इंदिरापुरम में खत्म होगा कूड़े का पहाड़

– इंदिरापुरम के शक्तिखंड-4 स्थित खाली प्लाट में पड़ा है डेढ़ लाख मैट्रिक टन से अधिक कूड़ा-कचरा

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। इंदिरापुरम स्थित कूड़े के पहाड़ को खत्म करने का काम जल्द शुरू हो जाएगा। नगर निगम ने कूड़ा हटाने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है और कंपनी का चयन भी कर लिया है। कंपनी के साथ एमओयू साइन होने के बाद वायो रेमिडिएशन तकनीकि से कूड़े को नष्ट करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि शहर से हर प्रकार के कूड़े को हटाया जाएगा। इंदिरापुरम मामले में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
ज्ञात हो कि इंदिरापुरम का कूड़ा शक्ति खंड-4 स्थित एक बड़े प्लॉट में लंबे समय से डाला जा रहा है। लंबे समय से यहां कूड़ा डाले जाने के कारण यहां कूड़ा का पहाड़ बन गया है। करीब 35 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले खाली पड़े इन प्लाटों पर अनुमानित रूप से डेढ़ लाख टन से अधिक कूड़ा कचरा पड़ा हुआ है। इससे आसपास के लोग काफी परेशान है और बीमारी फैलने का भी खतरा बना रहता है। इसके खिलाफ स्थानीय लोगों के संगठन ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। कंफेडरेशन आॅफ ट्रांस हिंडन रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा डाली गई इस याचिका पर सुनवाई के बाद एनजीटी ने गाजियाबाद नगर निगम को कूड़ा हटाने का निर्देश दिया। एनजीटी को जब बताया गया कि कूड़ा जीडीए द्वारा डंप किया गया है और जीडीए की कॉलोनी से निकला कूड़ा है। इस पर एनजीटी ने कूड़ा हटाने में आने वाला खर्चा जीडीए को वहन करने का आदेश सुनाया। एनजीटी ने आदेश में कहा है कि  कचरे के ढेर को पहचान कर जैव तरीके से उसका निस्तारण कराया जाये। कूड़े के निस्तारण में अनुमानित रूप से 4 से 5 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। नगर निगम ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है और जल्द ही कूड़ा हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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