-ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन की मांग, लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण समाज को भी मिले अवसर
लखनऊ। ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन की आवाज को एक बार फिर से अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री एवं ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने उठाना शुरु कर दिया है। देश के कई राज्यों में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन हो चुका है, मगर जिन राज्यों में नही हुआ है, वहां की सरकारों से ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन की मांग की जा रही है। शुक्रवार को तरुण मिश्र ने उत्तर प्रदेश सरकार के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। तरुण मिश्र ने उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से मुलाकात करते हुए कहा कि ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन के लिए कई बार आपको पत्र दिया जा चुका है, मगर सरकार की ओर से अभी तक कोई भी सकारात्मक परिणाम सामने नही आया है। सरकार ब्राह्मणों की मांगों को अनदेखा कर रही है। जिसका असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा ब्राह्मण समाज के कई लोग गरीबी रेखा से भी नीचे हैं। उनके विकास के लिए सरकार दोनों को सोचना होगा। वर्तमान में ब्राह्मणों की स्थिति दयनीय हो गई है, चाहे वह शिक्षा से संबंधित हो या स्वास्थ्य से हो। हमारी संस्था ब्राह्मणों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही है।
उत्तर प्रदेश का पूरा ब्राह्मण समाज आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह से उनके हित में कार्य कर सकते है। हमें किसी अन्य समाज से कोई भेदभाव नही हैं, मगर जो स्थिति आज ब्राह्मण समाज की है उसे अगर अब नही सुधारा गया तो आने वाला समय और घातक साबित हो सकता है। इसलिए पुजारी कल्याण बोर्ड के अस्तित्व को बदलकर ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन करें। जिससे ब्राह्मण समाज के अस्तित्व को बचाया जा सकें। पूर्व की मुलाकात में भी आपने आश्वासन दिया था, वह समय अब आ गया है। आपके इस कार्य से पूरे ब्राह्मण समाज का कल्याण होगा। जब सभी समाज के लोगों को उनका हक मिल रहा है तो अपने हक के लिए ब्राह्मण समाज पीछे क्यों रहें। तरुण मिश्र ने उत्तर प्रदेश में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में फैले भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि जिस तरह सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं ध्वस्त हो चुकी है, उसे सुधारने की जरूरत है।
सरकारी अस्पतालों में सही उपचार न मिलने के कारण लोगों को प्राइवेट अस्पतालों की तरफ अपना रुख करना पड़ रहा है। वहां जाने पर उनकी जेबे काटी जाती है। लेकिन गरीब आदमी प्राइवेट अस्पताल की तरफ कदम भी नही रख सकता। जिसकी वजह है, प्राइवेट अस्पतालों में उपचार के नाम पर फैला भ्रष्टाचार। आप लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्रयास कर रहे है, लेकिन इस प्रयास में तेजी लाना होगा। यूपी में सरकारी अस्पतालों की हालत दिन बा दिन दयनीय होती जा रही है। अस्पताल में कभी डॉक्टर नहीं होते तो कभी दवाइयां नही मिलती है। ऑपरेशन के लिए लोगों को घूस तक देनी पड़ती है, तब जाकर उनका इलाज होता है। उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने तरुण मिश्र की बातों को सुनने के बाद कहा कि ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर फिर से वार्ता की जाएगी और उसके गठन पर पूरा प्रयास किया जाएगा। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार दिन रात कार्य कर रही है। जिसके लिए खुद अस्पतालों का निरीक्षण कर रहा है। प्राइवेट अस्पताल की तर्ज पर ही सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को वहां उपचार हो।
लोकसभा चुनाव में में ब्राह्मणों को भी मिले अवसर
तरुण मिश्र ने समाजवादी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण समाज को भी मौका दिया जाए। जिससे ब्राह्मण समाज भी उत्तर प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन के लिए आप भी भाजपा सरकार से मांग करें। प्रदेश के विकास को लेकर आपने बहुत कार्य किए है। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन नही होने से ब्रह्म समाज अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है। आपका यह प्रयास ब्रह्म समाज के हित में होगा और इसका परिणाम आपको लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा। तरुण मिश्र की बातों को सुनने के बाद अखिलेश यादव ने कहा ब्रह्म समाज के कल्याण के लिए भाजपा सरकार से जल्द ही मांग की जाएगी। जिससे यूपी में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन हो सकें। लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण समाज को भी मौका दिया जाएगा। सपा सरकार सर्व समाज हितैषी सरकार है।
आक्रामकता का चरम रूप हिंसा, रेप-और मर्डर
अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री एवं ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने मणिपुर की घटना को लेकर कहा कि आक्रामकता का चरम रूप है हिंसा, जिसमें रेप-और मर्डर जैसे संगीन अपराध भी भीड़ को न्याय लगते हैं। और कोई उसको रोकने की कोशिश तक नहीं करता। मणिपुर की हिंसा में जहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई तो वहीं दो महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न हुआ। मैतेई समुदाय से आने वाले पुरुषों की भीड़ कुकी-जो समुदाय की दो महिलाओं को धान के खेत की ओर ले जाकर गैंगरेप किया गया। महिलाएं तड़पती रहीं, मदद के लिए चिल्लाती रहीं, मगर भीड़ उन्हें घसीटती रही। मोलेस्ट करती रही। सोचकर ही कितना भयानक लग रहा है, चारों तरफ लोगों की भीड़ है और महिलाएं नंगी हैं। इस खौफनाक वारदात का असर पूरे समाज पर पड़ रहा है। जिस तरह से महिलाओं को नग्न कर उन्हें घुमाया गया, बहुत ही शर्मनाक घटना है। घटना के कई माह बाद तक कानून व्यवस्था सोती रही। इस घटना में शामिल सभी लोगों को फांसी दे देना चाहिए।