फिर गाजियाबाद में आया तेंदुआ, राजनगर में कैमरे में हुआ कैप्चर, सड़कों पर पसरा सन्नाटा

तेंदुआ ने शहर में फिर दी दस्तक। शहर की पॉश कॉलोनी राजनगर के सैक्टर-13 की सर्विस रोड पर एक बार फिर रात में तेंदुआ दिखाई दिया। जो कि बड़े आराम के साथ टहता रहा था। तेंदुए की सूचना से क्षेत्र में रहने वाले लोग जहां पूरी तरह से दहशत में है। वहीं क्षेत्र की सड़कें दिन के समय भी पूरी तरह से सुनसान दिखाई दी।  वन विभाग की कई टीम राजनगर, इंग्राहम इन्स्टिट्यूट्, एल्टसेंटर, कमला नेहरूनगर, रहीसपुर और सदरपुर के जंगलों में तेंदुए को खोजती रही। मगर सफलता हाथ नही लगी।जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि वन विभाग तेंदुए के पद चिह्नों की मदद से उसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि तेंदुआ राज नगर से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित गढ़ मुक्तेश्वर के जंगलों से भटकता हुआ यहां आ गया होगा।

गाजियाबाद। शहर की पॉश कॉलोनी राजनगर के सैक्टर-13 की सर्विस रोड पर एक बार फिर रात में तेंदुआ दिखाई दिया। जो कि बड़े आराम के साथ टहता रहा था। तेंदुए की सूचना से क्षेत्र में रहने वाले लोग जहां पूरी तरह से दहशत में है। वहीं क्षेत्र की सड़कें दिन के समय भी पूरी तरह से सुनसान दिखाई दी।  वन विभाग की कई टीम राजनगर, इंग्राहम इन्स्टिट्यूट्, एल्टसेंटर, कमला नेहरूनगर, रहीसपुर और सदरपुर के जंगलों में तेंदुए को खोजती रही। मगर सफलता हाथ नही लगी। डीएफओ दीक्षा भंडारी ने बताया कि तेंदुआ केवल उस समय दिखाई दिया कि जब वह सैक्टर-13 राजनगर की सर्विस रोड पर घूमते हुए रिटायर्ड अधिकारी की कोठी में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में कैद हो गया। उसके बाद से शुरू हुई सर्च के दौरान न तो वह तेंदुआ दिखाई दिया और न ही उसकी उपस्थिति के कोई पदचिंह ही मिले है। तेंदुए जैसे जंगली जानवर इधर नहीं देखे गये हैं, लेकिन बरसात के समय अथवा कई और अन्य कारणों के चलते कई बार तेंदुए जैसे हिंसक जानवर शहर गांव और बस्तियों का रुख कर लेते हैं।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि वन विभाग तेंदुए के पद चिह्नों की मदद से उसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि तेंदुआ राज नगर से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित गढ़ मुक्तेश्वर के जंगलों से भटकता हुआ यहां आ गया होगा। उन्होंने बताया कि पूर्व की घटनाओं को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि तेंदुआ हिंडन नदी के किनारे-किनारे चलते हुए सहारनपुर की ओर गया होगा। वन विभाग ने शहर से सटे जंगल में उसके संभावित मार्ग पर पिंजड़े लगाए हैं। वहीं लोगों से अपील की गई है कि वे लाठी के बिना रात में घर से बाहर नहीं निकलें और अपने दरवाजों को बंद रखें। पिछले साल नवंबर में एक तेंदुआ गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के आवास में घुस आया था। उससे पहले संगम विहार कॉलोनी में भी नवंबर 2019 में एक तेंदुआ देखा गया था। वन क्षेत्र अधिकारी अशोक कुमार गुता, वन दरोगा चमन सिंह रावत व अजय कुमार के अलावा वन बीट आरक्षी रियाज खान व सुनिल कुमार आदि पूरे मनोयोग के साथ तेंदुए को पकडऩे का प्रयास कर रहे है