बुलंदशहर से तैयार होकर किसानों के लिए पहुंची विशेष ट्रॉली

-50-60 आदमियों के सोने की हो सकेगी व्यवस्था

गाजियाबाद। किसान आंदोलन में रोजाना नए इनोवेशन देखने को मिल रहे हैं। आंदोलन शुरू होते ही सर्दी बढ गई तो देशी गीजर आंदोलन स्थलों पर देखने का मिले। सोने के लिए स्कूल बसों की सीटें निकालकर उनमें बिस्तरों की व्यवस्था की गई। स्कूल बसों में सर्दी से बचाव में भी मदद मिली। गर्मी शुरू होने पर किसानों ने सोलर पैनलों से पंखे चलाने शुरू कर दिए। बीच-बीच में आई बरसात ने भी किसानों को रोज नए इनोवेशन करने की प्रेरणा दी। मचान पर बने डबल स्टोरी टेंट भी गाजीपुर बार्डर पर देखे गए। सड़क पर लगाए गए टेंटों में पानी ना आए, इसके लिए उन्हें वाटरप्रूफ बनाया गया। लेकिन सड़क पर नीचे से पानी भर जाने पर किसानों को बचाव के लिए नए सिरे से सोचना पड़ा। कभी मिट्टी की डोल बनाकर पानी टेंट के अंदर घुसने से रोका गया तो फिर सीमेंट से इस तरह की रोक बनाई गई कि पानी से किसान अपने बिस्तर बचा सकें। अब भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के आव्हान पर भाकियू की बुलंदशहर इकाई ने मोबाइल शयनयान तैयार कराया है। ट्रालीनुमा इस शयनयान की लंबाई 25 फीट और चौड़ाई 10 फीट से अधिक है। ट्रॉली में लोहे की चादर से ढाई-तीन फीट ऊंची दीवार बनाई जाती है इसलिए उसमें लेटने पर हवा नहीं लगती। इस ट्रालीनुमा शयनयान में इस बात का ध्यान रखते हुए चारों ओर जाली लगाई गई है। ऊपर से फाइबर की सीट लगाकर ऐसी व्यवस्था की गई है कि बरसात के पानी से बचाव