40 प्राथमिक स्कूलों के निरीक्षण में 11 शिक्षक मिले नदारद, वेतन काटने के आदेश

-शिक्षा के मंदिर में कामचोरी नही होगी बर्दास्त: बीएसए

गाजियाबाद। कोरोना काल के चलते पिछले दो साल से बाधित बच्चों की पढ़ाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक ओर सरकार भरपूर प्रयास कर रही है। वहीं इस शिक्षा के मंदिर में शिक्षक कामचोरी करने से बाज नही आ रहे है। कहते हैं पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया। मगर इस परिकल्पना को साकार करने में सरकारी शिक्षक सबसे बड़ा रोडा पैदा करने का काम कर रहे हैं। वह सैलरी तो सरकार से पूरी लेते हैं लेकिन अपने दायित्वों का निर्वाहन पूरी ईमानदारी से नहीं करते। अधिकतम शिक्षक बिना किसी सूचना के ही स्कूल से गायब रहते हैं या फिर स्कूल के हेड की मिलीभगत से रजिस्ट्रर में एंट्री कर निकल जाते है। जिस कारण बच्चों का पाठ्यक्रम अंधकार में जाता दिखाई दे रहा है। जब निरीक्षण में किसी अधिकारी द्वारा बच्चों से उनकी पढ़ाई संबंधित कोई सवाल पूछा जाता है तो वो लोग निरुत्तर हो जाते हैं। गाजियाबाद के प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति भी बेहद दयनीय है। जिसका पता इसी बात से चलता है कि यहां स्कूलों में पढऩे के इच्छुक बच्चे तो हैं लेकिन पढ़ाने के इच्छुक शिक्षक नहीं है।

इसकी पुष्टि सोमवार को हुई, जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद मिश्रा के निर्देश पर बेसिक स्कूलों में शिक्षण कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जनपद के करीब 40 स्कूलों का निरीक्षण किया गया। जहां निरीक्षण में 11 शिक्षक स्कूल से नदारत दिखाई दिए। जिन पर कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन और तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए गये। सोमवार को बीईओ सर्वेश कुमार द्वारा नगर क्षेत्र गांधीनगर प्राथमिक विद्यालयों में निरीक्षण किया गया, जहां शिक्षा मित्र मोनिका गोयल, बीईओ प्रवीण कुमार द्वारा नगर क्षेत्र नंदग्राम प्राथमिक विद्यालय में असिस्टेंट शिक्षिका रीता रानी, भारती कंडपाल, विकास कुमार, सुनिता देवी, अनुदेशिकस दीपा शर्मा, कविता, पूजा रानी, बीईओ कुसुम सिंह द्वारा नगर क्षेत्र नासिरपुर प्राथमिक विद्यालय में असिस्टेंट शिक्षक अरंविद सिंह गौतम, बीईओ दीप कुमार द्वारा कड़कड़ मॉडल प्राथमिक विद्यालय में अनुदेशक पारुल चौधरी, साहिबाबाद प्राथमिक विद्यालय में अनुदेशक विवेक रॉव सिद्वार्थ स्कूल से अनुपस्थिति पाए गए।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद मिश्रा ने कहा कि उक्त अनुपस्थित शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने एवं तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। बेसिक स्कूलों में शिक्षण कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। स्कूलों का निरीक्षण लगातार जारी रहेगा। सभी शिक्षकों को समयानुसार विद्यालय में उपस्थित रहना है। जो भी विद्यालय बंद है या शिक्षक उपस्थित नहीं है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शिक्षकों को चेतावनी देते हुए कहा कि शिक्षा के मंदिर स्कूल के कार्यों से लापरवाही बिल्कुल भी बर्दास्त नही की जाएगी। सरकार पैसा बच्चों के पढ़ाई के लिए देती है ना कि स्कूल से बाहर रहने के लिए। अगर निरीक्षण में कोई भी शिक्षक स्कूल से नदारद रहता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाइ्र की जाएगी।