घोटाला: विकास के नाम पर 58 लाख रुपए का कर गये खेल

अम्बेडकर नगर जनपद में ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव और बीडीओ पर लगे गंभीर आरोप

विकास के धन को डकार गए ग्राम प्रधान व सचिव

ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, ठीक से जांच नही होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

अम्बेडकर नगर। उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर जनपद में विकास कार्यों के नाम पर करीब 58 लाख रुपए का घपला होने का मामला प्रकाश में आया है। विगत पांच वर्षो के दौरान तहसील क्षेत्र के गांव में करोड़ों रुपये की निधि आने के बाद धरातल पर विकास कार्य नजर नहीं आ रहा है। ग्राम सभा के नागरिकों के सामने मुख्य बिंदुओं पर की गई शिकायत के बाद इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। केंद्र और राज्य सरकार जहां ग्राम पंचायतों में विकास के चार चांद लगाकर ग्राम पंचायतों का शहरों की तर्ज पर विकास कराने की योजनाएं बनाई रही है। वहीं, सरकार की योजनाओं को ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत के चलते पलीता लगाया जा रहा है। घपले में ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के साथ-साथ बीडीओ एवं एडीओ पर भी उंगलियां उठी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इस मामले में बीडीओ एवं एडीओ भी शामिल हैं, इसलिए मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद गठित जांच कमेटी ने जांच करने के बजाय सिर्फ खानापूर्ति कर वापस लौट गई। इसको लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों ने घोटाले के खिलाफ आंदोलन छेडऩे की बात कहीं है।
यह मामला विकास खंड भीटी के ग्राम पंचायत रुदऊपुर का है। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान रीना सिंह व उनके पति शत्रुघ्न सिंह पर गंभीर आरोप मढ़े हैं। आरोप है कि ग्राम सभा में विकास कार्यों के नाम पर करीब 58 लाख रुपए की हेराफेरी की गई है।

रुदउपुर के ग्रामीणों ने कुछ दिन पहले ग्राम सभा में कराए गए विकास कार्यों की बावत जिला प्रशासन से कुछ बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। शिकायत होने पर एडीओ खुद जांच टीम के साथ ग्राम पंचायत रुद्रपुर में पहुंचे। उनके साथ ग्राम सभा के सचिव अमरदीप पांडे भी थे। एडीओ ने ग्राम सभा के नागरिकों के सामने मुख्य बिंदुओं पर मांगी गई जन सूचना पढनी शुरू की, जिसमें कई बिंदुओं पर कार्य के नाम पर सिर्फ धन की बंदरबाट होने का मामला सामने आया। ऐसे में ग्रामीणों में आक्रोश उत्पन्न हो गया है। नाराज ग्रामीणों को मौके पर जैसे-तैसे शांत कराया गया। ग्रामीणों ने विकास कार्यों के स्थलीय निरीक्षण की मांग की। जब बीडीओ ने स्थलीय निरीक्षण शुरू किया तो उसमें कई बिंदुओं पर विकास के नाम पर सिर्फ धन का बंदरबांंट होना पाया गया।

ग्रामीणों का आरोप है कि 5 साल में इस ग्राम सभा में विकास के नाम पर सचिव अमरदीप पांडे और ग्राम प्रधान पति शत्रुघ्न सिंह ने मिल बांटकर पैसों को हजम कर लिया है। आरोप है कि विरोध करने पर ग्राम प्रधान के भाई ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी तक देते हैं। ग्राम सभा में बढ़ते जनाक्रोश को देखकर बीडीओ जांच को अधूरा छोड़ कर वहां से रवाना हो गए। इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने इस मामले में जांच न होने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खट-खटाने की धमकी दी है।
विकास की आड़ में गांव में फैली भ्रष्टाचार की जड़:
भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और खुद प्रधानमंत्री के नाम रोजाना सैकड़ों शिकायतें आती हैं। शिकायतों में बताया जाता है कि किस तरह से प्रधान, सरपंच, सचिव व रोजगार सेवक के अलावा तहसील-ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार का गठजोड़ बना हुआ है। उनका दिल्ली तक सरकारी धन के बंदरबांट करने को लेकर आपसी तालमेल बड़ा मजबूत है। सबका हिस्सा निर्धारित होता है। उनके द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार की कोई शिकायत करने की हिम्मत भी करता है तो वह लोग शिकायतकर्ता को फर्जी मामले में फंसा देते हैं। बिना घूस खाए ये भ्रष्टाचारी कीड़े किसी को पक्का मकान, सड़कें, शौचालय आदि सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने देते।

ग्राम सदस्य मीरा पांडेय, अरविंद सैनी, अखिलेश तिवारी, शुभम तिवारी, राजन तिवारी, विनय मिश्र ने इस घोटाले के खिलाफ आवाज बुलंद की है। उनका कहना है कि हैंडपंप, स्ट्रीट लाइट व प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम पर सरकारी धन का गबन किया गया है। मामले की जांच करने की बजाए प्रशासन ढुलमूल रवैया अपना रहा है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम पर मिलने वाले एक लाख बीस हजार रुपए में से 40 हजार रुपए रिश्वत ली गई है।

पीएम आवास योजना के नाम पर मिलने भी रकम के नाम पर भी 70 हजार रुपए की रिश्वत ली गई। स्ट्रीट लाइट और हैंडपंप ठीक कराने के नाम पर कई लाख रुपए का खेल किया गया है। आज भी गांव की हालत खराब है। हैंडपंप खराब पड़े हैं। स्ट्रीट लाइटें चालू हालत में नहीं हैं। बुनियादी सुविधाएं न मिलने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि लोगों के आंगन में लगे निजी हैंडपंप को भी सरकारी हैंडपंप दर्शाकर पैसों की लूट की गई है। कुछ प्राथमिक विद्यालयों में लगे हैंडपंप की हालत यह कि वर्षो से खराब पड़े हैंडपंप का हत्था तक नही है, जिनकी सुध आज तक ग्राम प्रधान ने नही ली।
इन्होंने कहा..
ग्राम पंचायतों किए जा रहे विकास कार्यो में धांधली की शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। दोषी के खिलाफ कार्रवाई अमल में ला जाएगी। ग्रामीणों की ओर से कोई लिखित शिकायत नही मिली है।
अमर बहादुर तिवारी, एडीओ

मेरे ऊपर लगाये गये आरोप निराधार है। कोर्ई भ्रष्टाचार नही हुआ है। ग्राम प्रधान का चुनाव नजदीक है इस कारण यह आरोप कुछ लोगों द्वारा मेरी छवि खराब करने के लिए लगाये जा रहे हैं।
शत्रुघ्न सिंह, ग्राम प्रधान पति