दो बड़े बिल्डरों पर यमुना प्राधिकरण का चलेगा हंटर तीन प्रोजेक्ट का आवंटन होगा रद्द विगत छह महीने में लगभग एक दर्जन बिल्डरों के खिलाफ हुई है कड़ी कार्रवाई

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह द्वारा लगातार हंटर चलाया जा रहा है। विगत 6 महीने में सीईओ के द्वारा लगभग एक दर्जन बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। कार्रवाई की इसी श्रृंखला में दो और बिल्डरों पर जल्द गाज गिर सकती है। यमुना प्राधिकरण द्वारा इन बिल्डरों को बकाया जमा कराने के लिए कई बार नोटिस भेजा गया। लेकिन नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद इन बिल्डरों के प्रोजेक्ट के लिए हुए जमीन आवंटन को रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है।

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। नियमों की अनदेखी कर मनमाने ढ़ंग से काम करने वाले बिल्डरों पर यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह द्वारा लगातार हंटर चलाया जा रहा है। विगत 6 महीने में सीईओ के द्वारा लगभग एक दर्जन बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। कार्रवाई की इसी श्रृंखला में दो और बिल्डरों पर जल्द गाज गिर सकती है। यमुना प्राधिकरण द्वारा इन बिल्डरों को बकाया जमा कराने के लिए कई बार नोटिस भेजा गया। लेकिन नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद इन बिल्डरों के प्रोजेक्ट के लिए हुए जमीन आवंटन को रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है। सीईओ ने बताया कि सुपरटेक और ओेमनिस बिल्डर बकाया नहीं जमा करा रहे हैं। दोनों को बार-बार नोटिस भेजा गया और अब इनका आवंटन निरस्त करने का आदेश जारी किया गया है।
यमुना प्राधिकरण ने सुपरटेक बिल्डर को वर्ष 2011 में सेक्टर-17ए और 22डी में टाउनशिप के लिए 100-100 एकड़ जमीन आवंटित की थी। दोनों में आवासीय टॉवर बनाए गए हैं। इसके चलते प्राधिकरण ने दोनों परियोजना में व्यावसायिक और संस्थागत के हिस्से आवंटन निरस्त करेगा। अपकंट्री परियोजना में 212 करोड़ प्रीमियम, 171 करोड़  64.7 प्रतिशत, 32 करोड़ लीज रेंट और गोल्फ कंट्री में 373 करोड़ प्रीमियम, 164 करोड़  64.7 प्रतिशत और 40 करोड़ लीज रेंट बकाया है। बकाया भुगतान के बाबत सुपरटेक को कई बार नोटिस दिया गया। लेकिन उसने पैसा नहीं जमा कराया। दोनों परियोजना में केवल व्यावासिक व संस्थागत आवंटन निरस्त होगा। अपकंट्री परियोजना में 13270 वर्ग मीटर व्यावसायिक और 25000 वर्ग मीटर संस्थागत जमीन है। जबकि गोल्फ कंट्री में 20000 वर्ग मीटर व्यावसायिक और 24500 वर्ग मीटर संस्थागत उपयोग की जमीन है।
सुपरटेक के अलावा ओमनिस बिल्डर को भी सेक्टर-22ए में 82 हजार वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई थी। बिल्डर ने 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे की धनराशि करीब 30 करोड़ और लीजरेंट करीब 9 करोड़ रुपए जमा नहीं  कराया। इसके लिए ओमनिस बिल्डर को भी बार-बार नोटिस दिया गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि ओमनिस बिल्डर ने अभी तक नक्शा नहीं पास कराया है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की सख्ती के बाद अगले सप्ताह दोनों बिल्डरों का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।

पूर्व में इन बिल्डरों का आवंटन हो चुका है निरस्त
बिल्डर का नाम-          भूखंड का सेक्टर-   जब्त पैसा (करोड़ रुपये में )
यूजी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि      22 डी                   1.18
त्रिवेली प्रोजेक्टह्यस प्रालि   22 डी                   1.36
सन व्हाइट इंफ्राटेक प्रालि   22 डी                   1.32
प्रथम रिवेलेन्चर प्रालि      22 डी                   1.36
ग्रोथ इंफाडेवलपर प्रालि     22 डी                   2.16
अजनारा इंडिया प्रालि      22 डी झ्र
सिल्वर लाइन फर्निसिंग एंड फर्नीचर प्रालि -18    36.12
एसडीएस हाउसिंग प्रालि    22                      18. 62