बसेगी नई सिटी, मेडिकल हब विकसित करेगा जीडीए

जीडीए की 158वीं बोर्ड बैठक में मिले महत्वपूर्ण तोहफे, कुल 16 प्रस्तावों को मंजूरीए आवंटियों को निराशा। जीडीए सभागार में मेरठ मंडल के आयुक्त एवं जीडीए चेयमैन सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक आयोजित की गई। दिल्ली से मेरठ के निर्माणाधीन रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के जिले में 7 स्टेशन प्रस्तावित हैं। इन स्टेशनों के डेढ़ किलोमीटर की परिधि में इंप्लुएंस जोन घोषित होगा। 

संदीप कुमार/विजय मिश्रा
उदय भूूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। जीडीए की 158वीं बोर्ड बैठक गुरुवार को संपन्न हो गई। बोर्ड बैठक में कुल 16 प्रस्ताव मंजूर हो गए। रैपिड रेल के गुलधर-दुहाई स्टेशन के पास साढ़े 6 सौ हेक्टेयर में सिटी विकसित करने, कोयल एंक्लेव में मेडिकल हब बसाने, मधुबन-बापूधाम योजना के आवंटियों से संबंधित प्रस्ताव पास किए गए। शहर में सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हो सकेगी। जीडीए सभागार में मेरठ मंडल के आयुक्त एवं जीडीए चेयरमैन सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक आयोजित की गई। दिल्ली से मेरठ के निर्माणाधीन रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के जिले में 7 स्टेशन प्रस्तावित हैं। इन स्टेशनों के डेढ़ किलोमीटर की परिधि में इंप्लुएंस जोन घोषित होगा। वहां भवन योजना की मंजूरी के लिए जीडीए से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। इस क्षेत्र को मिक्स लैंडयूज के तहत विकसित किया जाएगा। नतीजन आवासीय व व्यवसायिक गतिविधियां हो सकेंगी। इसी क्रम में रैपिड रेल के गुलधर और दुहाई स्टेशन के पास 650 हेक्टेयर क्षेत्र में आवासीय, व्यवसायिक और औद्योगिक हब विकसित किया जाएगा। मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने बताया कि दिल्ली से मेरठ तक 82 किलोमीटर लंबा रैपिड रेल कॉरिडोर तैयार हो रहा है। इस कॉरिडोर के गाजियाबाद में 7 स्टेशन हैं। इन सभी स्टेशनों के डेढ़ किलोमीटर की परिधि को इंफ्लुएंस जोन घोषित किया जा रहा है ताकि इस क्षेत्र को आवासीय व व्यवसायिक रूप से विकसित किया जा सके। इसके लिए वहां पर मिक्स लैंडयूज के तहत विकास किया जाएगा। इससे स्टेशन के नजदीक व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी। रैपिड रेल कॉरिडोर के गुलधर स्टेशन के पास 250 हेक्टेयर और दुहाई स्टेशन के पास 400 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर ली गई है। जहां स्पेशल डिवलपमेंट जोन बनेगा। वहां पर 650 हेक्टेयर क्षेत्र में जीडीए और आरआरटीएस संयुक्त रूप से आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक हब विकसित करेंगे, जिसमें आवासीय, व्यवसायिक व औद्योगिक भूखंड, ग्रुप हाउिसंग, माल, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल आदि विकसित होंगे। इनकी अधिसूचित किए जाने का प्रस्ताव बोर्ड ने पास कर दिया है। अब यह शासन को भेजा जाएगा। बैठक में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करूणेश, नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर, सचिव बृजेश कुमार, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, ओएसडी संजय कुमार, सुशील कुमार चौबे, सीएटीपी आशीष शिवपुरी, फाइनेंस कंट्रोलर अशोक वाजपेयी, चीफ इंजीनियर एसके सिन्हा के अलावा जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल, सचिन डागर, हिमांशु मित्तल, केशव त्यागी, आसिफ खान आदि मौजूद रहे।

संपत्तियों के रेट फ्रीज
जीडीए ने बोर्ड बैठक में मार्च 2022 तक संपत्तियों के रेट को फ्रीज करने का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है। हालांकि यह केवल जीडीए की बिना बिके भवनों पर ही लागू होगा। भूखडों पर मौजूदा प्राधिकरण दर या सर्किल रेट से ही खरीद-फरोख्त होगी।

मेडिकल हब की तैयारी
ट्रांस हिंडन और लोनी क्षेत्र में हास्पिटल के निर्माण की मांग को देखकर जीडीए अब कोयल एंक्लेव में 8,565 वर्ग मीटर को मेडिकल हब के रूप में विकसित करेगा। वहां सभी तरह के अस्पताल व नर्सिंग होम बन सकेंगे और क्षेत्रवासियों को चिकित्सा की सुविधा मिलेगी। इसका लाभ ट्रांस हिंडन और लोनी क्षेत्र की बड़ी आबादी को होगा। मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कोयल एंक्लेव योजना में 8,565 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का एक शैक्षणिक भूखंड है। बोर्ड बैठक में इस भूखंड का भू उपयोग परिवर्तित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

आवंटियों को प्रतिकर देने में राहत नहीं
मधुबन-बापूधाम योजना में आवंटियों को प्रतिकर देने के मामले में कोई राहत नहीं मिली है। मंडलायुक्त ने बताया कि आंवटियों को सशर्त संपत्तियों को आवंटन किया गया था। जिसमें साफ था कि भविष्य में किसी भी प्रकार के अधिभार को आवंटियों को झेलने होगा। लिहाजा आवंटियों को अतिरिक्त दर से बकाया चुकाना होगा। हालांकि आवंटियों को विकल्प दिया गया है कि वह चाहें तो संपत्ति के एवज में जीडीए से ब्याज समेत अपनी संपत्ति का तत्कालीन दरों पर मूल्य वापस ले सकते हैं।

पर्यटन का ख्याल, बनेगा हजरतगंज
शहर में पयर्टन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगेए जिससे दिल्ली से आने वाले नागरिकों को भी गाजियाबाद में अलग अहसास हो सकेगा। इसके लिए योजनाओं पर काम चल रहा है। सबसे पहले शासन को जीडीए प्रस्ताव भेजेगा। जिसमें हजरतगंज की तरह मुख्य मार्गों के किनारे मौजूद दुकानों व मकानों को एक खास थीम के तहत एक जैसा रूप दिया जाएगा। इसका पायलट प्रोजेक्ट किसी खासबाजार से शुरू होगा। यहां उक्त बाजार में दुकान व मकानों की रंगाई पुताई से लेकर फुटपाथ, स्ट्रीटलाईट व तमाम तरह की सजावट का खास ख्याल रखा जाएगा। इसके अलावा दिल्ली से गाजियाबाद की ओर आने वाले दिलशाद गार्डन व वजीराबाद मार्ग को भी साफ-सुथरा बनाया जाएगा।