ही रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार गंभीरता से कदम उठाए। अधिक मकान के निर्माण से सीमेंट, स्टील, जैसे सेक्टर को भी प्रोत्साहन मिलता है और बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन होता है। रियल एस्टेट सेक्टर को व्यवस्थित करने के लिए इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की जरूरत है। इससे मकानों की वर्तमान मांग में बढ़ोतरी होगी और यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए गेम चेंजर साबित होगा। रियल एस्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की मांग लंबे समय से अटकी है। यह मान्यता न केवल निवेश को प्रेरित करेगी बल्कि नियमों को भी सुव्यवस्थित करेगी, जिससे विकास के लिए अधिक अनुकूल वातावरण को बढ़ावा मिलेगा।