– इंजीनियर के इंकार के बाद शासन ने दिया वेतन रोकने का आदेश तो इंजीनियर ने दिखाया कोर्ट का स्टे आर्डर
– कोर्ट से ट्रांसफर पर स्टे लेकर जीडीए इंजीनियर ने किया फिर से कार्यालय ज्वाइंन
उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। जरूरी नहीं है कि शासन में वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारियों का हर आदेश सही ही है और आपको उसे मानना ही पड़ेगा। जीडीए के एक इंजीनियर ने ऐसे ही एक आदेश को चैलेंज किया और कोर्ट से स्टे लेकर फिर से वापस नौकरी ज्वाइन की है। कोरोना काल मैं हुए ट्रांसफर को प्रारंभिक रूप से कोर्ट ने सही नहीं माना है और इसी आधार पर स्टे दिया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में प्रवर्तन जोन-2 के प्रभारी रहे सहायक अभियंता आरके सिंह को कोर्ट से ट्रांसफर पर स्टे मिल जाने के बाद उन्होंने फिर से जीडीए में ज्वाइंन कर लिया है। कोरोना काल में इंजीनियर आरके सिंह लगातार कोरेटाइंन सेंटरों में भर्ती मरीजों को खाना पहुंंचाने के अलावा जोन क्षेत्र में कार्य कर रहे थे। आरके सिंह को अच्छे इंजीनियरों में गिना जाता है। इनके कई कंस्ट्रक्शन एवं डिजाइनिंग कार्यों की सराहना हुई है और पुरस्कृत भी किया गया है। पिछले दिनों शासन ने इनका तबादला कर दिया। कामकाज एवं जरूरत को देखते हुए जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने इनका ट्रांसफर रोकने के लिए शासन को पत्र भी भेजा। लेकिन शासन ने इस पत्र के जवाब में दोबारा पत्र जारी करते हुए उन्हें रिलीव करने के आदेश दिए। इतना ही नहीं इनका वेतन जीडीए से नहीं देने का आदेश भी जारी किया गया। इंजीनियर आरके सिंह ने ट्रांसफर के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने तबादले पर स्टे दे दिया। इंजीनियर आरके सिंह ने फिर से जीडीए में ज्वाइंन कर लिया। जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने बताया कि इंजीनियर आरके सिंह की जीडीए में ज्वाइनिंग हो गई है। इन्हें जल्द ही प्रवर्तन जोन का कार्यभार दिया जाएगा।
गाजियाबाद। जरूरी नहीं है कि शासन में वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारियों का हर आदेश सही ही है और आपको उसे मानना ही पड़ेगा। जीडीए के एक इंजीनियर ने ऐसे ही एक आदेश को चैलेंज किया और कोर्ट से स्टे लेकर फिर से वापस नौकरी ज्वाइन की है। कोरोना काल मैं हुए ट्रांसफर को प्रारंभिक रूप से कोर्ट ने सही नहीं माना है और इसी आधार पर स्टे दिया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में प्रवर्तन जोन-2 के प्रभारी रहे सहायक अभियंता आरके सिंह को कोर्ट से ट्रांसफर पर स्टे मिल जाने के बाद उन्होंने फिर से जीडीए में ज्वाइंन कर लिया है। कोरोना काल में इंजीनियर आरके सिंह लगातार कोरेटाइंन सेंटरों में भर्ती मरीजों को खाना पहुंंचाने के अलावा जोन क्षेत्र में कार्य कर रहे थे। आरके सिंह को अच्छे इंजीनियरों में गिना जाता है। इनके कई कंस्ट्रक्शन एवं डिजाइनिंग कार्यों की सराहना हुई है और पुरस्कृत भी किया गया है। पिछले दिनों शासन ने इनका तबादला कर दिया। कामकाज एवं जरूरत को देखते हुए जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने इनका ट्रांसफर रोकने के लिए शासन को पत्र भी भेजा। लेकिन शासन ने इस पत्र के जवाब में दोबारा पत्र जारी करते हुए उन्हें रिलीव करने के आदेश दिए। इतना ही नहीं इनका वेतन जीडीए से नहीं देने का आदेश भी जारी किया गया। इंजीनियर आरके सिंह ने ट्रांसफर के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने तबादले पर स्टे दे दिया। इंजीनियर आरके सिंह ने फिर से जीडीए में ज्वाइंन कर लिया। जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने बताया कि इंजीनियर आरके सिंह की जीडीए में ज्वाइनिंग हो गई है। इन्हें जल्द ही प्रवर्तन जोन का कार्यभार दिया जाएगा।