नगर निगम बोर्ड बैठक : मुद्दे पर कम हुई बात अधिक हुआ हंगाम

बोर्ड बैठक में एक दूसरे पर ही आरोप लगाते रहे पार्षद, स्वास्थ और सफाई व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को घेरा

विजय मिश्रा ( उदय भूमि ब्यूरो )
गाजियाबाद। नगर निगम की मैराथन बोर्ड बैठक का परिणाम निराशाजनक रहा। 7 घंटे से अधिक चले बैठक में शोर शराबा और हंगामा अधिक हुआ जबकि मुद्दे पर कम बात हुई। बोर्ड बैठक में विकास से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिली। हालांकि फिर से जल्द ही अगली बोर्ड बैठक कराने की बात कही गई है। ऐसे में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव को पास कराने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। बैठक के दौरान पार्षदों ने स्वास्थ विभग और सफाई व्यवस्था को लेकर निगम अधिकारियों को घेरा। भाजपा पार्षद ही बैठक के दौरान एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी संस्थाएं स्वाबलंबी बने। स्वाबलंबी बनने के लिए नगर निगम को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत है। इसके लिए ऐसे मद जिनसे नगर निगम की आय बढ़ सकती है उस पर काम होना चाहिये। विगत कुछ वर्षों में नगर निगम की आमदनी बढ़ी है। लेकिन दुकानों का किराया बढ़ोत्तरी, हाउस टैक्स में बढ़ोत्तरी सहित कई ऐसे प्रस्ताव है। जिन पर अमल होने से नगर निगम की आय बढ़ेगी और नगर निगम शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं देगा। शहर में पार्किंग एक बड़ी समस्या है। लेकिन बोर्ड बैठक में इन सब महत्वपूर्ण मुद्दों पर पार्षदों द्वारा सकारात्मक रूख नहीं दिखाया गया।


शुक्रवार को नगर निगम सभागार में हुई सदन की बोर्ड बैठक में पार्षदों ने जोरदार हंगामा किया। सुबह 11 बजे नगर निगम सभागार में मेयर आशा शर्मा और नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने वंदेमातरम गान कर बोर्ड बैठक की शुरूआत कराई। निगम बोर्ड बैठक सुबह 11 बजे से शुरू होकर शाम 7 बजे संपन्न हुई। भाजपा पार्षद अनिल स्वामी, राजेंद्र त्यागी समेत अन्य पार्षदों ने निगम अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाए। पार्षद सुनील यादव, अजय शर्मा, संजय सिंह सहित कई पार्षदों ने अनिल स्वामी और राजेंद्र त्यागी के बातों की काट की। बोर्ड बैठक में कुल 29 प्रस्तावों में सिर्फ 10 प्रस्तावों पर ही चर्चा हो पाई। महापौर आशा शर्मा ने जल्द अगली बोर्ड बैठक शनिवार को बुलाने के संकेत दिए। ताकि अन्य प्रस्तावों पर चर्चा हो सके। यह अंतिम बोर्ड बैठक ही इस सदन की मानी जा रही हैं। 20 प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हो पाई। बोर्ड बैठक में महापौर एवं पार्षदों ने नवनिर्वाचित पार्षद कुसुम सिंह को गुलाब का फूल देकर उनका सम्मान किया। बोर्ड बैठक के शुरू होते ही सबसे पहले बीते 7 जून को हुई बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव की पुष्टि को लेकर हंगामा शुरू हुआ। भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने सवाल उठाया। उनका कहना था कि स्मार्ट पार्किंग,1702 दुकानों का किराया बढ़ाने और टैक्स में वृद्धि करने का प्रस्ताव की पुष्टि नहीं हुई तो फिर उससे पहले नगर निगम प्रशासन ने शासन की अनुमति के लिए क्यों भेज दिया। पार्षद राजीव शर्मा ने दुकानों का किराया बढ़ोत्तरी डीएम सर्किल रेट के बजाय किराये को दो गुणा, तीन गुणा या फिर चार गुणा करने की बात कही। राजीव शर्मा ने कहा कि कई ऐसी दुकानें हैं जिसकी स्थिति बेहद खराब है और उनके लिए डीएम सर्किल रेट के हिसाब से किराया बढ़ाना वाजिब नहीं है। पार्षद अनिल स्वामी ने भी मामला उठाया। उन्होंने कहा कि जो भी प्रस्ताव पुष्टि के लिए आया है। उसमें सर्वसम्मति शब्द का इस्तेमाल किया गया। जबकि यह शब्द इस्तेमाल करना उचित नहीं है। उनका कहना था कि कोई भी प्रस्ताव पास करते समय बहुमत शब्द का यूज किया जा सकता है। कांग्रेसी पार्षद मनोज चौधरी का कहना था कि सफाई का व्यवस्था को प्राइवेट हाथों में दे दिया गया है। इससे सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है।

