नुक्कड़ नाटक से दिया निपुण भारत बनाने का संदेश

-शिक्षा के बिना जिंदगी अधूरी, अच्छी शिक्षा के लिए बच्चों को प्रतिदिन भेजें स्कूल: बीएसए

गाजियाबाद। पांच दिवसीय नुक्कड़ नाटक श्रंखला का सोमवार को ब्लॉक रजापुर के कनौजा व कुशलिया गांव की ग्राम चौपाल व ग्राम पंचायत के खुले मैदान पर राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा प्रेषित श्रीमंत संस्कार संस्था टीम के द्वारा आखिरी बार नाटकों के प्रदर्शन के साथ समापन किया गया। कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) विनोद मिश्रा, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा गौरव त्यागी व जिला नोडल बालिका शिक्षा पूनम शर्मा उपस्थित रहीं।

बीएसए ने कहा कि सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अपने बच्चों के निपुण लक्ष्य प्राप्ति के लिए शिक्षकों को सहयोग दें। प्रदेश सरकार स्कूलों के संपूर्ण विकास और कायाकल्प के लिए संकल्पित है। इसके लिए कार्य भी किया जा रहा है। शिक्षण कार्य अभिभावकों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। क्योंकि यदि आप बच्चे को स्कूल नहीं भेजेंगे तो न सिर्फ बच्चे की शिक्षा प्रभावित होगी। बल्कि शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा। इसलिए प्रतिदिन अपने बच्चे को स्कूल अवश्य भेजें।

गौरव त्यागी ने बालक और बालिकाओं की समता और समानता की बात कही। पूनम शर्मा ने दीक्षा ऐप निपुण लक्ष्य ऐप और रीड एलॉन्ग आपकी उपयोगिता के बारे में अभिभावकों को बताया। नुक्कड़ नाटक टीम के नाटकों व चेतना गीतों के माध्यम से जनसाधारण को शिक्षा के महत्व एवं प्राथमिक कक्षाओं में छात्रों की नियमित उपस्थिति की महत्ता के प्रति जागरूक किया। बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया तथा सरकार द्वारा चलाई गई शैक्षणिक एप्स दीक्षा एप तथा रीड एलांग ऐप की जानकारी दी। सरकार द्वारा छात्रों के अकाउंट में आई डीबीटी की राशि का सही उपयोग बताया गया। इसके साथ-साथ बालिका शिक्षा बालिकाओं के अधिकार एवं उनके सम्मान के लिए सभी को प्रेरित किया गया।

सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग तथा दिव्यांग के लिए ब्रेल लिपि की जानकारी दी गई। महिला हेल्पलाइन नंबर एवं इसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया। लिंग भेद नाटक काफी मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन जिला ब्लाक जेंडर नोडल पूनम शर्मा द्वारा किया गया। साथ ही उनके मार्गदर्शन में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बालिका शिक्षा ब्लॉक नोडल रेनू चौहान, मीना, अंशु सिंह, नीतू सिंह, नाध्यापक मोहम्मद अयाज अली, मोहम्मद हारुन, रविंद्र चौधरी व समस्त स्टाफ का योगदान रहा।