इंटरलॉकिंग टाइल्स प्रकरण में नया मोड़, ठेकेदार और सुपरवाइजर अंजान

नियमानुसार चल रहा था काम, सही टाइल्स की एवज में भुगतान का प्रावधान

गाजियाबाद। संजय नगर सेक्टर-23 में सड़क किनारे से इंटरलॉकिंग टाइल्स उखाड़े जाने के मामले में एकाएक नया मोड़ आ गया है। नगर निगम द्वारा इस कार्य के लिए अधिकृत ठेकेदार की जानकारी के बगैर यह काम कराया जा रहा था। इसके अलावा सुपरवाइजर को भी मामले की कोई जानकारी नहीं थी। संबंधित ठेकेदार पिछले 3 दिन से शहर से बाहर है। उधर, यह भी बताया गया है कि उखाड़ी गई टाइल्स में से जितनी भी सही और साबुत टाइल्स जुटाई जाएंगी, उसके हिसाब से प्रति टाइल्स 5 रुपए ठेकेदार को नगर निगम में भुगतान करना होगा।

यह अनुबंध पत्र की शर्तों में भी शामिल है। नगर निगम के वार्ड नंबर-67 सेक्टर-23 संजय नगर से संबंधित एक वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में पार्षद अजय शर्मा ने लगाया था कि कॉलोनी में सड़क किनारे लगाई गई इंटरलॉकिंग टाइल्स को बेचने के मकसद से उखाड़ा जा रहा है। इन टाइल्स को बकायदा ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरे जाने का वीडियो सामने आया था। पार्षद ने इस संबंध में नगरायुक्त को वीडियो भेजकर शिकायत की थी। इस प्रकरण में देर शाम नया मोड़ आ गया।

दरअसल संजय नगर सेक्टर-23 में इंटरलॉकिंग टाइल्स बिछाने का ठेका विनोद कुमार गुप्ता नामक कांट्रेक्टर को मिला है। कांट्रेक्टर विनोद कुमार पिछले 3 दिन से शहर से बाहर है। वह सड़क किनारे से टाइल्स उठाने का काम किसी और को सौंप गए थे। जबकि क्षेत्रीय सुपरवाइजर को भी इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी। बताया गया है कि नगर निगम द्वारा छोड़े गए कांट्रेक्ट के तहत यदि कोई ठेकेदार पुरानी टाइल्स को उखाड़ता है तो उसमें 20 प्रतिशत टाइल्स को मलबा मान लिया जाता है। बाकी 80 प्रतिशत टाइल्स को उपयोगी माना जाता है। प्रति टाइल्स के हिसाब से ठेकेदार को नगर निगम को 5 रुपए का भुगतान करने का प्रावधान है। यह मामला भी इसी प्रकार का प्रतीत होता है। संजय नगर से उखड़वाई गई सभी टाइल्स की बावत नियमानुसार ठेकेदार को भुगतान करना होगा।