निगम पार्षद जाकिर अली सैफी ने कहा कि पूर्व में प्रस्ताव पास हो चुका है कि प्रत्येक वार्ड में 60-60 लाख रुपए के विकास कार्य होंगे। मगर विकास कार्य क्यों नहीं हुए। यह सदन का अपमान है। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह ने पार्षदों द्वारा दागे गए सवालों को बेबाकी से जवाब दिया और सभी सवालों का प्वाइंट टू प्वाइंट जवाब दिया। उन्होंने कहा कि शासन ने नगर निगम बोर्ड में पास नहीं हुए प्रस्ताव के संबंध में अनुमति मांगी है। प्रशासनिक अधिकार के तहत शासन को भेजा गया। पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है कि ऐसा नहीं है। नगर निगम अधिनियम में ऐसी व्यवस्था है कि शासन भी अगर कोई निर्देश जारी करेगा तो भी उसे कार्यकारिणी या बोर्ड में पहले रखा जाएगा इसके बाद अमल में लाया जाएगा। शासन के निर्देश को नगर निगम मानने के लिए बाध्य नहीं है। दूसरी ओर ठेके पर रखे गए ड्राइवरों ने आरोप लगाया कि वह पिछले 30 साल से निगम में ठेके पर नौकरी कर रहे हैं। मगर अब काम प्राइवेट कंपनी को दिए जाने से उनके नौकरी चली गई है। उन्होंने जो भी पार्षद सदन में आए उनको फूल देकर अपना विरोध जताया।भाजपा और विपक्षी दलों के पार्षदों में जहां आपस में खूब हंगामा हुआ। वहीं,सुबह 11 बजे से शुरू होकर शाम 7 बजे तक चली बोर्ड बैठक में पार्षदों ने निगम अधिकारियों को घेरने का प्रयास किया। मगर नगर आयुक्त महेंद्र सिंह ने बोर्ड बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि नगर निगम का हित और शहर में विकास कार्यों को तव्वजों देते हुए नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा।

बोर्ड बैठक में अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव, अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव, एकाउंट आॅफिसर राजेश कुमार गौतम, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ.संजीव सिन्हा, उद्यान प्रभारी डॉ.अनुज सिंह, जलकल महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी, नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ. मिथलेश, जोनल प्रभारी,अधिशासी अभियंता आदि मौजूद रहे।

नगर आयुक्त ने सभी बातों का प्वाइंट टू प्वाइंट जवाब दिया
बोर्ड बैठक के दौरान पार्षदों द्वारा उठाये गये सभी मुद्दों का नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने प्वाइंट टू प्वाइंट जवाब दिया। नगरायुक्त ने कहा कि हर व्यवस्था में सुधार की गुजाइंश रहती है। यदि किसी प्रस्ताव या योजना में कोई कमी है तो उसे दूरस्त करते हुए अमलीजामा पहनाना चाहिये। सिर्फ आलोचना करके रूकावट डाल देना अच्छी आदत नहीं मानी जा सकती है। व्यवस्था की कमियों पर ध्यान देना चाहिये लेकिन कमियों के साथ साथ मंशा पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिये। सदन में कोई बात होती हे तो वह व्यक्तिगत नहीं होना चाहिये। अधिकारी बदलते रहते हैं, पार्षद बदलते रहते हैं। ऐसे में हमें सदन के निर्णय के साथ नगर निगम हित को सर्वोपरि रखना होगा। व्यवस्थाओं को सही किये जाने की जरूरत हैं, मैं उसके लिए काम कर रहा हूं और करता रहूंगा। यदि वर्षों पहले कोई काम नहीं हुआ तो इसका यह कतई मतलब नहीं है कि अब भी उसे नहीं किया जाये।

पार्षद संजय सिंह ने उठाया कुत्तों का मामला
महापौर आशा शर्मा ने इंदिरापुरम वार्ड-100 के पार्षद संजय सिंह द्वारा कुत्तों पर कार्रवाई को लेकर दिए गए प्रस्ताव पत्र को फाड़ दिया। संजय सिंह ने कहा कि कुत्तों के काटने से लोग परेशान हैं। ऐसे में इस समस्या से शहरवासियों को निजात दिलानी चाहिये। संजय सिंह ने दुकानों के किराया बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि किसी को भी व्यक्तिगत हित के बजाय नगर निगम के हित पर ध्यान देना चाहिये। कई पार्षदों ने संजय सिंह की बातों का समर्थन किया। इस बात पर सदन में पार्षदों के बीच जमकर हंगामा हुआ। वहीं, कांग्रेस पार्षद जाकिर अली के बोलते ही भाजपा पार्षद सुनील यादव के बोलने पर उनके बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हुई। पार्षदों ने बैठक में अंतिम बैठक होने का खूब दुखड़ा रोया। वार्डों में विकास कार्य नहीं होने से लेकर कानून से ऊपर निगम अधिकारी नहीं होने को लेकर भी खूब हंगामा किया।बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रीयल एरिया में बड़े वाहनों की पार्किंग का ठेका दिसंबर के बाद नहीं दिया जाने पर सहमति बनीं। भाजपा के नामित पार्षद प्रदीप चौहान ने शेर सुनाते हुए कहा कि हवा को कह दो कि खुद को अजमाएं, बहुत चिराग बुझाती है,एक तो जलाकर दिखाएं। यह बात पार्किंग और टैक्स को लेकर कहा गया।

