लोकलुभावन नहीं, बल्कि समावेशी व अभिनव का है अंतरिम बजट: डॉ वीके सिंह

गाजियाबाद। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट लोकलुभावन नहीं बल्कि समावेशी एवं अभिनव का यह अंतरिम बजट है। विपक्षी दलों के नेता इस बजट को लोकलुभावन बता रहे है। मगर यह बजट लोकसभा चुनाव से पहले लोकलुभावन नहीं हैं। यह बजट देश में 23 साल की नींव रखता है। यह बातें रविवार को राजनगर स्थित आवास पर केंद्रीय सड़क परिवहन राष्ट्रीय राजमार्ग राज्यमंत्री एवं स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि समाज में बहुमुखी विकास हो। सबका साथ-सबका विकास के साथ-साथ आकांक्षी युवा भारत को उड़ान देने वाला बजट है। वीके सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इन वर्गों गरीब, महिलाएं, युवा, किसान,गरीब व मध्यम वर्ग पर फोकस है। इस बजट में अगले 23 साल में विकसित भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। बजट में फिजिकल, डिजिटल, सामाजिक विकास आदि की बढ़ोतरी की गई हैं। गरीबों के कल्याण की बात है तो वह गरीब कल्याण के लिए राशन का पैकेज अगले पांच साल तक नि:शुल्क मिलेगा। देश में 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए है।

डीबीटी में 2.70 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 78 लाख स्ट्रीट वेंडर, ठेली पटरी वालों को फायदा मिला। युवाओं की बात करें तो स्किल इंडिया मिशन के तहत 1.04 करोड़ युवा प्रशिक्षित हुए हैं।
43 लाख करोड़ रुपए का मुद्रा योजना में लोन दिए गए।उन्होंने कहा कि यह अंतरिम बजट इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने के लिए है। 11,111,11 लाख करोड़ का बजट रखा गया है। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ-साथ विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर देश में होगा। इसमें रेल,हवाई जहाज,उड़ान स्कीम, सड़क, परिवहन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा।वंदे भारत ट्रेन की तरह नई 40 हजार बोगी ट्रेनों में मध्यम वर्ग के लिए लगेगी।

वीके सिंह ने बताया कि वर्ष-2014 तक देश में 74 हवाई अड्डे थे। लेकिन इस 10 साल में अब 149 हो गए हैं। अगले पांच साल में 200 से ऊपर हो जाएंगे।रेलवे में कॉरिडोर बढ़ाने के अलावा इलेक्ट्रिक को बढ़ावा दिया जा रहा है। पेट्रोल, कोयला सस्ते होंगे। मनरेगा में 86 हजार करोड़ का बजट रखा गया है। इसके अलावा सोलर पावर सूर्योदय स्कीम से सोलर लगवा सकते हैं। इसमें 300 यूनिट तक फ्री मिलेगी।देश की जीडीपी 5.01 करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 4.05 पर लाया जाएगा। जनधन योजना में 7 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। नए एम्स खुलेंगे। स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान योजना चालू है। पोषण अभियान जारी है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के तहत 3 करोड़ भवन बनाने का लक्ष्य रखा गया हैं।2 करोड़ आवास बनेंगे। यह मध्यम वर्ग के लिए भवनों की योजना है। कन्याओं के लिए सर्वाइकल वैक्सीन 9 से 14 साल की बच्ची के लिए दी जाएगी। किसानों के लिए नैनो,डीएपी उपलब्ध कराया जाएगा। आयल सीड्स से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का बजट में प्रविधान किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में 83 लाख गु्रप महिला सशक्तिकरण के लिए बनाए जाएंगे। 3 करोड़ को लखपति दीदी का लक्ष्य बनाएंगे। इलेक्ट्रिक वाहन के लिए सिस्टम को भी अच्छा बनाया जाएगा। व्यापार और निर्यात भी बढ़ेगा। जी-20 के तहत टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके पूर्ण रूप से विकसित किया जाएगा। इनके अलावा 75 लाख करोड़ रुपए का बजट कोऑपरेटिव यानि सहकारिता के लिए रखा गया है। इसके तहत लोन देने की प्लानिंग की गई है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने महापौर सुनीता दयाल,भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा,बलदेव राज शर्मा,पूर्व विधायक कृष्णवीर सिरोही,अजय शर्मा, जगदीश साधना, जिलाध्यक्ष सत्यपाल गुर्जर, अश्वनी शर्मा, प्रदीप चौधरी, तरूण शर्मा आदि की मौजूदगी में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण में देश में तरक्की हुई है। यह अमृत सरोवर का प्रतीक है। महिला, युवाओं,गरीब, किसानों समेत अन्य समूहों की देखभाल के लिए बजट में प्रविधान किए जाने से आने वाले सालों में देश के विकास का पंख लगेंगे। प्रधानमंत्री को युवाओं की चिंता थी।

सरकार की प्रतिष्ठा में यह 10 साल की उपलब्धि हैं। देश की विदेशों में छवि सकारात्मकता है।यह जी-20 में हासिल की है। आत्मनिर्भरता की बात करें तो निजी क्षेत्र में सरकार आगे चलती है।गांवों में पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा सड़कें बनी हैं। ब्रांड बैंक में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वीके सिंह ने कहा कि रेलवे में बड़ा परिवर्तन हुआ है। वंदे भारत ट्रेन विकसित श्रेणी में आ गए हैं। जनजातीय समूह को ऊपर उठाया जा रहा है। राष्ट्रपति का जोर था। 10 साल में देश में तरक्की की है। वीके सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की ही बेरोजगारी की देन है। केंद्र सरकार सभी को नौकरी नहीं दे सकती है लेकिन प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों के लिए दरवाजे खोले गए हैं।