IAS महेंद्र सिंह तंवर ने कहा मजबूत इच्छाशक्ति से हासिल होगी मंजिल, UPSC परीक्षा पास करने को लेकर दी महत्वपूर्ण जानकारी

लेखक- महेंद्र सिंह तंवर

IAS

( लेखक भारतीय प्रशानिक सेवा के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर रहे हैं। वर्तमान में गाजियाबाद में म्युनिसिपल कमिश्नर के पद पर तैनात हैं।)

UPSC में सफलता के लिए आपको प्रतिदिन न्यूजपेपर पढ़ना चाहिये और एनसीईआरटी के सिलेबस का गहरा अध्ययन करना चाहिये। कोचिंग सेंटर के ब्रांड पर फोकस ना करके वहां पढ़ाने वाले टीचर और उनके पढ़ाने के तरीके पर ध्यान देना जरूरी है। न्यूज पेपर नियमित तौर पर पढ़े और डेली का डेली पढ़ें। आप्शनल सब्जेक्ट चूज करते समय इस बात पर ध्यान दें कि सब्जेक्ट पर कितना समय दे सकते हैं या सब्जेक्ट से अपने आप को कितना जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। बैलेंस तरीके से तैयारी करें। अपने सिलेब्स को हर हाल में पूरा करें। अपने सामने कुछ टारगेट सेट करें। वीकली, मंथली, 6 महीने का, इस तरह से यदि आप स्ट्रेटजी से तैयारी करेंगे तो आप कोई भी एग्जाम क्लियर कर सकते हैं। मैंने भी किया है। मेरे जैसे बहुत लोगों ने किया है और आप भी कर सकते हैं।
सफलता के लिए मजबूत इच्छाशक्ति का होना अति आवश्यक है। कठिन परिश्रम के साथ अगर हम लक्ष्य को सामने रखकर काम करें तो मंजिल अवश्य मिलेगी। ऐसा नहीं है कि हमारे सामने परेशानियां नहीं आएंगी। कई बार किसी कार्य को पूरा करने से पहले अंतिम समय में बड़ी कठिनाइयां आ जाती हैं। ऐसे समय में भी हमें धैर्य के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत करते रहना चाहिये। जीवन में हर कठिनाई व परीक्षा को चुनौती के रूप में स्वीकार करके व पूरे मनोभाव एवं दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी कार्य को करें तो सफलता अवश्य मिलती है। जीवन में वही व्यक्ति सफल होता है, जिसे यह पता होता है कि उसे क्या करना है, कब करना है और कैसे करना है? आपका जो आत्मश्विास है वह आपके पैशन को बढ़ाता है। आपके अंदर जब इच्छाशक्ति बढ़ती है तो वह आपको हार नहीं मानने देता। यूपीएससी की परिक्षा कठिन मानी जाती है, लेकिन एक साधारण परिवार का सामान्य तरीके से पढ़ाई करने वाला बच्चा भी इस परीक्षा को पास कर सकता है। मैं खुद इसका उदाहरण हूं। मैं 2015 बैच से IAS हूं। वर्तमान में गाजियाबाद नगर निगम में म्युनिसिपल कमिश्नर के पद पर काम कर रहा हूं।
IAS MAHENDRA SINGH TANWAR UP CADER GHAZIABAD MUNICIPAL COMMISSIONER
उदय भूमि समाचार पत्र में प्रकाशित IAS आईएएस महेंद्र सिंह का लेख।
मेरी पढ़ाई गांव के स्कूल में हुई। 12वीं करने के बाद मैंने टेक्सटाइल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। नोएडा स्थित एक कंपनी में मैंने अपनी पहली जॉब की। काम करते समय मन में ख्यालात आते थे। क्या मैं यही करूंगा या कुछ और करूं। ऐसा कोई मौका नहीं मिल पा रहा था कि मैं कोई निर्णय ले पाऊं। मगर लाइफ में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब आप निर्णय कर पाते हैं कि आखिर आपको करना क्या है? ऐसा ही एक मौका आया, जब फ्रैंकफर्ट जाने का आफर मिला। फौरन ट्रिप पर मैं जाना भी चाहता था, मैंने कोशिश भी की। दस दिन का समय था ( मगर 8-10 दिन में ) मैं अपना पासपोर्ट नहीं बनवा पाया था। तब मेरे भाई साहब ने कहा था कि यह एक प्रकार का सिग्नल है। इसके बाद मैंने नोएडा की जॉब छोड़ दी और दिल्ली में शिफ्ट होकर सिविल सर्विसेज  ( UPSC ) की तैयारी करने लगा। कुछ समय बाद एहसास हुआ कि खुद को आर्थिक रूप से मजबूत रखना भी जरूरी है। इसी क्रम में स्टाफ सेलेक्शन कमीशन में ग्रुप बी में भर्ती निकली। मेरा सेलेक्शन हो गया और अक्टूबर 2012 में मिनिस्टरी ऑफ डिफेंस में मेरी ज्वाइनिंग हुई। नौकरी के साथ ही मैंने यूपीएससी ( UPSC ) की तैयारी भी जारी रखी। कई लोग बहाना बनाते हैं कि नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी नहीं हो सकती है। लेकिन मैंने दोनों काम एक साथ करता था। प्रतिदिन सुबह 9 बजे आफिस पहुंचता। कोशिश करता था कि लंच टाइम से पहले आफिस के अधिकांश काम को निपटा लूं।