निगम की 1702 दुकानों का तीन श्रेणी में बढ़ेगा किराया,बनेगी स्मार्ट पार्किंग
नगर निगम सदन की बोर्ड बैठक में रखे गए कुल 29 प्रस्तावों में सिर्फ 10 प्रस्तावों पर चर्चा हो पाई। नगर निगम बोर्ड बैठक में महापौर के समक्ष पार्षदों द्वारा हंगामा किए जाने के बाद उन्होंने निर्णय लिया कि शहर में निगम की 1702 दुकानों का ए,बी,सी श्रेणी में किराया में बढ़ोतरी होगी। इसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी।डीएम सर्किल रेट के आधार पर श्रेणी वार किराया लिया जा सकेगा। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि 25 साल का किराया नहीं बल्कि वर्तमान दर पर किराया लिया जाएगा।वर्ष-1997 से लेकर अब तक किराया नहीं बढ़ाया गया। ऐसे में श्रेणीवार किराया तय होगा। वहीं, शहर में स्मार्ट एंड इंटीग्रेटेड पार्किंग के लिए तीन पार्षद एवं तीन अधिकारियों की कमेटी बनेगी। पार्किंग कमेटी रेट तय करेगी। वहीं,पार्किंग स्थल,वाहन उठाने की पावर नहीं देने समेत अन्य जोनवार पार्किंग बनाए जाने की मांग पार्षदों द्वारा की गई।

नई पार्किंग व्यवस्था को लेकर हुई लंबी बहस
शहर में नगर निगम इंटीग्रेटिड स्मार्ट पार्किंग सिस्टम लागू करने वाला है। शासन से इसकी मंजूरी ले ली गई है। क्योंकि पिछली बार सदन द्वारा इस व्यवस्था को नकार दिया गया था और बाद में शासन से अनुमति लेकर इसे लागू करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए पार्षदों ने नगरायुक्त को जमकर घेरा। नई पार्किंग व्यवस्था को लेकर बैठक में घंटो बहस होती रही। पार्षद राजेन्द्र त्यागी, अनिल स्वामी और हिमांशु मित्तल ने नई पार्किंग व्यवस्था के नाम पर पार्किंग माफिया के हावी होने, पार्किंग का ठेका लंबे समय तक एक फर्म को दिए जाने जैसे प्रश्न नगरायुक्त पर दागे। महापौर की स्वीकृति से नई पार्किंग व्यवस्था को लागू करने से पहले एक 3 सदस्यीय कमेटी के गठन के निर्देश दिए गए। जिसमें ठेके की अवधि, पार्किंग शुल्क और अवैध पार्किंग के जुमार्ने पर रिपोर्ट तैयार कर 1 हफ्ते में सुझाव दिए जाएंगे। जिसे नई पार्किंग व्यवस्था में लागू किया जाएगा।

नए किराया दरों के लिए हुआ वर्गीकरण
बैठक के दौरान दुकानों के किराया वृद्धि के प्रस्ताव को लेकर भी चर्चा हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि पूरे शहर में दुकानों का किराया बढाए जाने की दरें अलग-अलग होंगी। तीन श्रेणियों में किराए की दरें बढाई जाएंगी। जिसमें व्यस्त बाजारों से लेकर कम व्यस्त व साधारण इलाकों में दुकानों के किराए में क्षेत्र के हिसाब से बढोतरी होगी।

वार्डों में विकास कार्य कराने को लेकर लगा भेदभाव का आरोप
कांग्रेस पार्षद जाकिर सैफी ने आरोप लगाया कि वार्डों में विकास कार्य को लेकर नगर निगम भेदभाव कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में कहा गया था कि हर वार्ड में 60-60 लाख के काम होने की बात शुरू की गई थी। लेकिन केवल कुछ चहेते वार्डों में ही काम किए गए, बाकि वार्डों में काम शुरू भी नहीं हो सका। महापौर ने जल्द ही वार्डों में काम शुरू होने का वादा किया।

अन्य मुद्दों पर भी हुआ जमकर बवाल
अधिकारियों द्वारा विकास कार्यों को लेकर सुस्त रवैया अपनाने का आरोप कई पार्षदों ने लगाया। खासतौर पर महिला पार्षदों ने अपने वार्डों में अधिकारियों द्वारा ध्यान ना दिए जाने का आरोप लगाया। इसके अलावा बैठक में कुत्तों की बढ रहीं समस्याओं को लेकर भी कई पार्षदों ने अपनी आवाज उठाने और समाधान की मांग की।