सीएक्यूएम के निर्देशों से परेशान उद्यमियों ने राज्यमंत्री अरुण कुमार सक्सैना से की मुलाकात

-जिलों में उद्योगों की व्यवहारिक समस्याओं से कराया अवगत
-राज्यमंत्री ने अपर सचिव ऊर्जा और प्रदूषण के साथ बैठक कर, समस्याओं के निवारण का दिया आश्वासन

बरेली/गाजियाबाद। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग(सीएक्यूएम) ने कोयला, लकड़ी, गत्ता और बायो डीजल से चलने वाले उद्योग धंधों को पीएनजी में बदलने समेत अन्य निर्देश जारी किए है। सीएक्यूएम के निर्देशों के चलते उद्यमी परेशान है। समस्या के समाधान के लिए इंडियन इंडस्ट्रीय एसोसिएशन (आईआईए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल एवं राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सिंघल तथा राष्ट्रीय महासचिव दिनेश गोयल ने सोमवार को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर अरुण कुमार सक्सैना के साथ बरेली में आयोजित उद्यमी संवाद कार्यक्रम में मुलाकात की। संवाद कार्यक्रम में आईआईए के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने सीएक्यूएम एवं प्रदूषण से सम्बन्धित समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि दिल्ली एवं एनसीआर में जब तक ग्रेप लागू है। तब तक उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सप्लाई प्रदान कराई जाए। हमारी सरकार आज उद्योगों को 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने की बात करती है।

अगर बिजली की सप्लाई निर्बाध तरीके से होगी तो उद्यमी क्यों जनरेटर का प्रयोग करेगा। बिजली कटौती के कारण ही मजबूरी में उद्यमियों को जनरेटर चलाना पड़ता है। जबकि जेनरेटर की यूनिट ग्रीड की यूनिट से 3 से 4 गुणा महंगी पड़ती है। अगर जेनरेटर नहीं चलाया तो उत्पाद सहित मशीन खराब हो जाएगी। अगर ऐसे में बिना पूर्व सूचना के विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, तो उस विद्युत कंपनी के अधिकारी की भी जिम्मेदारी तय की जाए।
उन्होंने बताया सीएक्यूएम ने उद्योगों को केवल पीएनजी पर चलाने के निर्देश दिए है, जबकि पीएनजी की उपलब्धता कुछ ही क्षेत्रों में हैं। जनपद के सूक्षम व लघु उद्योगों में पांच से 85 केवीए के डीजी सेट प्रयोग हो रहे है, जिनको पीएनजी में परिवर्तित करने की कोई तकनीक नहीं है। इसके अलावा जनरेटर सेट को पीएनजी में परिवर्तित करने के लिए लगने वाली आयतित उपकरण है, जिसकी तकनीकि अभी तक केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा प्रमाणित नहीं है। पीएनजी में परिवर्तित करने की लागत बहुत अधिक है। एनसीआर में पीएनजी की कीतमे पारंपरिक ईधन की तुलना में बहुत अधिक है। जिससे उद्योगों के उत्पादों की लागत अधिक होने से उन्हें प्रतिस्पर्धा में रहना कठिन है।

इसलिए एनसीआर में जबतक ग्रेप लागू है, तबतक उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सप्लाई देने, एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से पार जाने पर उद्योगों को अपने जनरेटर डिस्कनेक्ट करने और इंडेक्स 300 से नीचे आने पर कनेक्ट करने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा किसी भी उद्योग को बंद करने से पहले सुनवाई का एक मौका देने आदि की अनुमति देने की मांग की। इससे लॉ ऑफ नेचुरल जस्टिस के सिद्वान्त का भी अनुपालन होगा। ऐयर क्वालिटी इंडेक्स स्थानीय स्तर पर भी मोनिटर किया जाये, जिससे घनी आबादी में विद्यमान ऐयर क्वालिटी इंडेक्स के आधार पर स्थानीय उद्योग बंद न हो।

उद्यमियों की समस्याओं को सुनकर राज्यमंत्री ने विद्युत की आपूर्ति निर्बाध रूप से कराए जाने एवं अन्य समस्या के निस्तारण के लिए मंगलवार को अपर सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता एवं अपर सचिव प्रदूषण मनोज कुमार के साथ बैठक कर जल्द ही समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया। बैठक के उपरान्त भी यदि संबंधित दिल्ली एनसीआर क्षेत्र की समस्याओं का निवारण नहीं हो पाता है, तो उक्त विषय पर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की जाएगी। इस मौके पर चेयरमैन मनोज कुमार, को-चेयरमैन अमित नागलिया, एनवायरमेंट एंड पीएनजी कमेटी स्वरूप सिंघल भी उपस्थित रहे।