एक समान मुआवजे की मांग, किसानों ने फिर रोका जीडीए का काम

पुलिस-पीएसी हटने के बाद आंदोलन पर उतारू, बनाई रणनीति

गाजियाबाद। मधुबन-बापूधाम योजना में निर्माण कार्य कराने में जीडीए को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आंदोलनरत किसानों ने एक समान मुआवजे की मांग पूरी न होने पर एक बार फिर निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न कर दी है। निर्माण कार्य सुचारू रूप से कराने के लिए मौके पर पुलिस एवं पीएसी की तैनाती की गई थी। पीएसी हटने पर किसानों ने पुन: विरोध कर कार्य को रूकवा दिया है। ऐसे में जीडीए की मुश्किलें बढ़ गई हैं। नाराज किसानों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक निर्माण कार्य नहीं होने देंगे। वहीं, किसानों ने शनिवार को गाजियाबाद आगमन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मांग पत्र सौंपने की घोषणा की है।

जीडीए के चीफ इंजीनियर राकेश कुमार गुप्ता का कहना है कि किसानों ने विभिन्न योजनाओं का कार्य रोक दिया था। पुलिस फोर्स की मौजूदगी में फिर से कार्य शुरू करा दिया गया। मधुुबन-बापूधाम योजना में बुनकर मार्ट, सड़क निर्माण, जीडीए ऑफिस का निर्माण के अलावा पीएम आवास के भवनों समेत अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। बता दें कि जीडीए इस योजना को 1234 एकड़ जमीन पर विकसित कर रहा है। आवासीय और व्यावसायिक भूखंड समेत कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। इसमें मुख्य रूप से प्रधानमंत्री आवासीय योजना के पहले प्रोजेक्ट का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा बुनकर मार्ट, दिल्ली मेरठ रोड को जोडऩे वाला आरओबी, कॉमर्शियल कांम्प्लेक्स, जीडीए कार्यालय के लिए बहुमंजिला इमारत का निर्माण चल रहा है।

800 एकड़ जमीन के किसानों ने सभी निमार्णाधीन साइट पर जाकर कार्य रुकवा दिया। इसके बाद किसानों ने सदरपुर के प्राथमिक विद्यालय में जाकर रणनीति तैयार की। मधुबन-बापूधाम योजना के लिए जीडीए ने वर्ष-2004 में 6 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया था। 800 एकड़ जमीन का करार कर लिया गया। बाकी 434 एकड़ जमीन के मालिक अधिग्रहण के खिलाफ  हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने जीडीए के पक्ष में फैसला दिया, जिसके बाद जीडीए को 153 एकड़ जमीन और मिल गई, लेकिन 281 एकड़ जमीन में किसानों के अलावा 91 एकड़ जमीन सहारा गु्रप की थी और बाकी 76 किसानों की। इसका विवाद नहीं सुलझ सका। वर्ष-2010 में मामले में सुप्रीम कोर्ट में किसानों ने याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर-2016 में नए भू-अधिग्रहण कानून के अनुसार मुआवजा किसानों को देकर जमीन लेने के आदेश दिए। इसके बाद जीडीए ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 76 किसानों को बढ़ा मुआवजा दिया। अब 800 एकड़ के किसान भी बढ़े मुआवजे की मांग कर रहे हैं।