सीनियर IAS रवि कुमार एनजी करेंगे ग्रेटर नोएडा की समस्याओं का स्थायी समाधान बोले टेम्पररी इंतजाम से नहीं चलेगा काम

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ IAS रवि कुमार एनजी की कार्यशैली अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से जुदा है। वह लोगों की शिकायतों को सुनने से लेकर शिकायतों का निस्तारण होने तक नजर रखते हैं। ग्रेटर नोएडा के सीईओ का पदभार संभाले रवि कुमार को अभी एक महीना भी नहीं हुआ है, लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कार्यशैली में दिख रहे बदलाव की चर्चा शहर में होने लगी है। दरअसल सबसे अधिक चर्चा सीईओ के व्यवहार और शिकायतों के निस्तारण को लेकर अपनाई जा रही अप्रोच को लेकर हो रही है। सीईओ का स्पष्ट रूप से कहना है कि किसानों के हितों को प्राथमिकता पर रखते हुए नियमानुसार हर हाल में उनकी मांगों को पूरा किया जायेगा। शहर के विकास के लिए किसानों ने अपनी जमीनें दी है। ऐसे में किसानों की किसी भी तरह से अनदेखी नहीं होगी। किसानों की यदि कोई पीड़ा है तो उसे दूर किया जाएगा।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रवि कुमार एनजी किसी समस्या के टेम्पररी इलाज नहीं बल्कि स्थाई समाधान में विश्वास रखते हैं। सीईओ की इसी कार्यशैली की ­झलक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में दिखाई देने लगी है। ग्रेटर नोएडा के सीईओ का पदभार संभाले रवि कुमार को अभी एक महीना भी नहीं हुआ है, लेकिन प्राधिकरण की कार्यशैली में दिख रहे बदलाव की चर्चा शहर में होने लगी है। दरअसल सबसे अधिक चर्चा सीईओ के व्यवहार और शिकायतों के निस्तारण को लेकर अपनाई जा रही अप्रोच को लेकर हो रही है। पूर्व में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय का मेन गेट बंद रहता था। किसानों, आवंटियों और आम लोगों का प्राधिकरण में प्रवेश पास आधरित था। विशेष परिस्थितियों में प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के बाद ही किसी को प्राधिकरण कार्यालय में प्रवेश करने दिया जाता था। लेकिन रवि कुमार एनजी द्वारा पदभार संभालने के बाद से व्यवस्था बदल गई है। प्राधिकरण की मेन गेट की बात छोड़िये सीईओ कार्यालय का कक्ष हमेशा फरियादियों और आम लोगों के लिए खुला रहता है। प्रतिदिन सुबह में दो घंटे तक सीईओ रवि एनजी आवंटियों, किसानों और शहरवासियों से मिलते हैं। निर्धारित अवधि के अलावा किसी अन्य समय में भी कोई मिलने आता है तो सीईओ उनसे मिलते हैं। लोगों की बात सुनने के बाद उनकी शिकायतों और समस्याओं का समाधान कराते हैं। सीईओ पीड़ित, फरियादियों की शिकायतों का निस्ताण होने तक पूरी नजर रखते हैं और फीडबैक भी लेते हैं। सीईओ के इस व्यवहार से शहरवासी काफी खुश हैं और इसकी चर्चा भी कर रहे हैं।

सीनियर IAS रवि एनजी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ का पदभार संभालने के बाद अधिकारियों के साथ पहली बैठक में ही अपना अप्रोच और प्राथमिकता स्पष्ट कर दी थी। सीईओ ने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा था कि वह टेम्पररी इंतजाम नहीं बल्कि समस्याओं के स्थायी समाधान में विश्वास करते हैं। ऐसे में शहर में कराये जाने वाले विकास कार्यों एवं लोगों की शिकायतों के निस्तारण में यही अप्रोच अपनाया जाये। सड़कों की व्यवस्था सुधारने को लेकर सीईओ ने प्रोजेक्ट एवं निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सड़क निर्माण में ऐसा तरीका अपनाये जिससे कि भविष्य में रोड कटिंग की समस्या से बचा जा सके। कई बार नई सड़क बन जाने के बाद सड़क के बीच से केबिल या पाईपलाइन निकालने के लिए रोड की खुदाई कर दी जाती है। इससे सड़क खराब हो जाती है और धन की बर्बादी होती है। इस समस्या से स्थायी रूप से निपटने के लिए सीईओ ने प्लानिंग करने को कहा है। सीईओ का कहना है कि जिन स्थानों पर जलभराव की संभावना है वहां आरसीसी की सड़कें बनाई जाये, सड़क के कुछ हिस्सों में जहां संभव हो वहां हाई स्ट्रेंथ की इंटरलॉकिंग टाइलें लगाई जाये। ऐसा करने से केबिल या पाइप लाइन निकालने के लिए रोड कटिंग नहीं करनी पड़ेगी और खुदाई करने के बाद दोबारा से वहीं इंटरलॉकिंग टाइल्स सड़क पर लगा दी जायेगी। अंडरपास में जलभराव की समस्या से निपटने को लेकर स्थायी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। शहर की सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने के साथ पार्कों के विकास पर सीईओ का ध्यान है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सबसे बड़ी समस्या किसानों को लेकर है। सीईओ का स्पष्ट रूप से कहना है कि किसानों के हितों को प्राथमिकता पर रखते हुए नियमानुसार हर हाल में उनकी मांगों को पूरा किया जायेगा। शहर के विकास के लिए किसानों ने अपनी जमीनें दी है। ऐसे में किसानों की अनदेखी किसी तरह से बर्दाश्त नहीं होगी। किसानों की यदि कोई पीड़ा है तो उसे दूर किया जाएगा।

ग्रेनो वेस्ट की जाम की समस्या का स्थायी समाधान
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जाम बड़ी समस्या है। चार मूर्ति चौक के पास सुबह और शाम में काफी जाम लग जाता है। ऐसे में जाम की समस्या का स्थायी समाधान के लिए चार मूर्ति चौक पर जल्द अंडरपास बनेगा। इसके निर्माण पर लगभग 80 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आबादी तेजी से बढ़ रही है। गौड़ चौक मुख्य चौराहा है। ट्रैफिक जाम की समस्या न हो, इसके लिए अस्थायी विकल्प के तौर पर चौराहे के दोनों तरफ दो यूटर्न बने हैं। गौड़ सिटी की तरफ से सूरजपुर या नोएडा को जाने वाले वाहन 130 मीटर रोड पर बने यूटर्न से होकर गुजरते हैं। इसी तरह 130 मीटर रोड या सूरजपुर की तरफ से गौड़ सिटी व प्रताप विहार को जाने वाले वाहन नोएडा की तरफ बने यूटर्न से होकर जाते हैं। अब इस समस्या का स्थायी समाधान कराने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने योजना पर अमल शुरू कर दी है। अंडरपास चौराहे पर 130 मीटर रोड को क्रॉस करते हुए 60 मीटर रोड के पैरलल बनेगा। यानी प्रताप विहार से सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा के बीच वाहन इस अंडरपास से होकर गुजरेंगे। अंडरपास का निर्माण शुरू होने के बाद पूरा होने में करीब दो साल का समय लगने का अनुमान है।