मेरा मानना है कि आप अनावश्यक डिमांड मत करिए। किसी पर प्रेशर मत बनाइए कि मैं यह काम कर रहा हूं, इसलिए मैं यह काम नहीं कर सकता हूं। आप मुझे अतिरिक्त टाइम दीजिए या मुझे छुट्टियां दीजिए। जब आप काम करते हैं तो सब लोग समझ जाते हैं कि आप कितना काम कर सकते हैं और आपको कितना काम दिया जाना चाहिए। मैंने भी अपनी जॉब में कभी डिमांड नहीं की कि मुझे छुट्टी दीजिए या मुझे लंबा ब्रेक चाहिये। मुझे लगता है कि काम करने के लिए आप पहुंचे तो पहले आप काम करें। लंच टाइम के बाद जो समय जो ब्रेक मिलता था, उसमें एक घंटा निकाल लेता था और लाइब्रेरी में चला जाता था। वहां पर न्यूजपेपर पढ़ने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी करता था। आफिस का जो बचा हुआ काम रहता था उसे भी सकेंड हॉफ में पूरा करता था। आफिस खत्म होते ही आफिस से निकलकर कोचिंग क्लास अटेंड करता था। हिस्ट्री मेरा आप्शनल सब्जेक्ट था, इसलिए मैंने हिस्ट्री आप्शनल की तैयारी करने के लिए कोचिंग ज्वाइन की थी। बाकी सभी सब्जेक्ट मैंने खुद ही तैयार किए। पढ़ाई और तैयारी को लेकर कंसिस्टेंसी जरूरी है। छुट्टी वाले दिन भी यही रूटीन होना चाहिये। बस फर्क सिर्फ इतना हो कि वर्किंग डे में जब हम आफिस का काम करते हैं। छुट्टी वाले दिन उस समय में हम अपनी पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी करें। इसी तैयारी के साथ मैं वर्ष 2013 के यूपीएससी एग्जाम ( UPSC Exam ) में अपीयर हुआ, लेकिन किन्हीं कारणों से मुझे अच्छी रैंक नहीं मिली। पहले प्रयास में एलाइड सर्विसेज में मेरा चयन हुआ। मैंने इंडियन रेलवे सर्विस को ज्वाइन किया और दोबारा यूपीएससी ( UPSC ) के एग्जाम में अपीयर हुआ। इस बार का इंटरव्यू मैंने अच्छे ढंग से दिया और पूर्व में जो गलतियां हुई थीं उस पर काम किया। इसका मुझे फायदा मिला और इंटरव्यू में मुझे अच्छे अंक मिले। भारतीय प्रशासनिक सेवा ( UPSC ) के लिए मेरा चयन हुआ और यूपी कैडर ( UP Cader ) अलॉट हुआ। सिविल सर्विस की तैयारी के दौरान कई तरह बातें हैं जो हमारे दिमाग में आती रहती हैं लेकिन उस पर बहुत ज्यादा फोकस नहीं करना चाहिए। जैसे कि कितने घंटे पढ़ाई करूं। कई लोग कहते हैं कि 16 घंटे या 18 घंटे पढ़ाई करनी पड़ती है। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि ऐसा होता है कुछ स्पेशल डे होते हैं जिसमें हम 16 घंटे 18 घंटे पढ़ लेते हैं तो उसे हम एक रेफरेंस के रूप में बताने लगते हैं कि 16-18 घंटे पढ़ाई करनी पड़ती है। जरूरी यह है कि आप कितने समय में सिलेबस पूरा करते हैं। आप जितनी गंभीरता से पढ़ाई करेंगे, इतनी जल्दी ही सिलेबस को कवर कर पाएंगे। तैयारी के साथ-साथ आपको अपनी पर्सनल लाइफ को भी जीना होता है।
यूपीएससी में सफलता के लिए आपको प्रतिदिन न्यूजपेपर पढ़ना चाहिये और एनसीईआरटी के सिलेबस का गहरा अध्ययन करना चाहिये। कोचिंग सेंटर से आपके डॉउट्स क्लीयर होते हैं और आप्शनल सब्जेक्ट की तैयारी बेहतर ढंग से हो जाती है। कोचिंग सेंटर के ब्रांड पर फोकस ना करके वहां पढ़ाने वाले टीचर और उनके पढ़ाने के तरीके पर ध्यान देना जरूरी है। न्यूज पेपर नियमित तौर पर पढ़े और डेली का डेली पढ़ें। आप्शनल सब्जेक्ट चूज करते समय इस बात पर ध्यान दें कि हम इस सब्जेक्ट पर कितना समय दे सकते हैं या सब्जेक्ट से हम अपने आप को कितना जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। मेरा सब्जेक्ट हिस्ट्री रहा और हिस्ट्री से मैंने दोनों बार क्वालीफाई किया। ऐसा भी नहीं है कि हिस्ट्री का मेरा कोई बैकग्राउंड रहा है। मैंने इस सब्जेक्ट में खुदा को जोड़ा और कंफर्ट महसूस किया। सवाल उठता है कि यूपीएससी में परीक्षा से लेकर ट्रेनिंग तक इतनी मेहनत क्यों कराई जाती है तो इसका जवाब है कि जब हम जॉब में आए और काम करें तो उसे पूरी मेहनत के साथ ठीक ढंग से करें। जो स्टूडेंट यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं उनसे मैं कहूंगा कि बैलेंस तरीके से तैयारी करें। अपने सिलेब्स को हर हाल में पूरा करें। अपने सामने कुछ टारगेट सेट करें। वीकली, मंथली, 6 महीने का, इस तरह से यदि आप स्ट्रेटजी से तैयारी करेंगे तो आप कोई भी एग्जाम क्लियर कर सकते हैं। मैंने भी किया है। मेरे जैसे बहुत लोगों ने किया है और आप भी कर सकते हैं।