जमीन की कमी दूर करने में जुटे वीसी अतुल वत्स, लैंड बैंक बढ़ाने की योजना पर हो रहा है काम किसानों को होगा लाभ लैंड पूलिंग की भी है योजना

बेपटरी हुई गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के पहिये फिर से पटरी पर लौटने लगी है। नवनियुक्त उपाध्यक्ष अतुल वत्स योजनाबद्ध तरीके से काम करते हुए जीडीए की स्थिति को संभालने में जुट गये हैं। भविष्य की जरूरतों एवं जीडीए की आर्थिक सेहत सुधारने के उद्देश्य से लैंडबैंक बढ़ाने और आवासीय स्कीम लाने की योजना पर किया जा रहा है।
रैपिड रेल बनने से दुहाई और मेरठ रोड के आस पास आवासीय स्कीम के सफल होने की संभावना बढ़ गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए रैपिड रेल के दुहाई डिपो के आसपास एवं मोरटा व छोटा हरिद्वार गंग नहर के आसपास के क्षेत्र में आवासीय कॉलोनी विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। जीडीए यहां पर आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों की स्कीम लांच कर सकता है।
विजय मिश्रा (उदय भूमि)
गाजियाबाद। बेपटरी हुई गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के पहिये फिर से पटरी पर लौटने लगी है। नवनियुक्त उपाध्यक्ष अतुल वत्स योजनाबद्ध तरीके से काम करते हुए जीडीए की स्थिति को संभालने में जुट गये हैं। पिछले कुछ दिनों से जीडीए के विभिन्न विभागों के साथ अलग-अलग बैठकें करने के बाद अब योजनाएं बनाई जा रही है। जीडीए का काम शहर के विकास के साथ लोगों को आवास उपलब्ध कराना है। विगत कुछ वर्षों में जीडीए की स्थिति बद से बदतर होती चली गई। लेकिन अब फिर से जीडीए के हालात में सुधार होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। भविष्य की जरूरतों एवं जीडीए की आर्थिक सेहत सुधारने के उद्देश्य से लैंडबैंक बढ़ाने और आवासीय स्कीम लाने की योजना पर किया जा रहा है।
रैपिड रेल बनने से दुहाई और मेरठ रोड के आस पास आवासीय स्कीम के सफल होने की संभावना बढ़ गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए रैपिड रेल के दुहाई डिपो के आसपास एवं मोरटा व छोटा हरिद्वार गंग नहर के आसपास के क्षेत्र में आवासीय कॉलोनी विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि जीडीए यहां पर आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों की स्कीम लांच कर सकता है। जीडीए के समक्ष जमीन की कमी की समस्या है। ऐसे में योजना है कि विकास की योजनाओं में किसानों को सीधे भागीदार बनाते हुए उनसे लैंड पूलिंग के जरिये जमीन ली जाये। लैंड पूलिंग में जमीन की खरीद पर जीडीए को अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा। वहीं किसानों के लिए भी लैंड पूलिंग योजना लाभकारी है। लैंड पूलिंग में किसानों को डेवलप जमीन में हिस्सेदारी दी जाएगी।
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स का फोकस लैंड बैंक बनाने पर भी है। जीडीए के पूर्व के अधिकारियों ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया। जिस कारण वर्तमान में जीडीए जमीन की कमी से जूझ रहा है। अतुल वत्स चाहते हैं कि जमीन की कमी की वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के साथ ही भविष्य की योजनाओं के लिए भी लैंड बैंक बनाया जाये। किसानों से जमीन की खरीदारी करने पर प्रदेश सरकार द्वारा 50 फीसद तक फंडिंग भी की जाती है। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण को चालू वित्तीय वर्ष में जमीन की खरीददारी के लिए लगभग 6 हजार करोड़ की फंडिंग की गई है।
जीडीए के मास्टर प्लान  2031 में रैपिड रेल के आसपास के क्षेत्र को कॉमर्शियल जोन घोषित किया गया हैं। इसलिए यहां पर आवासीय स्कीम के साथ कॉमर्शियल स्कीम भी डेवपल की जाएगी। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि किसानों से जमीन खरीदने के लिए सीधे संपर्क किया जाएगा। छोटा हरिद्वार के आसपास लगभग 200 से 300 एकड़ जमीन मिल गई है। इसके अलावा दुहाई डिपो और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के आसपास भी जमीन खोजी जा रही हैं। अतुल वत्स ने बताया कि इस क्षेत्र में जमीन चिन्हित की जा रही है। इसके साथ ही किसानों के साथ लैंड पूलिंग करने की भी योजना भी बनाई गई है। इसमें शर्त यह है कि 125 से 200 बीघा जमीन तक होना जरूरी है। जो भी किसान लैंड पूलिंग के जरिए अपनी जमीन देगा। उसे 25 प्रतिशत विकसित भूखंड दिए जाएंगे। जीडीए उपाध्यक्ष की इस प्लानिंग से शहर के विकास को गति मिलेगी, लोगों को आवास उपलब्ध होगा और किसानों को भी आर्थिक लाभ होगा।