मौत का हाईवे : नींद से जागा विकास प्राधिकरण

7 की मौत के बाद निजी कंपनी पर एफआईआर

नोएडा। जनपद गौतमबुद्ध नगर में यमुना एक्सप्रेस-वे पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर यमुना विकास प्राधिकरण ने गंभीर रूख अपना लिया है। यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुणवीर सिंह के आदेश पर निजी कंपनी के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आईआरपी (अनुज जैन) और बैंक कंसोर्टियम के खिलाफ शिकायत मिलने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। बता दें कि मंगलवार की देर रात डीजल से भरा तेज रफ्तार टैंकर अनियंत्रित हो गया था। डिवाइडर को तोड़कर टैंकर इनोवा कार पर पलट गया। यह कार आगरा की तरफ से आ रही थी। इस हादसे में 7 नागरिकों की जान चली गई थी। हादसा थाना नौझील क्षेत्र के माइलस्टोन 68 के समीप प्रकाश में आया था। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हादसे में इनोवा सवार मनोज कुमार, बबिता, अभय, कोमल, कल्लू, हिमाद्रि और चालक राकेश की मौत हो गई थी। वह सभी जींद के सफीदो गांव के रहने वाले थे। हादसे के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर सवाल उठने लगे थे। इसके बाद हरकत में आए यमुना विकास प्राधिकरण ने पुलिस में एफआईआर कराई है। पुलिस का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा नागरिकों की मौत हो चुकी है। यमुना एक्सप्रेस-वे मौत का हाईवे साबित हो रहा है। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान में रखकर सरकार ने दिल्ली आईआईटी को हादसे की वजह पता लगाने का जिम्मा सौंपकर सुझाव मांगा था। जानकारों का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर अक्सर रात्रि में हादसे होते हैं। रात्रि में दुर्घटनाएं रोकने के लिए किसी प्रकार की ठोस प्लानिंग नहीं है। घने कोहरे के कारण भी इस हाईवे पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।