आर्य समाज ने मनाया 95वां स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस

-जीवन में सकारात्मक विचारधारा से ही व्यक्ति की होती है उन्नति

गाजियाबाद। आर्य समाज इन्दिरापुरम गाजियाबाद का नवां वार्षिकोत्सव भव्यता पूर्ण सम्पन्न हुआ। यह वार्षिकोत्सव 95वां स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया। 11 कुण्डलीय महायज्ञ जयवीर शास्त्री के ब्रह्ममत्व मे सम्पन्न हुआ। प्रमोद गोस्वामी द्वारा भजन की सुन्दर प्रस्तुति की गई। समस्त विद्वानो को शॉल ओढाकर एवं धनराशि देकर आर्यसमाज इन्दिरापुरम के पदाधिकारियो द्वारा अभिनंदन व सम्मान किया। पूर्व प्रधान स्व: विजय आर्य गर्ग की स्मृति में सत्संग गुटका पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता विमलेश बंसल दर्शनाचार्या ने श्रद्धानंद बलिदान दिवस, गुरु गोविंद सिंह की तीन पीढियों के बलिदान पर अति सारगर्भित उधबोधन दिया। साथ ही स्व रचित कविता/भजन सुमधुर स्वर में सुनाकर कार्यक्रम मे चार चॉद लगा लगाए। प्रधान प्रदीप आर्य ने बताया कि स्वामी श्रद्धानंद महाराज ने हमें परंपरागत वैदिक शिक्षा और भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत संस्कार विरासत में दिए हैं, जिसका संरक्षण करना हम सबका दायित्व है।

स्वामी दयानंद सरस्वती ने 150 वर्ष पहले जिस भारतीय शिक्षा प्रणाली की कल्पना के बारे में सत्यार्थ प्रकाश में वर्णन किया था, उसे आगे बढ़ाने का काम स्वामी श्रद्धानंद महाराज ने किया। उसी कल्पना को 150 वर्ष बाद वर्तमान सरकार नई शिक्षा नीति के रूप में लागू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सबको सकारात्मक विचारधारा के साथ-साथ विश्वविद्यालय की प्रगति में योगदान करना चाहिए। जीवन में सकारात्मक विचारधारा व्यक्ति को उन्नति की ओर ले जाती है। इस दौरान बच्चों को पुस्तक भी वितरण किया गया।

ठाकुर विक्रम सिंह ने कहा यह भारतीय संस्कृति और वैदिक शिक्षा की ध्वजा को विश्व पटल पर फहरा रहा है। स्वामी श्रद्धानंद न केवल एक दूरदर्शी सोच रखने वाले महापुरुष थे, बल्कि आजादी के आंदोलन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखा और राष्ट्र की उन्नति के लिए संघर्ष किया। समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने के लिए भरसक प्रयास किया। इस मौके पर विदुषी बहिन विमलेश बंसल, आनंद कुमार, डॉक्टर वीरपाल विद्यालंकार, विनोद त्यागी, सरिता गर्ग आर्या, अजय चाटली, मंत्री दिग्विजय सिंह आर्य, आर्य समाज महिला प्रकोष्ठ की प्रधाना मीरा आर्या, सुशीला आर्या, आभा चौहान आर्या, सविता सिंह आर्या, अनिता आर्या, मीना रानी आर्या, विद्या आर्या, राजरानी आर्या, सुषमा आर्या, शशि गुप्ता, लक्ष्मी आर्या, अंजू आर्या, अनुभा आर्या, शशिप्रभा सरार्फ अदिति गर्ग आर्या, डॉ श्रुति गर्ग आर्या, आर्य समाज इंदिरापुरम के संरक्षक वीरपाल विद्यालंकार, हेमंत आर्य गर्ग, आदित्या आर्य गर्ग, प्रमोद गोस्वामी आर्य, आरपी सिंह आर्य, जयप्रकाश सिंह आर्य, मुरारी सिंह आर्य, विपिन त्यागी आर्य, राकेश आर्य आदि उपस्थित रहेंं।