स्पर्श सोसायटी ने टीबी से ग्रस्त 25 बच्चों को लिया गोद

वर्ष 2025 में देश से टीबी को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प

गाजियाबाद। स्पर्श सोसायटी द्वारा मंगलवार को जिले में टीबी रोग से ग्रस्त 25 बच्चों को गोद लिया गया। वैशाली में सोसाइटी के वालंटियरस के द्वारा इन बच्चों को अगले 6 महीने इस बीमारी से लडऩे के लिए प्रोत्साहन के रूप में हर माह इन बच्चों से मिलकर समयानुसार दवाई खाने और अपना कोर्स पूरा करने के लिए मदद की जाएगी। इसके साथ ही इन बच्चों में पोषण की कमी को पूरा करने के लिए स्पर्श संस्था द्वारा खाने-पीने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाइयों का वितरण भी किया गया। पार्षद मनोज गोयल ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सन 2025 से पूर्व भारत में टीबी रोग को कंट्रोल करने के लिए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इस प्रकार के कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि यह बच्चे अपना इलाज बीच में अधूरा ना छोड़े। जनपद में इस समय करीब 2000 बच्चे इस रोग की दवाई प्राप्त कर रहे हैं और उम्मीद है कि शीघ्र ही इस रोग पर काबू पा लिया जाएगा। एक व्यक्ति एक बच्चा की पॉलिसी के तहत इस योजना का लाभ दिखाई देने लगा है। मनोज गोयल ने टीबी बिमारी को लेकर लोगों से अपील करते हुए कहा कि टीबी लाइलाज नहीं है, लेकिन इलाज न करवाने की सूरत में यह जानलेवा हो सकता है। इसका इलाज अमूमन छह महीने तक सही एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से किया जा सकता है।

इलाज शुरू होने के बाद उसे बीच में नहीं छोडऩा चाहिए। कई बार लोग टीबी की जांच कराने में संकोच करते हैं, अगर वजन कम हो रहा है और खांसी नहीं रुक रही है। तो समय रहते टीबी की जांच कराएं और बीमारी होने पर तुरंत दवाई लेना शुरू करना चाहिए। क्षय रोगी को कम से कम छह महीने तक दवा लगातार लेनी चाहिए। कभी-कभी दवा को एक साल तक भी लेनी पड़ सकती है। यह आवश्यक है कि केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लेना बंद किया जाए। इस दौरान क्षेत्रीय पार्षद मनोज गोयल, वैशाली डिस्पेंसरी की चिकित्सक डॉ रितु वर्मा, डॉक्टर सचिन भार्गव, स्पर्श सोसायटी के वॉलिंटियर्स डॉ अमित वर्मा, डा आशुतोष, डॉ नमित वार्ष्णेय, अमन शर्मा, मुकेश कुमार, संजीव वर्मा, हरि ओम गुप्ता, वरुण सिंह पुंडीर, राजेन्द्र माहेश्वरी, प्रवीण अग्रवाल, सुभाष सिंह, अविनाश कुमार श्रीवास्तव, रविंद्र कुमार, मोहित गौरी, सर्वेश यादव ने भाग लिया।