रिहाना-ग्रेटा थनबर्ग को भारत की नसीहत

किसान आंदोलन में विदेशी हस्तियों का दखल

नई दिल्ली। दिल्ली में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन निरंतर जारी है। इस बीच अमेरिकी सिंगर रिहाना और पर्यावरण विशेषज्ञ ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया जाहिर की है। इसके बाद सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा हो गया है। रिहाना और थनबर्ग के पक्ष और विरोध में यूजर्स की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स से लुभाने का तरीका खासकर जब मशहूर हस्तियों और अन्य नागरिकों द्वारा किया गया हो तो यह न तो सटीक है और ना जिम्मेदाराना है। मंत्रालय का कहना है कि इस प्रकार के मामलों पर टिप्पणी करने से पहले हम आग्रह करते हैं कि तथ्यों का पता लगाया जाए और मुद्दों की उचित समझ की जाए। भारत की संसद ने पूर्ण बहस और चर्चा के उपरांत कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून पारित किए। दरअसल अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना ने दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट बंद होने पर एक न्यूज वेबसाइट की खबर को शेयर कर किसानों का समर्थन किया है। रिहाना ने ट्विटर पर लिखा कि हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में हैशटैग भी लगाया। अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना के बाद ग्रेटा थनबर्ग ने भी किसान आंदोलन पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि हम भारत में जारी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं। ग्रेटा ने अपने ट्वीट में हैशटैग भी लगाया। बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 70 दिनों से किसान आंदोलन चल रहा है। किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की पुरजोर मांग कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।