ब्लैक फंगस: महामारी पर लगाया जाए अंकुश: डीएम

-अस्पताल, केमिस्ट और ड्रग एसोसिएशन के साथ वार्ता
-कालाबाजारी पर रोक के लिए जिलाधिकारी ने नियुक्त किए डिकॉय कस्टमर

गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण के उपरांत अब ब्लैक फंगस के जनपद में मरीज मिलने पर जिला प्रशासन अलर्ट पर आ गया है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों व वर्तमान स्थिति को जानने एवं ब्लैक फंगस महामारी पर अंकुश लगाने तथा संक्रमित व्यक्तियों को इलाज संभव कराने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों एवं केमिस्ट और ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम, कोरोना की जांच, टीकाकरण, मेडिकल मरीजों, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की उपलब्धता, होम आइसोलेशन में मरीजों को लेकर विचार-विमर्श करने के साथ-साथ वर्तमान में कोरोना संक्रमण के उपरांत ब्लैक फंगस के मरीज मिलने पर संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। डीएम ने केमिस्ट और ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि दवाइयों एवं जीवन रक्षक इंजेक्शन की उपलब्धता निरंतर बनी रहे, जिसके लिए वह मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को अपने ऑर्डर आवश्यकता अनुसार समय पर भेज दें ताकि औषधियों की आपूर्ति कोविड अस्पतालों को अनिवार्य रूप से की जा सके। डीएम ने औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया कि अस्पतालों में बेडों की संख्या के अनुसार दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए एवं उसका रिकार्ड भी रखा जाए ताकि मांगे जाने पर कितनी दवा की बिक्री की गई, कितना स्टॉक शेष है, इसकी सूचना उपलब्ध हो सके। औषधि निरीक्षक ने बताया कि कोविड अस्पतालों में बेडों की संख्या के अनुसार इस दवा की आपूर्ति की जा रही है। डीएम ने कहा कि यदि किसी दवाई विक्रेता या रिटेलर द्वारा ओवरचार्जिंग (अभाव) बताकर दवाई उपलब्ध न कराई जाए तो उसके विरूद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही कराना सुनिश्चित कराएं। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा डिकॉय कस्टमर नियुक्त किए गए हैं, जो भ्रमण कर कालाबाजारी पर अंकुश लगाएंगे। डीएम ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों के प्रभारियों/प्रबंधकों एवं डॉक्टर्स को निर्देशित किया कि जो भी मरीज ब्लैक फंगस संक्रमित आ रहें है, उनका रूट का एनालिसिस किया जाए कि वह किन कारणों से संक्रमण की चपेट में आए हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों में किन कारणों से ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं, का अध्ययन किया जाए ताकि इससे लोगों को बचाया जा सके। बैठक में नोडल अधिकारी सेंथिल पांडियन सी, अपर जिला अधिकारी नगर शैलेंद्र कुमार सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनके गुप्ता, औषधि निरीक्षक अनिरुद्ध आदि मौजूद रहे।