आजम खां को जेल पहुंचाने वाले IAS को अपने पास रखना चाहती है सरकार, बढ़ेगा कार्यकाल

2 साल और बढ़ाई गई आंजनेय कुमार की प्रतिनियुक्ति

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार की प्रतिनियुक्ति बढ़ गई है। वह अभी और 2 साल तक प्रतिनियुक्ति पर रहेंगे। समाजवादी पार्टी (सपा) के विवादित नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां के खिलाफ सख्त कार्रवाई के कारण जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सुर्खियों में आए थे। आजम खां के खिलाफ कई गंभीर मामले चल रहे हैं। रामपुर में आजम खां का आतंक था और उसके खिलाफ कोई बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। आंजनेय सिंह ने न सिर्फ आजम खां के आतंक को खत्म किया बल्कि उसके द्वारा  सताए हुए पीड़ितों को न्याय भी दिलाया। बताया गया है कि केंद्र सरकार ने नियमों को सरल कर अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है। केंद्रीय कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

आंजनेय कुमार सिक्किम काडर के 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह 16 फरवरी 2015 से उप्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। सामान्य नियमों के तहत उनकी प्रतिनियुक्ति नहीं बढ़ सकती थी। केंद्र ने नियमों को सरल कर यह अनुमति दी है। बता दें कि जिलाधिकारी आंजनेय कुमार काम के प्रति बेहद समर्पित अधिकारी हैं। सपा के विवादित मुस्लिम नेता एवं पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। किसी प्रकार के दबाव में ना आकर उन्होंने नियमानुसार सिलसिलेवार ढंग से कार्रवाई की, जिससे पूर्व मंत्री आजम खां आज अनेक मुश्किलों में घिरे हैं। सनद रहे कि पूर्व मंत्री आजम खां को भू-माफिया तक घोषित कर दिया गया है। उनके विरूद्ध भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा करने के मामले दर्ज हैं। तत्कालीन सपा सरकार में आजम खां का अलग रूतबा था। खां की रुतबा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसकी भैंस चोरी होने और बाद कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी थी। पुलिस ने बाद में  चोरी हुई भैंस ढूंढ कर लाई थी तब जाकर रुठे आजम खां शांत हुए थे। सपा की सरकार जाने के बाद भी आजम खां का रुतबा काफी बढ़ा हुआ था। अधिकारी उसके खिलाफ कार्रवाई से डर रहे थे। आंजनेय सिंह ने आजम खां के काले कारनामों का परत दर परत कच्चा चिट्ठा खोला। उसी का असर हैै कि आजम खां को जेल के सलाखों के पीछेे जाना पड़ा।