15 वर्षों से लंबित मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर फिर गरजे शिक्षक

-बहुत कर लिया इंतजार अब होगी आरपार की लड़ाई: अनुज त्यागी
-मांगों को लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक संघ ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

गाजियाबाद। प्रदेश के 17 लाख कर्मचारी-शिक्षकों की 15 वर्षों से लंबित मांग को लेकर एक बार फिर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के तत्वाधान में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ निरंतर पत्र के माध्यम से शासन व विभागीय अधिकारियों को शिक्षक समस्याओं से अवगत कराते हुए सरकार के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न जनपदों पर गरजे। शिक्षकों का कहना है कि पिछले कई वर्षो से शासन एवं प्रशासन को शिक्षकों के संबधित समस्या एवं पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आवाज उठाई जा रही है। मगर अभी तक कोई भी मांगे पूरी नही की गई है। इस बीच कितनी सरकार बदल गई, मगर किसी भी सरकार ने मांगे पूरी नही की, बस हर बार आश्वासन देकर शिक्षकों को शांत करा दिया गया। मगर अब आश्वासन से काम नही चलेगा। शिक्षक संघ का कहना है कि अगामी पांच जनवरी को विधानसभा को घेरने का ऐलान किया।

सोमवार को जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय गाजियाबाद पर शिक्षकों द्वारा ज्ञापन दिया गया। जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा ने बताया कि मांग पत्र की अधिकांश मांगे विगत कई वर्षों से शासन स्तर पर विचाराधीन है। संगठन के अनवरत प्रयासों तथा शासकीय/ विभागीय बैठकों एवं वार्ताओं के उपरांत भी इन समस्याओं का समाधान नहीं हो सका, मात्र आश्वासन ही मिले हैं जबकि कई मांग बिंदुओं के निस्तारण में वित्तीय उपाशय नहीं है या अत्यंत अल्प है। केंद्र सरकार द्वारा एक अप्रैल 2004 के बाद नियुक्त शिक्षक एवम कर्मचारियों तथा राज्य सरकार द्वारा एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई। पुरानी पेंशन की बहाली की मांग विगत 15 वर्षों से लंबित है और सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है। जबकि यह प्रदेश के 17 लाख कर्मचारी/ शिक्षकों और उनके परिवारों से जुड़ी है। जिसके कारण राज्य के लाखों परिवार असंतुष्ट हैं।

संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ अनुज त्यागी ने कहा कि 01 दिसम्बर 2008 के बाद पदोन्नत प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय/सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय को 17140 न्यूनतम वेतनमान व प्रधानाध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय को 18150 न्यूनमत वेतनमान का शासनादेश निर्गत किया जाए। प्रदेश में निजी करण एवं आउटसोर्सिंग पर रोक लगाई जाए। वर्षों से लंबित कैशलेस चिकित्सा व्यवस्था शिक्षकों पर शीघ्र लागू की जाए। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में मृतक आश्रित कर्मियों की नियुक्ति शैक्षिक योग्यता के आधार पर हो तथा मृतक आश्रित नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को योग्यतानुसार उच्चीकृत पद पर समायोजित किया जाए। इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदेश मित्तल, प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ अनुज त्यागी, मुरादनगर अध्यक्ष अमित यादव, शैक्षिक महासंघ के महामंत्री कनक सिंह, अमित चौधरी, अनुपमा रानी, अर्चना, निशी रानी शर्मा, यशवेंद्र शर्मा, बबीता चौधरी, सुनीता खटाना, नीतू नेहरा,आस्था गुप्ता, आशु, परमेन्द्र चौधरी, दिव्या बक्शी, अनिता शर्मा, रविन्द्र कुमार, सुधीर त्यागी, नूतन चौहान, प्रदीप यादव, डॉ संदीप कुमार, सुशील कुमार आर्य, अभिजीत चौबे, हिमानी गुप्ता, मनीला गुप्ता, नन्दकुमार, कृष्ण कुमार, सोनू कुमार, मोईन खान, विनोद कुमार आदि उपस्थित रहे।