आईटीएस में सात दिसवीय एमसीए पाठ्यक्रम के 26वें बैच के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन

-छात्रों को सामयिक रूप से प्रयोगी कौशल एवं तकनीकों को समझने की आवश्यकता: प्रो एमएम पंत

गाजियाबाद। मोहन नगर स्थित इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइन्स (आईटीएस) परिसर में एमसीए पाठ्यक्रम के 26वें बैच के लिए एक सप्ताह का ओरिएंटेशन प्रोग्राम- अभिविन्यास- 2022 के दूसरे दिन मंगलवार को एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक, शिक्षाविद तथा देश में दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान के लिए प्रसिद्ध और आईजीएनओयू के पूर्व प्रति-कुलपति प्रो एमएम पंत मुख्य अतिथि के रूप में तथा देश विदेश में अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले सुरक्षा के क्षेत्र में रणनीतिकार, सेवा एवं विशिस्ट सेवा मैडल से सम्मानित मेजर जनरल शशि अस्थाना मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे।

कार्यक्रम का औपचारिक शुभारम्भ आईटीएस समूह के वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा, मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता, आईटी विभाग के निदेशक डा सुनील कुमार पाण्डेय तथा एमसीए पाठ्यक्रम की सहसंयोजिका प्रो स्मिता कंसल ने संयुक्त रुप से माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन से किया। वाइस चेयरमैन अर्पित चढ्ढा ने कहा यह कायक्रम छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अभिविन्यास में आयोजित किये जाने वाले सभी कार्यक्रम, सत्र एवं विभिन्न गतिविधियां छात्रों के भविष्य में आने वाली चुनोतियो के लिए लाभदायक साबित होंगे।

निदेशक डा सुनील पाण्डेय ने कहा कि आज जब सम्पूर्ण विश्व सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की चारो तरफ केन्द्रित हो रहा है, भविष्य में रोजगार की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। उन्होंने छात्रों को अपने आपको आवश्यकताओं को समझते हुए अपने आपको तकनीकी एवं व्यक्तिगत रूप से अवसरों के दोहन के लिए तैयार रहे।

मुख्य अतिथि प्रो एमएम पंत ने सूचना प्रौद्योगिकी के विकास पर चर्चा करते हुए गत दशकों में चरणबद्ध रूप में परिवर्तनों एवं नवीन तकनीकों के विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों के साथ-साथ सामयिक रूप से प्रयोगी कौशल एवं तकनीकों को समझने एवं निपुणता विकसित करने की अत्यन्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सूचना प्रौद्योगिकी अपने चरम पर है तथा इस समय में छात्रों को अपने आप को समय के अनुरूप ढलने कि आवश्यकता है। उन्होंने कुछ ऐसे क्षेत्रों का भी उल्लेख किया जिनमे अपने आप को तैयार करके छात्र उंचाईओं को छू सकते हैं।

मेजर जनरल शशि अस्थाना ने कहा कि जिस प्रकार युद्ध भूमि में सैनिक अपने जीवन कि परवाह किये बिना अपने देश कि रक्षा के लिए अरसर रहता है। उसी प्रकार आज के छात्रों को भी देश के विषय में सोचना चाहिए तथा अपने कार्यो के द्वारा देश को उचाईयो तक ले जाना चाहिए। इसके पूर्व एमसीए पाठ्यक्रम के संकाय सदस्य प्रो0 वरुण अरोरा ने अतिथियों एवं नवप्रवेशी छात्रों का स्वागत करते हुए एमसीए पाठ्यक्रम एवं संस्था में उपलब्ध संसाधनों, सुविधाओं के बारे में अवगत कराया। इसके पश्चात् छात्रों को विभिन्न सुविधाओं से तथा कॉलेज के नियमों और विनियमों से अवगत कराया गया।