गाजियाबाद सीट से बसपा ने बदला प्रत्याशी, सुरेश बंसल नहीं अब केके शुक्ला लड़ेंगे चुनाव

गाजियाबाद। गाजियाबाद विधान सभा सीट से बसपा ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है। सुरेश बंसल का टिकट काटकर के.के. शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारा गया है। शुक्ला भाजपा छोड़कर बसपा में आए हैं। बसपा के पूर्व विधायक बंसल का टिकट काटे जाने से चर्चाओं का बाजार गरम है। हालाकि माना यह जा रहा है कि सुरेश बंसल के अस्वस्थ होने के कारण पार्टी ने यह निर्णय लिया है। गाजियाबाद में 10 फरवरी को मतदान होना है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने 15 जनवरी को अपने जन्मदिन पर यूपी विधान सभा चुनाव के पहले चरण की 58 सीटों में से 53 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की थी।

इस दौरान बसपा ने लोनी सीट से हाजी आकिल, मुरादनगर सीट से हाजी अय्यूब इदरीशी, गाजियाबाद सीट से सुरेश बंसल, मोदीनगर सीट से डॉ. पूनम गर्ग को प्रत्याशी बनाते हुए इनके नामों का ऐलान किया था। लेकिन अब बसपा ने सुरेश बंसल को हटाकर उनके स्थान पर भाजपा के बागी नेता एवं पार्टी छोड़कर बसपा में शामिल हुए केके शुक्ला को चुनाव मैदान में उतार दिया है। बता दें कि सुरेश बंसल कोरोना संक्रमित होने के बाद कौशांबी स्थित यशोदा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती है। वहां पर कई दिन से अस्पताल में भर्ती होने के चलते उनका उपचार चल रहा है।

भाजपा के पुराने कार्यकर्ता केके शुक्ला टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे।मंगलवार को भाजपा को अलविदा करते हुए केके शुक्ला समेत भाजपा पार्षद कृपाल सिंह, बलराम,रोबिन, विनोद पांडेय आदि दर्जनभर से अधिक लोगों ने भाजपा को छोड़ते हुए बसपा के प्रभारी शमशुद्दीन राईन, जिलाध्यक्ष विरेंद्र जाटव, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेमचंद भारती, बाबूलाल सैन आदि की मौजूदगी में बसपा की सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि जिले की सभी पांचों सीटों पर पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होना है। चुनाव के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां कर ली हैं।

इस बार जिले की पांच विधानसभा सीटों पर लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद सदर,मोदीनगर और धौलाना आंशिक सीट को मिलाकर कुल 28 लाख 99 हजार 484 मतदाता मतदान करेंगे। पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार 2,80,027 मतदाता बढ़े हैं।वहीं,पहले चरण के मतदान के लिए 14 जनवरी से नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद 21 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 24 जनवरी को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी होगी और 27 जनवरी को नाम वापस लिए जा सकेंगे।