यूपीसीए ने नहीं जीडीए ने खरीदी है किसानों से जमीन : राकेश मिश्रा

स्टेडियम विवाद में जीसीए डॉयरेक्टर राकेश मिश्रा ने रखा पक्ष, जमीन खरीद में किसी तरह की अनियमितता से किया इंकार, प्रवीण त्यागी के खिलाफ करेंगे मानहानि का केस

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। गाजियाबाद में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को लेकर उपजे विवाद को गाजियाबाद क्रिकेट एसोसिएशन के डॉयरेक्टर और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के एपेक्स मेंबर राकेश मिश्रा ने क्रिकेट के खिलाफ घटिया साजिश बताया है। राकेश मिश्रा ने आरोप लगाने वालों को निजी स्वार्थ के लिए क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने वाला व्यक्ति बताया। स्टेडियम के लिए खरीदी गई जमीन को लेकर लगाये गये आरोपों के जवाब में राकेश मिश्रा ने कहा कि यूपीसीए ने किसानों से कोई जमीन नहीं खरीदी है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण  (जीडीए ) ने यूपीसीए को जमीन उपलब्ध कराया है और जमीन के अंतिम मालिक से रजिस्ट्री हुई है। सब कुछ नियमानुसार हुआ है और कहीं भी कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। राकेश मिश्रा ने प्रवीण त्यागी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही है।Ghaziabad-Cricket-Association-Member

ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व वीवीआईपी ग्रुप के डॉयरेक्टर प्रवीण त्यागी ने जीसीए और यूपीसीए में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए राकेश मिश्रा पर कई आरोप लगाये थे। प्रवीण त्यागी के सभी आरोपों का राकेश मिश्रा ने बिंदुवार जवाब देते हुए पूरे प्रकरण को एक साजिश बताया। शुक्रवार को आरडीसी स्थित रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता के दौरान एसोसिएशन के डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने कहा कि राजनगर एक्शटेंशन में प्रस्तावित अंर्तराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लिए एक इंच भी जमीन एसोसिएशन के द्वारा सीधे किसानों से नहीं खरीदी गई है। यह जमीन जीडीए द्वारा किसानों से उपलब्ध कराई गई है। जीडीए अधिकारियों ने किसानों से डील फाइनल करने के बाद उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री कराई गई। यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के द्वारा ही सीधे जीडीए को जमीन खरीद के लिए पैसा दिया गया था। राकेश मिश्रा ने कहा कि मेरे या परिवार के नाम कोई ऐसी जमीन नहीं है जो गलत तरीके से लिया गया हो। प्रवीण त्यागी द्वारा जिन चार लोगों के नामों का उल्लेख करते हुए उनसे जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है, इन सभी चारों से उनका दूर तक भी किसी तरह का संबंध या व्यापारिक रिश्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों से जमीन का रेट तय करने वाला भी जीडीए है। करीब 32 एकड़ जमीन में से अभी कुछ हिस्से की जमीन जीडीए को उपलब्ध करानी हैं। इस जमीन के एवज में जीडीए पर करीब 2.50 करोड़ रुपए एसोसिएशन का बकाया है। किस रेट पर जमीन किसान बेच रहे थे अथवा जमीन के रेट का अंतर जीडीए के अधिकारियों के द्वारा ही स्पष्ट किया जा सकता है।

संतोष यादव के कार्यकाल में ली गई जमीन

जीडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष संतोष यादव के कार्यकाल के दौरान स्टेडियम के लिए जमीन खरीदी गई थी। यही वजह है कि इस विवाद में जीडीए अधिकारियों की संलिप्तता के भी आरोप लग रहे हैं। राकेश मिश्रा ने स्वीकार किया कि हाई टेंशन लाइन के पोल जमीन खरीद के दौरान खडे हुए थे, जिसको लेकर संस्था के द्वारा विरोध किया जा रहा है। जमीन खरीद में पूरी भूमिका जीडीए की है। उन्होंने कहा कि स्टेडियम की ऊंचाई 70 मीटर रखे जाने को लेकर अवश्य एयरपोर्ट अथारिटी को आपत्ति थीं, जबकि जीडीए के द्वारा 40 मीटर ऊंचाई से जुड़ा नक्शा मंजूर किया गया है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राकेश मिश्रा ने कहा कि आरपीएल के मैदान में प्रैक्टिस को लेकर सवाल उठाए जा रहे है, उसकी अनुमति प्राप्त की हुई है। प्रेक्टिस के दौरान किसी तरह का संस्था के द्वारा शुल्क नहीं वसूल किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि गाजियाबाद में 100 प्रतिशत अंर्तराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि फर्जी आरोप लगाने के मामले में प्रवीण त्यागी और उनकी संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। जीडीए ने चार साल पहले 4600 रुपए प्रतिवर्गमीटर के रेट जमीन के तय किए थे। यूपीसीए द्वारा जीडीए को 10 करोड़ रुपए दिया गया। 32.50 एकड़ जमीन में यह क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।