रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दे सरकार: प्रदीप गुप्ता

-रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से बढ़ेगी विकास की रफ्तार

गाजियाबाद। मौजूदा केंद्र सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट से देश के कई सेक्टर्स को बहुत उम्मीदें हैं, उनमें से एक सेक्टर है रियल एस्टेट सेक्टर। कोरोना महामारी के बाद से अब रियल एस्टेट सेक्टर ने धीमे-धीमे रफ्तार पकडऩी शुरू कर दी है। लिहाजा अब डेवेलपर्स उन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में लग गए हैं जिन्हें कोरोना महामारी के कारण बंद कर दिया गया था। इसके साथ ही अब डेवलपर्स कई नए प्रोजेक्ट्स को भी लॉन्च कर रहे हैं। ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर के ग्रोथ की रफ्तार में तेजी लाने के लिए रियल स्टेट सेक्टर की सरकार से बहुत उम्मीदें हैं।

व्यापारी एकता समिति संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने कहा सभी बिल्डर और व्यापारियों की अपनी संस्था व्यापारी एकता समिति संस्थान लंबे वक्त से रियल एस्टेट सेक्टर को एक इंडस्ट्री का दर्जा देने की मांग कर रही है। लिहाजा इस बजट में वित्त मंत्री को इस मांग को जरूर अमली जामा पहनाना चाहिए। क्योंकि रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने के बाद इस सेक्टर के विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ सकती है।
हम सब में से काफी लोग रियल एस्टेट के कारोबार से पिछले कई दशक से जुड़े हैं, ऐसे में हम सब डेवेलपर्स काफी लंबे समय से इस बात को महसूस कर रहे हैं कि सरकार को रियल स्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा देने के साथ-साथ सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम बनाना जरूरी है। क्योंकि जब भी हम लोग किसी प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हैं तो इतने डिपार्टमेंट से क्लियरेंस लेना पड़ता है कि प्रोजेक्ट को शुरू होने से पहले ही इस प्रक्रिया में काफी लंबा वक्त लग जाता है। लिहाजा अगर सरकार इस बजट में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लेकर आती है तो इससे हम अभी डेवलपर्स को काफी फायदा होगा और रियल एस्टेट सेक्टर के विकास की रफ्तार कई गुना तेज हो जाएगी।

उन्होंने कहा आज रियल एस्टेट सेक्टर के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बजट को उन डेवलपर्स की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए जो अभी भी महामारी के कारण होने वाली परेशानी से जूझ रहे हैं। रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने और कठिनाइयों के समय राहत देना है। सबसे बार-बार की जाने वाली मांग रियल एस्टेट क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देना है। आवासीय सेगमेंट में स्वस्थ वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को एक स्थिर और कम ब्याज दर बनाए रखने पर ध्यान देना होगा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने कहा इस साल के फाइनेंसियल बजट से काफी उम्मीदें हैं। बजट को रियल एस्टेट सेक्टर में चल रही समस्याओं से दूर करने पर ध्यान देना चाहिए। वित्त मंत्री को रियल्टर्स के दिवाला ऋण और परियोजना की डिलीवरी में देरी का जायजा लेना चाहिए। बजट में बैंकों द्वारा लगाए गए होम लोन की ब्याज दरों पर कर छूट की शुरुआत की जानी चाहिए। रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए कुछ ठोस उपायों की भी आवश्यकता है क्योंकि रियल एस्टेट सेगमेंट रोजगार और विकास पैदा करता है। हम एक क्रांतिकारी केंद्रीय बजट की प्रतीक्षा कर रहे हैं। सरकार अधिक आकर्षक बनाने के लिए आयकर लाभों का विस्तार करने पर विचार करे।