कृष्णा करूणेश बदल रहे हैं जीडीए की सूरत और सीरत

विरासत में मिली चुनौतियों से निपटने के लिए उठाया प्रभावी कदम, मिल रही है सफलता

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की सूरत एवं सीरत में काफी बदलाव आ गया है। आज अवैध निर्माण पर प्रभावी कार्रवाई होने के साथ-साथ जीडीए का खाली खजाना भी भर रहा है। अवैध निर्माण करने वाली बेशक कितना प्रभावशाली हो, इससे विभाग को अब कोई फर्क नहीं पड़ता। शिकायत मिलने पर तुरंत एक्शन होना लाजमी है। जीडीए में आए इस बदलाव का श्रेय जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करूणेश को जाता है। जिन्होंने अपनी लाजबाव कार्यकुशलता का परिचय देखकर चुनौतियों को मात देने में सफलता हासिल की है।
करीब 11 माह पहले जीडीए उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के दौरान उन्हें विरासत में कई चुनौतियां मिली थीं। इनमें से 2 प्रमुख चुनौती अवैध निर्माण की भरमार और विभाग का खजाना खाली होना था। जीडीए में पूर्व में तैनात सचिव और कुछ अन्य अधिकारियों की कार्यशैली की वजह से विभाग की शाख पर भी बट्टा लग रहा था। कार्यभार संभालने के तत्काल बाद कोरोना की दूसरी लहर से शहर का सामना हुआ। प्रभारी जिलाधिकारी के रूप में कोरोना संकट से निपटने के लिए कृष्णा करूणेश ने जो कदम उठाया वह प्रभारी रहा और गाजियाबाद कोरोना से जंग जीतने में सफल रहा। कोरोना से निपटने के बाद उन्होंने जीडीए की व्यवस्थाओं को सुधारने की तरफ फोकस किया। लापरवाह अधिकारियों को फटकार लगाई। इसी बीच जीडीए सचिव संतोष राय और ओएसडी संजय कुमार का तबादला शासन ने कर दिया। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई का संदेश अन्य अधिकारियों तक भी पहुंचा। इसका असर अब दिखाई देने लगा है। अब ना सिर्फ जीडीए का खाली खजाना भर रहा है बल्कि अवैध निर्माण के खिलाफ भी प्रभावी ढ़Þंग से कार्रवाई हो रही है। जीडीए उपाध्यक्ष ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि यदि कोई पीड़ित व्यक्ति शिकायत लेकर आता है तो प्राथमिकता के आधार पर उसकी शिकायतों का निस्तारण कराया जाये। आवंटियों को जरूरी कार्य के लिए बेवजह चक्कर नहीं काटनी पडे। आवेदन पर निर्धारित समयावधि के भीतर काम निपटने का निर्देश है। नीलामी के जरिये पुरानी और खाली पड़ी संपत्तियों को बेचा जा रहा है। इससे जीडीए को प्रॉपर्टी की अधिक कीमत भी मिल रही है और खजना भी भर रहा है। जीडीए वीसी की कार्यशैली की वजह से आज न सिर्फ जीडीए की छवि बदल रही है बल्कि अवैध निर्माण कर्ताओं के मन में जीडीए का डर बैठा है। जीडीए ने अवैध निर्माण पर शिकंजा कसने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। इसके मद्देनजर टोल फ्री नंबर-18001801117 भी जारी किया गया है। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति कॉल कर अवैध निर्माण के संबंध में शिकायत कर सकता है। शिकायकर्ता का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा। शिकायत मिलने पर 3 दिन के भीतर कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त अवैध निर्माण पर अंकुश के लिए अलग से सॉफ्टवेयर भी तैयार किया गया है। जीडीए को टोल फ्री नंबर पर निरंतर शिकायतें मिल रही हैं। जिन पर कार्रवाई हो रही है।