इस्तीफे की मांग, गर्वमेंट हाउस घेरा, पीछे हटी पुलिस
थाईलैंड। थाईलैंड में सरकार के खिलाफ जनता का आक्रोश और भड़क गया है। आक्रोशित भीड़ ने बुधवार को गवर्नमेंट हाउस को घेरकर जमकर हंगामा किया। स्थिति को भांपकर पुलिस फोर्स को कदम पीछे करने पड़े। प्रदर्शनकारियों ने देश का नया संविधान बनाने और पुन: चुनाव कराने की पुरजोर मांग की। इस बीच अफरा-तफरी मची रही। गवर्नमेंट हाउस के बाहर खासी हलचल रही। थाईलैंड में गवर्नमेंट हाउस को सरकार का आधिकारिक परिसर माना जाता है। गवर्नमेंट हाउस में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अलावा सभी महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं। देश का नया संविधान बनाने और पुन: चुनाव कराने की मांग जोर-शोर से उठ रही है। नागरिकों ने अब सड़कों पर उतर कर सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। थाईलैंड में पिछले 3 माह से गतिरोध की स्थिति है। हजारों की संख्या में नागरिकों ने बुधवार को गवर्नमेंट हाउस के बाहर हंगामा किया। राजधानी बैंकाक में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। प्रदर्शनकारियों की बढ़ती भीड़ ने पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री प्रयुत्त चान-ओ-चा के इस्तीफे की मांग की। कोरोना काल में सरकारी भ्रष्टाचार से आजिज आकर नागरिकों को लामबंद होना पड़ा है। नागरिकों का कहना है कि जनहित में सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। देश में नौकरशाही में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। पहले थाईलैंड की सेना प्रमुख रहे प्रयुत्त चान-ओ-चा ने 2014 में तख्तापलट कर देश की बागडोर हथिया ली थी। उन्हीं के नेतृत्व में 2016 में थाईलैंड का नया संविधान तैयार किया गया था। संविधान में कई ऐसे नियम बनाए गए, जो मानवाधिकार के खिलाफ थे। इसमें सरकार और राजा के आलोचकों को गंभीर सजा का प्रावधान भी है। थाईलैंड में 2019 में संपन्न चुनाव में प्रयुत्त की पार्टी ने बाजी मारी थी। जनता का आरोप है कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई। पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से चुनाव नहीं कराए गए थे।