कर वसूली का शत-प्रतिशत तहसीलदार करें लक्ष्य को पूरा: राकेश कुमार सिंह

-प्रत्येक 15 दिनों में होगी राजस्व की बैठक, अधिकारी रखें पूरी तैयारी
-सभी तहसीलदार राजकीय देयों की वसूली के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने के दिए निर्देश

गाजियाबाद। कर वसूली को लेकर जिला प्रशासन अब सख्ती से वसूली की कार्रवाई करेगा। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने जिले की तीनों तहसीलदार को सख्त निर्देश दिए कि कर वसूली का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 15 दिन में राजस्व की समीक्षा बैठक की जाएगी। कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने एडीएम वित्त एवं राजस्व विवेक श्रीवास्तव,एडीएम प्रशासन रण विजय सिंह,सिटी मजिस्ट्रेट शुभांगी शुक्ला,एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह,एसडीएम मोदीनगर संतोष राय,एसडीएम लोनी अरूण दीक्षित एवं तहसीलदार, नायब तहसीलदार आदि अधिकारियों के साथ कर-करेत्तर,राजस्व प्राप्ति एवं राजस्व बकाया की वसूली को लेकर बैठक की।जिलाधिकारी ने बैठक में सभी न्यायालयों में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धाराओं के अंतर्गत वादों के निस्तारण,भू-राजस्व,उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम के वादों के निस्तारण को लेकर जानकारी ली। उन्होंने राजस्व वादों के निस्तारण के संबंध में सूचना,राजस्व न्यायालय में कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर जनपद के सभी न्यायालयों में पंजीकृत वादों का विवरण की जानकारी ली।

इसके अलावा सार्वजनिक उपयोग की भूमि तालाब,चारागाह व श्मशान आदि की भूमि पर अनाधिकृत रूप से कब्जे के संबंध में कार्रवाई की स्थिति एवं ग्राम सभा की कृषि भूमि आवंटन की प्रगति की स्थिति और आवास स्थल आवंटन की प्रगति,मत्स्य पालन,कुम्हारी कला आवंटन, पौधारोपण,रियल टाइम खतौनी,ई-पड़ताल (खसरा),भू-राजस्व अधिनियम की धारा-33 ए के अंतर्गत अविवादित वरासत दर्ज करने,स्वामित्व योजना के तहत  आबादी सर्वेक्षण के लिए अधिसूचित ग्रामों की वास्तविक सूची,स्वामित्व योजना की प्रगति सूचना(तहसीलवार),प्रदेश में खतौनी पुनरीक्षिण एवं अंश निर्धारण आदि की स्थिति की जानकारी लेते हुए दिशा-निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि कोविड-19 में मृत व्यक्तियों की विधवाओं के पक्ष में तत्काल वरासत अभियान चलाकर प्राथमिकता के आधार पर दर्ज कराए जाए। जिलाधिकारी ने सीमा स्तम्भ, कम्प्यूटरीकृत नकल,प्रयोक्ता प्रभार,स्वामित्व योजना,कर वसूली,भू-राजस्व अधिनियम,जमींदारी विनाश अधिनियम पर विशेष चर्चा की। उन्होंने प्रयोक्ता प्रभार के तहत एसडीएम और तहसीलदार से आय-व्यय की जानकारी मांगी।  इसके साथ ही यह भी परखा कि सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार को अपने विभाग के संबंध में राज्यहित और जनहित के कल्याण के बारे में कितनी जानकारी है।

जिलाधिकारी राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी पर नाराजगी प्रकट की। उन्होंने आदेश दिए कि राजस्व से संबंधित प्रत्येक 15 दिन में बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें सभी एसडीएम, तहसीलदार,नायब तहसीलदार,बाबू आदि उपस्थिति रहेंगे।आगामी बैठक में दर्पण पोर्टल से मिले आंकडों में सुधार होना चाहिए। बैठक में सभी अधिकारी पूरी तैयारी करके आए।उन्होंने कहा कि अगर कंप्यूटर ऑपरेटरों की कमी है तो आप उसे पूरी करें।लेकिन कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भू-राजस्व अधिनियम और जमींदारी विनाश अधिनियम सहित पैमाइश और बंटवारे के सभी मामले दीपावली से पहले ही समाप्त किए जाएं। ताकि गांवों की जमीनों संबंधी विवाद का निपटारा हो सकें। गांवों में कोर्ट लगाकर इनका निस्तारण किया जाए। जिलाधिकारी ने राजस्व बकाएदारों से कर की वसूली की पूरी जिम्मेदारी तहसीलदार और नायब तहसीलदार की होती है। इसलिए वह शत-प्रतिशत वसूली करने की कार्रवाई करें।