अब दिल्ली में बुलडोजर पर सियासी संग्राम

देश की राजधानी में अब बुलडोजर पर सियासत शुरू हो गई है। बुलडोजर आजकल राजनीति में विचार-विमर्श का मुख्य विषय बन गया है। उत्तर प्रदेश से निकला यह मुद्दा आज देशभर में विचारणीय हो गया है। दिल्ली की जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई किए जाने पर विपक्ष मानो आग-बबूला हो गया है। बुलडोजर को रूकवाने के लिए मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता वृंदा कारत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई कर जहांगीरपुरी में फिलहाल अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है। दिल्ली का जहांगीरपुरी इलाका पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं में है।

दरअसल हनुमान जन्मोत्सव पर शोभा यात्रा निकाले जाने के दौरान एक समुदाय विशेष के व्यक्तियों ने उपद्रव खड़ा कर पथराव कर दिया था। जहांगीरपुरी में मस्जिद के बाहर कुछ मुस्लिम युवकों ने बेवजह बहस कर माहौल को बिगाड़ दिया। जहांगीरपुरी पुलिस के बाद हरकत में आई पुलिस अब तक कई उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है। दिल्ली पुलिस की आरंभिक रिपोर्ट में जहांगीरपुरी हिंसा के पीछे सुनियोजित षडयंत्र की तरफ इशारा किया गया है। सोशल मीडिया पर जहांगीरपुरी का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। हिंसा से एक दिन पहले का यह वीडियो है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ युवक रात में लाठियां जुटा रहे हैं।

यानी साफ है कि हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा से एक दिन पहले माहौल बिगाड़ने के लिए साजो-सामान तक जुटा लिया गया था। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात के बाद दिल्ली में बुलडोजर पर सियासी संग्राम जोरों पर चल रहा है। याचिकाकर्ता की उस मांग को शीष अदालत ने सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें देशभर में बुलडोजर के इस्तेमाल पर रोक लगाने की अपील की गई थी। दरअसल जहांगीरपुरी क्षेत्र में बुलडोजर से तोड़-फोड़ के मामले पर सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सह मांग उठाई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मांग तार्किक नहीं है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती है और इसके लिए बुलडोजर की जरूरत होती ही है। वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कहा कि मेरी दलील है कि ऐसे मामले दूसरे राज्यों में भी हो रहे हैं। जब जुलूस निकाले जाते हैं और झगड़े होते हैं। सिर्फ एक समुदाय के घरों में बुलडोजर चला जाता है और सत्ता में राजनीति जज करती है कि क्या होता है या नहीं होता है। मध्य प्रदेश को देखिए जहां मंत्री कहते हैं कि यदि मुसलमान ऐसा करता है तो वह न्याय की उम्मीद नहीं कर सकता। सिब्बल ने सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि आप उनके घरों को तोड़कर यह नहीं कह सकते कि उन्होंने अतिक्रमण किया है।

यह राजनीति का मंच नहीं है और यह मंच यह दिखाने के लिए है कि कानून का शासन कायम है। उन्होंने कहा कि मैं विध्वंस पर रोक चाहता हूं। उधर, एआईएमआईएम प्रमुख एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी जहांगीरपुरी क्षेत्र का दौर कर चुके हैं, मगर सुरक्षा कारणों से उन्हें नागरिकों से मुलाकात करने का मौका नहीं दिया गया। सांसद ओवैसी ने जहांगीरपुरी में सरकार की तरफ से की गई कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि जो तुर्कमान गेट 2022 हुआ है, वो सरासर अन्याय है। बिना नोटिस दिए इस तरह से संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और तोड़ना गलत है। वो तो सुप्रीम कोर्ट का समय से निर्णय आ गया नहीं तो बहुत लोग बर्बाद हो जाते। ओवैसी यही नहीं रूके।

उन्होंने कहा कि सवाल ये उठता है कि पिछले सात साल से इनकी सरकार है तब क्यों नहीं कार्यवाही की। अमित शाह 26 अगस्त 2021 में दिल्ली की 85 हजार अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कर चुके हैं। इनको भी अधिकृत कर दें। ये कौन सी बात है, इन्हें निकाल कर फेंक दें। इसके पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सांसद ओवैसी पर हमला बोला था। गिरिराज सिंह ने कहा था कि ओवैसी जैसे लोग हर मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम के नजरिए से देखते हैं, क्योंकि उनमें जिन्ना का डीएनए है। वे लोग देश के कानून में नहीं बल्कि शरिया कानून में विश्वास करते हैं। बहरहाल बुलडोजर पर जारी सियासत थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

देश के विभिन्न राज्यों में रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा के समय जिस प्रकार हिंसा की खबरें सामने आई थीं, वह बेहद चिंताजनक है। एक समुदाय विशेष के लोगों ने इन राज्यों में धार्मिक कार्यक्रमों को निशाना बाकर माहौल को बिगाड़ा था। अब यदि दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है तो विपक्ष को यह हजम नहीं हो रहा है। दंगाइयों की पैरवी में कुछ नेता लक्ष्मण रेखा तक लांघने को तैयार हैं। यह सब वोट बैंक की राजनीति से ज्यादा कुछ नहीं है। जेएनयू में भी रामनवमी कार्यक्रम में खलल डालने का प्रयास किया जा चुका है।