श्मशान घाट प्रकरण: ईओ को हाईकोर्ट से मिली जमानत

गाजियाबाद। उखलारसी शमशान घाट हादसे में गिरफ्तार मुरादनगर नगर पालिका परिषद की तत्कालीन अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। उन्हें हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दे दी है। इससे पहले गाजियाबाद कोर्ट ने निहारिका की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष जमानत याचिका दाखिल की थी। बता दें कि उखलारसी में विगत 3 जनवरी को श्मशान घाट में नए बने गलियारे की छत गिर गई थी। युवक दीपक अपने पिता जयराम का अंतिम संस्कार करने रिश्तेदारों और परिजनों के साथ पहुंचा था। इस हादसे में 24 लोगों की मौत हो गई थी। करीब 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जयराम के बेटे दीपक ने ईओ निहारिका चौहान, ठेकेदार अजय सिंह समेत 5 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। चार जनवरी से वह जेल में बंद थीं। निहारिका चौहान के वकील ने कहा कि उन्होंने सिर्फ भुगतान किया था। तकनीकी जांच अधिशासी अभियंता, एई और जेई ने की थी। इनकी रिपोर्ट के आधार पर ही उन्होंने कार्रवाई की थी। ई-टेंडर उन्होंने नहीं बल्कि चेयरमैन ने पास किया था। ईओ निहारिका चौहान की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है। सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगी। किसी गवाह को धमकी नहीं देंगी। सुनवाई की हर तारीख पर कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहना होगा। जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया तो जमानत निरस्त कर कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने व्यक्तिगत बंधपत्र व दो जमानतें दाखिल करने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पंवार की एकल सदस्यीय पीठ ने पारित किया। रिपोर्ट में बताया गया कि सह.अभियुक्त ठेकेदार अजय त्यागी का बिल सह.अभियुक्त कनिष्ठ अभियंता सीपी सिंह ने तैयार किया था। याची एक महिला पीसीएस अधिकारी हैं। उनकी छह साल की एक बेटी है।