स्वच्छ सर्वेक्षण में गाजियाबाद की छलांग, ओडीएफ प्लस प्लस घोषित हुआ शहर

रंग लाई नगर निगम गाजियाबाद की मेहनत मिला ओपन डेफिकेशन फ्री प्लस प्लस सर्टिफिकेट

गाजियाबाद। नगर निगम गाजियाबाद को ओडीएफ (ओपन डेफिकेशन फ्री) प्लस प्लस का सर्टिफिकेट मिला है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा विभिन्न मानकों की जांच करते हुए गोपनीय सर्वे कराया गया था। इसी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर गाजियाबाद को यह सर्टिफिकेट मिला है। यह सर्टिफिकेट इस बात का फरमान है कि गाजियाबाद शहर न सिर्फ पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त है बल्कि यहां सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति भी काफी अच्छी है। ओडीएफ प्लस प्लस सर्टिफिकेशन मिलने से नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों में खुशी का माहौल है।
नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी पिछले कई माह से ओडीएफ प्लस-प्लस की सर्टिफिकेशन हासिल करने के लिए तैयारियों में जुटे हुए थे। मेयर आशा शर्मा एवं म्युनिसिपल कमिश्रर महेंद्र सिंह तंवर के कुशल नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लिए अहम भूमिका निभाई है।

जिसके क्रम में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की जांच में शहर में कहीं भी खुले में गंदगी, खुले में शौच नहीं पाया गया तथा शहर वासियों के विशेष सहयोग से नगर निगम गाजियाबाद ने इस बार बेहतर प्रदर्शन कर को अच्छे अंक प्राप्त किए। नगर निगम को इससे पहले खुले में शौच से मुक्त शहर का कुछ खास दर्जा हासिल नही किया था, लेकिन केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से यह दर्जा सिर्फ एक वर्ष के लिए ही प्राप्त होता है। उसके बाद रीसर्टिफिकेशन के लिए फिर से आवेदन करना पड़ता है। निगम ने बीते अक्टूबर में फिर से री-सर्टिफिकेशन के लिए अप्लाई किया था। इसे पाने के लिए तमाम अधिकारियों को इसकी तैयारियों के लिए मैदान में उतार दिया गया था। नगर निगम द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा 39 शौचालयों में 33 शौचालय बेस्ट ऑफ कैटेगरी, 5 शौचालय गुड तथा एक शौचालय एक्सीलेंट की कैटेगरी में दर्शाया गया। पिछले वर्ष 2020 में केवल 13 शौचालयों को ही अंक प्राप्त हुए थे। वर्ष 2021 में शहर के सभी शौचालय अब्बल कैटेगरी में रहे हैं। सभी शौचालय संसाधनों से युक्त पाए गए। क्यू.सी.आई द्वारा शौचालयों को प्रेरणादायक घोषित किया तथा उच्चतम क्वालिटी प्रदान की गई। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा शौचालयों पब्लिक एरिया, कमर्शियल एरिया रोड एंड स्ट्रीट व अन्य की जांच गाजियाबाद शहर में की गई थी। जिसमें शहर के शौचालय जिनका जीर्णोद्धार कर सभी सुविधाओं से किया युक्त गया था। उनको सबसे अधिक अंक प्राप्त हुए हैं। मेयर आशा शर्मा एवं म्युनिसिपल कमिश्रर महेंद्र सिंह तंवर ने सभी अधिकारी,कर्मचारी, पार्षदों एवं नागरिकों को बधाई दी।
केंद्र सरकार की टीम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण तीन चरणों में होता है। पहला चरण अप्रैल से जून, दूसरा जुलाई से सितंबर तथा तीसरा अक्टूबर से दिसंबर तक आयोजित किया जाता है जबकि चार से 31 जनवरी तक नया सर्वेक्षण आरंभ हो जाता है जिसमें स्वच्छ सर्वेक्षण करने वाली टीम दिल्ली से बिना किसी पूर्व सूचना के शहर में पहुंचती है। उसके अनुसार टीम मौके पर पहुंच सर्वेक्षण को अंजाम देती है। जिसके तहत काउंसिल द्वारा पहले तीन चरणों की ऑनलाइन भेजी गई रिपोर्ट का सर्वेक्षण किया जाता है। जिसके बाद टीम के मेंबर्स फील्ड में पहुंच रिपोर्ट तैयार करते हैं।