किसानों ने जीडीए वीसी से की वेवसिटी डीपीआर से मुक्त करने की मांग

गाजियाबाद। नेशनल हाइवे-9 से सटे महरौली समेत अन्य गांवों की जमीन को उप्पल चड्ढा गु्रप की वेवसिटी एवं सनसिटी इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा विकसित की जा रही सिटी से किसानों ने अपनी जमीन को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) से बाहर किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह से मुलाकात की। जीडीए सभागार में गांव महरौली एवं नायफल, काजीपुराबयाना, कचैड़ा गांव के किसानों की आपत्तियों को जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, टाउन प्लानर राजीव रतन शाह, जीडीए चीफ इंजीनियर राकेश कुमार गुप्ता आदि अधिकारियों की मौजूदगी में सुना। गांव महरौली के किसान महेंद्र चौधरी, आदेश चौधरी, प्रमोद चौधरी, राजवीर सिंह, ओमवीर सिंह, अमरपाल सिंह, लीलू समेत करीब 150 किसानों ने गांव महरौली की जमीन को वेवसिटी की डीपीआर से बाहर कराने की मांग की। दरअसल, जीडीए की ओर से गांव महरौली समेत अन्य गांव के किसानों की डीपीआर को लेकर आपत्तियों को सुनने के लिए बैठक रखी गई थी।

जीडीए उपाध्यक्ष को किसानों ने अवगत कराया कि बिल्डर द्वारा वर्ष-2006 से लेकर अब तक गांव की जमीन डीपीआर में शामिल करने का आश्वासन दिया जा रहा है। किसानों को न तो खेतों में जाने दिया जा रहा है,जबकि किसानों के टयूबवैल के बिजली कनेक्शन काट दिए गए। किसानों की जमीन वेवसिटी से बाहर करने की मांग की गई। करीब 98 किसानों की आपत्तियों को सुना गया। जबकि 183 आपत्तियां आई थी। जीडीए की ओर से इस पर सुनवाई करने के लिए नोटिस किसानों को भेजे गए थे। जीडीए उपाध्यक्ष ने किसानों की आपत्तियों केा सुनने के बाद आश्वासन दिया कि डीपीआर का नक्शा सलंग्न कर लिखित में अपनी शिकायत दें।इसे शासन को भेजा जाएगा। वहीं,मेरठ मंडल के मंडलायुक्त के समक्ष किसानों की आपत्तियों को रखा जाएगा।वेव सिटी और सनसिटी इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डर द्वारा इन गांवों की जमीन डीपीआर से बाहर किए जाने को लेकर किसानों को आश्वासन दिया।

गांव महरौली की वेवसिटी से सटे क्षेत्र का जमीनों का सर्किल रेट 21 हजार रुपए प्रतिवर्गमीटर है,जबकि रोड से दूसरी ओर का 5100 रुपए रेट है।वेव सिटी बिल्डर द्वारा 71 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर जमीन बेची जा रही हैं। जीडीए उपाध्यक्ष ने गावं महरौली के किसानों का आश्वासन दिया कि जमीन को डीपीआर से बाहर कराने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा गांव नायफल,बयाना,काजीपुरा,कचैड़ा आदि गांव के किसानों ने जमीनों को बिल्डर या तो लें,अन्यथा जमीन को डीपीआर से बाहर किए जाने की मांग की गई।इस मामले में किसानों की आपत्तियों पर फिर से दोबारा सुनवाई जीडीए में होगी। एक सप्ताह का समय किसानों को दिया गया।