गाजियाबाद में डॉक्टर की लापरवाही से महिला की काटनी पड़ी चार उंगलियां

गाजियाबाद। आमतौर पर डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। क्योंकि भगवान का दुसरा रूप डॉक्टर होते है वो इसलिए किसी भी बिमारी या फिर दुर्घटना के दौरान डॉक्टर ही हमें सही उपचार देकर एक नया जीवनदान देते है। मगर जब किसी डॉक्टर की लापरवाही से अगर किसी की मौत हो जाए या फिर कोई हादसा हो जाए तो उस डॉक्टर को हम हैवान के रुप में देखते है। ऐसा ही एक मामला एनसीआर के अस्पताल का आया है। जहां डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक महिला को अपने हाथ की चार उंगलिया को गवाना पड़ गया। अगर समय पर उसकी उंगली नही काटी होती तो शायद उसकी जान भी जा सकती थी। उक्त मामले में पीडि़ता के पति ने थाना लोनी बोर्डर में अस्पताल के खिलाफ शिकायत दी है। फिलहाल अभी मुकदमा दर्ज नही हुआ है, पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नई दिल्ली स्थित करावल नगर शिव विहार निवासी मनोज ने बताया कि 23 दिसंबर 2021 को उनकी पत्नी संतोष की डिलीवरी लोनी क्षेत्र स्थित धनवंतरि अस्पताल में हुई थी। डिलीवरी के बाद से ही उनकी पत्नी के हाथ में सूजन आ गई थी और फिर हाथों पर दो फोड़े निकल आए। पीडि़त ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टर संदीप मोरल ने उनकी पत्नी को 8 चीरे लगाए। उसके बाद भी हाथ सही नही हुआ बलिक हालत और बिगडऩे लगी।

संदीप ने संतोष को 2 फरवरी 2022 को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां पर सफदरजंग के डॉक्टरों ने धनवंतरि के डॉक्टरों की लापरवाही बताई। मगर तब तक हाथ का संक्रमण इतना बढ़ चुका था कि अगर समय पर उनकी 4 उंगलियों को नही काटा गया होता तो शायद पूरा हाथ काटना पड़ता या फिर उनकी मौत भी हो सकती थी। 16 मई को मनोज ने उक्त मामले में धनवंतरि अस्पताल के डॉक्टर संदीप मोरल, डॉक्टर शिवराज, कर्मचवारी सोलिन व अन्य स्टाफ के खिलाफ लोनी बोर्डर थाने में तहरीर दी। पीडि़त का आरोप है कि पुलिस ने अभी तक डॉक्टर के खिलाख मुकद्मा दर्ज नही किया है, पुलिस जांच करने की बात कह रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि पीडि़त की शिकायत पर मामले की जांच की जा रही है। जांच होने के बाद उचित कार्र्रवाई की जाएगी।