ऑनलाइन दवा बेचने पर अमेजन और फ्लिपकार्ट समेत 20 को नोटिस

-गाजियाबाद केमिस्ट एसोसिएशन ने डीसीजीआई की कार्रवाई का किया समर्थन

गाजियाबाद। देश में ऑनलाइन दवा बेचने का व्यापार जोरों पर चल रहा है। ऑनलाइन दवा बेचने का विरोध पिछले काफी समय से गाजियाबाद केमिस्ट एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है। जिसके विरोध में पूर्व में भी कई बार प्रदर्शन कर चुका है। ऑनलाइन दवा बेचने वालों को डीसीजीआई (ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया) ने अमेजॉन, फ्लिपकार्ट समेत 20 हेल्थ ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस जारी बिना लाइसेंस दवा बेचने का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन कंपनियों से मानदंडों के उल्लंघन में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री करने पर जवाब मांगा गया हैं। जिसके समर्थन में मंगलवार को गाजियाबाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने खुशी जाहिर की। विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिस में विभाग ने भी मान लिया है कि यह व्यापार पूरी तरह से अवैध है। जिसकी सभी दवा व्यापारी एवं संगठन ने विभाग की इस कार्यवाही के लिए प्रशंसा की।

अध्यक्ष राजदेव त्यागी ने बताया कि ऑनलाइन दवा बेचने से कम गुणवत्ता वाली व मिस ब्रांडेड दवाईयों का विक्रय बढ़। ऑनलाइन से प्रतिबंधित दवाइयों का खुलेआम बिक्री हो रहा हैं, जो मानवता के लिए घातक हो सकता है। भ्रमित व अपूर्ण विज्ञापनों के कारण ऑनलाइन फार्मेसी का व्यापार पनप रहा है। यह मेडिकल एक्ट का खुला उल्लंघन है। ऑनलाइन दवा विक्रय व्यवसाय देश में दवा के उचित वितरण प्रणाली को बर्बाद कर रही है। उन्होंने बताया कि कोडीन युक्त व नींद वाली दवाइयां पूरी तरह प्रतिबंधित है। युवा इन दवाइयों का उपयोग नशे के रूप में करने के कारण सरकार ने इसकी बिक्री बंद करवा रखा है। साथ ही इसके विकल्प के रूप में दी जाने वाली दवाइयों की बिक्री का भी पूरा रिकॉर्ड रखना होता है। मगर ऑनलाइन दवा बिक्री में इस तरह कोई भी पाबंदी नहीं की गई। जिसके चलते कहीं न कहीं युवा पीढ़ी इस नशे की आदि हो रहीं है। मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवाईयां भी बिना किसी डॉक्टर के पर्चें की बिना नही दी जाती हैं।

मगर ऑनलाइन दवा का कारोबार शुरु होने स यह धड़ल्ले दी जा रही है। जिस तरह विभाग द्वारा ऑनलाइन दवा का कारोबार करने वाली कंपनियों को नोटिस दिया गया हैं, वह सराहनीय कार्य है। देर सही, मगर कार्रवाई तो शुरू हुई। विभाग इस अवैध दवा बिक्री पर रोक लगाएगा। जिससे कि आम जनमानस को सही दवा उपलब्ध हो पाएगी। अध्यक्ष ने बताया कि विभाग द्वारा दिए गए नोटिस में निम्र बातों पर ध्यान देना बेहद जरुरी है। जिसमें छय (टीबी) रोग से संबंधित दवाओं का रिकॉर्ड सुरक्षित रखें। नींद वाली दवाओं का विक्रय डॉक्टर के पर्चे पर ही करें एवं रिकॉर्ड सुरक्षित रखें। दवा का क्रय, विक्रय बिल के माध्यम से ही करें। कोई भी थोक दवा व्यापारी फुटकर में दवा ना बेचे। दवा का व्यापार, व्यापार नहीं मानव सेवा भी है। इस दौरान महामंत्री आर पचौरी, यश्वनी कुमार गोयल कोषाध्यक्ष, अमित बंसल, राहुल शर्मा मंत्री, रविंद्र शर्मा, विनोद कुमार क्षेत्रीय मंत्री विजयनगर, प्रमोद गर्ग क्षेत्र मंत्री विजय नगर समेत सैकड़ो व्यापारी उपस्थित रहें।