डिप्रेशन सबसे ज्यादा पाये जाने वाला मनोरोग है-डा.बीएल ढाका

महिलायें अधिक प्रभावित होती हैं, किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है
मोदीनगर। बढ़ती आवश्कतायें व समाज में बदलते परिवेश तथा छोटे छोटे परिवारों में रहने आदि कारणों से लोगों में डिप्रेशन का रोग तेजी से पनप रहा है । वर्तमान में अन्य रोगों के मुकाबले सबसे ज्यादा पाये जाने वाला मनोरोग ( डिप्रेशन ) है।

हमारे सवांददाता ने इस रोग के लक्षण, काराण और उसके बचाव के उपाय पर विस्तार से चर्चा की मनोरोग एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ डा. बीएल ढाका से । डा.ढाका ने बताया कि वर्तमान में डिप्रेशन सबसे ज्यादा पाये जाने वाला एक मनोरोग है। यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।महिलायें इस रोग से अधिक प्रभावित होती हैं। उन्होंने बताया कि डिप्रेशन के चलते व्यक्ति सुसाईड भी कर सकता। है। सुसाईड चौथा सबसे बड़ा कारण है मृत्यु का जो खासकर उम्र 15 से 23 वर्ष के युवाओं में देखने को मिल रहा है। डा. ढाका ने एक खुलासा किया कि वर्तमान समय मेें कोरोना संक्रमण के बाद डिप्रेशन और एनजाइटी के केस बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों में डिप्रेशन काफी संख्या में मिलने लगा है। जिसके कारण पढ़ाई मेें गिरावट आना, गुमशुम रहना, व चिड़चिड़ापन आदि इसके लक्षण हैं। डा. ढाका की सलाह है कि डिप्रेशन के लक्षण मिलने पर मनोरोग विशेषत्र से सलाह लें, संकोच न करें। सामान्यता लोग मनोरोग विशेषज्ञ के पास जाने में देरी करते हैं और इससे बीमारी बढ़ जाती है और जिससे व्यक्ति सुसाईड भी कर सकता है।

डिप्रेशन के लक्षण
मन का अधिकतर उदास रहना,किसी काम में मन नहीं लगना,नींद व भूख में परिवर्तन,मन में निगेटिव विचारों का आना, शरीर में थकान व सुस्ती महसूस करना, खबराहट,धड़कन बढऩा, किसी से बात करने की इच्छा न करना आदि कारण हैं डिस्प्रेशन के । डा. बीएल ढाका का कहना हैे कि यदि इस प्रकार के लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय से हों तो व्यक्ति डिस्प्रेशन का शिकार हो सकता है।

डा. ढाका का कहना है कि ऐसे लक्षण पाये जाने पर जल्द से जल्द मनोरोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। डिप्रेशन ठीक हो सकता है सही सलाह और परामर्श से । डा. की सलाह है कि इसे छिपायें नहीं, अपने मित्रों एव परिजनों से खुलकर बात करें। मनोरोग का इलाज संभव है यदि समय से डाक्टर से संपर्क किया जाए तो। डा. बीएल ढाका वर्तमान में राज चौराहा के निकट जशलोक हॉस्पिटल में प्रैक्टिस कर रहे हैं। वह अस्पताल में सोमवार, मंगलवार और शुक्रवार बैठते हैं। डा. ढाका के मुताबिक जशलोक हॉस्पिटल में 23 अप्रैल को एक नि:शुल्क परामर्श शिविर आयोजित किया जाएगा। जिसके रजिस्ट्रेशन चालू हैं।