रेलवे सलाहकार समिति ने किया रेलवे स्टेशन औचक निरीक्षण, मिली कई खामियां

गाजियाबाद। दिल्ली मंडल रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य राजसिंह मंगलवार को पुराना रेलवे जंक्शन का औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्हें यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं में कई खामियां मिलीं। रेलवे टिकट बुकिंग केंद्र के फर्श पर लोग लेटे हुए मिले। केंद्र पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं दिखे। यात्री उद्घोषणा सिस्टम न लगाने के कारण भी यात्रियों को दिक्कत होना पाया गया।मंडल रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य राज सिंह दोपहर बाद स्टेशन पर पहुंचे। उन्होंने स्टेशन के बाहर बनाए गए अस्थाई रेलवे टिकट बुकिंग केंद्र का निरीक्षण किया।

राज सिंह ने बताया कि पूछताछ केंद्र पर एनटीईएस सिस्टम काम नहीं कर रहा था।ट्रेनों के आने जाने की उद्घोषणा करने वाला सिस्टम यहां नहीं मिला। इस कारण यात्रियों को काफी दिक्कत हो रही है। यात्री जब तक टिकट लेकर स्टेशन पहुंचते हैं तब तक ट्रेन चल जाती है। यहां यात्रियों के बैठने के लिए कोई उचित सुविधा नहीं थी। टीन शेड होने के कारण यात्री गर्मी से परेशान थे। पीने के पानी के लिए आरओ सिस्टम की व्यवस्था नहीं मिलीं। बुकिंग केंद्र के भीतर ही बिजली का बड़ा खंभा लगा मिला। उसमें करंट उतर सकता है। कोई भी यात्री इससे दूर रहे इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। लोगों ने उन्हें बताया कि रात के समय बुकिंग केंद्र के सामने ट्रकों की लाइन लगी रहती है। ऐसे में यात्रियों के साथ कोई भी दुर्घटना हो सकती है। इसके बाद राज सिंह ने स्टेशन का भी निरीक्षण किया। यहां प्लेटफार्म पर बैंच तो लगी थी लेकिन उनके ऊपर पंखे नहीं थे। पंखे जहां लगे थे वहां पर बैंच नहीं थी। यात्रियों को पीने के पानी के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं मिली। वाटर एटीएम बेकार हालत में पड़े मिले।

उन्होंने खानपान के स्टॉल भी चेक किए। चाय समोसे स्टेशन पर नहीं बेचे जाते हैं,बावजूद इसके कई स्टॉल पर चाय समोसे की सूची चस्पा मिली। स्टेशन पर कहीं पर भी कोई दवा का स्टॉल नहीं मिला। राज सिंह ने बताया कि उनका काम निरीक्षण के दौरान यात्रियों से संबंधित जो खामियां मिली है उनकी सूची बनाकर दिल्ली मंडल के अधिकारियों को अवगत कराना है। ताकि अधिकारी यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर करा सकें।दिल्ली मंडल रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य का चयन रेलवे की उच्च कमेटी करती है। इस समिति का कोई भी सदस्य जब स्टेशन पर निरीक्षण के लिए पहुंचता है तो रेलवे अधिकारियों को उनके साथ खुद या किसी अधिकारी व कर्मचारी को तैनात किया जाता है। ताकि वह स्टेशन पर सभी प्रकार की सुविधाओं का जायजा ले सकें। बावजूद इसके स्टेशन पर उनके निरीक्षण के दौरान कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं रहा। स्टेशन के अधिकारी ने तो यहां तक कह दिया कि स्टेशन खुला है वह जो चाहे अपने आप आकर देख लें।