गौतम पब्लिक व रोज वैली स्कूल में धूमधाम से मनाया गया गणतंत्र दिवस बच्चों ने देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत कर शहीदों को किया नमन

-देशभक्तों के त्याग, तप और बलिदान से जुड़ा है गणतंत्र दिवस: पूनम गौतम
-त्याग, तप और बलिदान से बने हम तंत्र के गण: तनूजा

गाजियाबाद। हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए… गणतंत्र दिवस की पावन बेला पर कण-कण, गण तंत्र की गौरव गाथा की अमर कहानी गा रहा है। जिलेभर में 75 वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर माहौल देश भक्तिमय बना दिया। छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति के गीतों पर नृत्य किया। राजस्थानी, हरियाणवी व पंजाब गिद्दा की प्रस्तुति ने भी मन मोह लिया। शुक्रवार को प्रताप विहार स्थित गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल और बाइपास स्थित रोज वैली पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय पर्व 75 वां गणतंत्र दिवस सादगी पूर्वक आकर्षक तरीके से मनाया गया।

जिसमें जूनियर विंग के छात्रों ने काइट मेकिंग, ट्राई कलर पीजन मेकिंग, फ्लैग, फ्लावर मेकिंग, निबंध लेखन, क्यूज कम्पीटीशन, पोस्टर मेकिंग और देशभक्ति गीत, नृत्य इत्यादि कम्पीटिशन आयोजित किया गया। विद्यालय के निदेशक आशीष गौतम, प्रधानाचार्या पूनम गौतम, उप प्रधानाचार्या तनूजा, एकेडमिक हेड चेतन शर्मा ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने झंडे को सलामी देते हुए राष्ट्रगान किया। विद्यालय के बच्चों द्वारा देशभक्ति प्रस्तुति के माध्यम से गणतंत्र दिवस पर देश के शहीदों को नमन किया गया।

प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने कहा 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ उसके बाद से ही इस दिन को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष देशभर में भारत का संविधान लागू हुए 74 वर्ष पूरे हो चुके हैं और 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। 1950 से इसकी शुरुआत हुई है और हर साल ये दिन खास थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल भारत सरकार द्वारा भारत-लोकतंत्र की मातृका (जननी) की थीम पर ये दिवस मनाया जा रहा है।  इस आयोजन में जहां गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी मिली है। विद्यालय के अध्यापक-अध्यापिका ने भी खूब मेहनत की। इस बारे में भी जानकारी दी।

उप प्रधानाचार्या तनूजा ने कहा 26 जनवरी, 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था। यह न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूल्यों का सम्मान करने का भी दिन है। गणतंत्र दिवस हमारी विविधता में एकता का उत्सव है। भारत में विभिन्न संस्कृतियाँ, भाषाएँ, धर्म और परंपराएं हैं। हमारा तिरंगा झंडा इस एकता का प्रतीक है। केसरिया रंग शक्ति और साहस का प्रतीक है, सफेद मध्य पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सच्चाई का प्रतीक है, और हरा रंग हमारी भूमि की उर्वरता, विकास और शुभता को दर्शाता है। हम पिछले वर्षों में भारत द्वारा की गई प्रगति को भी स्वीकार करें।

द्योगिकी, चिकित्सा, विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण में हमारी प्रगति ने हमें विश्व मानचित्र पर लाकर खड़ा किया है। गणतंत्र दिवस का यह पर्व हमारे देशभक्तों के त्याग, तप और बलिदान से जुड़ा हुआ है। आजादी हासिल करने के लिए हमें एक लम्बा संघर्ष करना पड़ा। इसके लिए अनेक महान स्वतंत्रता सेनानियों, अमर शहीदों और देशभक्तों ने अंग्रेजी हुकूमत की अमानवीय यातनाएं सही और अमूल्य बलिदान दिए। एकेडमिक हेड चेतन शर्मा ने कहा देश इस साल अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है।

गणतंत्र दिवस के साथ देशभक्तों के त्याग और बलिदान की एक लंबी गौरवगाथा जुड़ी हुई है। देश को आजादी दिलाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और उधम सिंह जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने लम्बा संघर्ष किया। वर्ष 1950 में इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।