पिछड़ा वर्ग आयोग ने वर्ष-1995 तक का मांगा ओबीसी आरक्षण डाटा

गाजियाबाद। नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के वार्डों के आरक्षण को लेकर अब वर्ष-1995 तक ओबीसी आरक्षण का डाटा मांग गया है। प्रदेश सरकार ने हाल ही गठित किए गए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन के बाद अब पिछड़ा वर्ग आयोग ने यह डाटा मांगा है। आयोग ने नगर निगम के गठन होने से लेकर अब तक जो चुनाव हुए हैं। उसमें वार्डों के आरक्षण की स्थिति पर एक रिपोर्ट नगर निगम से मांगी हैं। इसके साथ ही प्रति चुनाव में आरक्षित ओबीसी वार्ड से किस जाति के व्यक्ति पार्षद बने हैं। यह सूची भी तैयार कर नगर निगम को आयोग के पास भेजनी होगी। इसके अलावा जिन वार्डों को ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया था। उनमें उस समय कितनी जनसंख्या ओबीसी की थी। प्रत्येक चुनाव के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग की कुल कितनी जनसंख्या थी। इस पर रिपोर्ट मांगी गई हैं।

नगर निगम प्रशासन को आयोग ने तीन दिनों का समय दिया है। ऐसे में अब नगर निगम के गठन होने यानि वर्ष-1995 से लेकर वर्ष 2017 तक हुए वार्डों के आरक्षण की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग की ओर से इस मामले में एक पत्र नगर निगम प्रशासन को लिखा गया हंैं।जिसमें आयोग ने कहा है कि वार्ड के आरक्षण पर रिपोर्ट ओबीसी के आधार पर होगी। वर्ष-1995 में पहली बार नगर निगम के चुनाव हुए थे। तब नगर निगम की ओर से कितने वार्ड का आरक्षण ओबीसी के लिए किया गया था। इसके बाद से लेकर अंतिम बार हुए वर्ष-2017 में चुनाव के दौरान ओबीसी के लिए आरक्षित वार्ड की संख्या की रिपोर्ट मांगी है।

आयोग का कहना है कि वर्ष 1995 से लेकर अभी तक क्रमवार तरीके से किस-किस साल में हुए नगर निगम के चुनाव में वार्डों की संख्या में कितना विस्तार हुआ है। इसमें कितने वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित किए गए। इसके लिए गणना का क्या सिस्टम था, इस पर आयोग ने रिपोर्ट मांगी है। ओबीसी आयोग की ओर से जारी किए गए पत्र के बाद नगर निगम प्रशासन द्वारा अब इसकी सूची तैयार कराई जा रही हैं। नगर आयुक्त डॉ.नितिन गौड़ के निर्देश पर अब नगर निगम द्वारा सूची तैयार की जा रही है।इस सूची के जल्द तैयार करने के बाद इसे आयोग को भेजी जाएगी।