नगर निगम निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सख्त, चीफ इंजीनियर ने सड़क का सैंपल जांच के लिए भेजा

राजनगर सेक्टर-7 में बनाई गई सड़क उखड़ने के मामले में हुई कार्रवाई

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर नगर निगम सख्त हो गया है। चीफ इंजीनियर एनके चौधरी स्वयं मौके पर जाकर सैंपल भरवाकर उसकी जांच करवा रहे हैं। कविनगर जोन अंतर्गत राजनगर सेक्टर-7 में बनाई गई नई सड़क टूटने के मामले में कार्रवाई करते हुए चीफ इंजीनियर ने जेई पर हंटर चलाया है। जेई को इस मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है। चीफ इंजीनियर जेई के अलावा एई सुपरवाइजर सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हालांकि ठेकेदार का कहना है कि सड़क टूटने की वजह निर्माण सामग्री की गुणवत्ता नहीं बल्कि खराब मौसम रही है। जिस दौरान सड़क निर्माण किया गया उस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही थी और टेंपरेचर (तापमान) काफी नीचे चला गया था इस कारण सड़क की उपरी सतह खराब हो गई। उधर, इस मामले में नगर निगम ठेकेदार को कोई रिलीफ देने को तैयार नहीं है। नगर निगम के सख्त रूख से ठेकेदारों में बेचैनी बढ़ गई है। कई ऐसे ठेकेदार हैं जो काम की गुणवत्ता के साथ समझौता करने के मामले मेंं बदनाम हैं। ऐसे ठेकेदारों को भी कार्रवाई का डर सताने लगा है।


विदित हो कि नगर निगम के कविनगर जोन क्षेत्र अंतर्गत राजनगर सेक्टर-7 की सड़क पिछले महीने बनाई गई थी। सड़क निर्माण पर लगभग 42 लाख रुपए खर्च हुए। आरोप है कि ठेकेदार ने सड़क निर्माण कार्य शुरू करने से पहले नगर निगम के इंजीनियरों को भी इसकी जानकारी नहीं दी। निर्माण कार्य पूरा होने के कुछ दिनों बाद ही सड़क उखड़ने लगी। धीरे-धीरे सड़क का एक बड़ा हिस्सा उखड़ गया। चीफ इंजीनियर एनके चौधरी को जब सड़क टूटने की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल कविनगर जोन के जेर्ई, एई एवं सुपरवाइजर को नोटिस जारी किया। पिछले दिनों सड़क की सैंपलिंग कराकर उसे पीडब्ल्यूडी विभाग में जांच के लिए भेजा गया था। पिछली बार जो सैंपल भेजी गई थी वह एसडीबीसी की भेजी गई थी लेकिन लैब से जांच रिपोर्ट बीसी की दी गई। चीफ इंजीनियर जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुए। ऐसे में अब दोबारा से सड़क की सैंपलिंग कराकर उसे जांच के लिए भेजा गया है।

सोमवार को चीफ इंजीनियर स्वयं राजनगर सेक्टर-7 पहुंचे और सड़क से सैंपल लेकर उसे सील कराकर जांच के लिए भेजवाया। सैंपलिंग के समय नगर निगम के एग्जयूकेटिव इंजीनियर जैदी, जेई राजेंद्र कुमार भी मौजूद थे। चीफ इंजीनियर एनके चौधरी ने कहा कि सड़क के जो सैंपल लिए गए हैं लैब में उसकी गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। आखिर एक सप्ताह में ही सड़क से रोड़ी कैसे उखड़ गई और संबंधित क्षेत्र के जेई ने इस मामले में क्यों लापरवाही बरती इस बाबत नोटिस जारी कर दिया गया है। सड़क निर्माण का ठेका पीपी रियलकॉन फर्म को दी गई थी। इस मामले में फर्म पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है।

नगर निगम द्वारा इस बात की जांच कराई जाएगी कि ठेकेदार ने कहीं सड़क बनाते समय तारकोल में कोई कमी तो नहीं की या फिर गुणवत्ता के साथ समझौता किया। बहरहाल चीफ इंजीनियर के कड़े रूख को देखते हुए कई ठेकेदारों के चेहरे की हवाईयां उड़ने लगी है। ठेकेदारों का कहना है कि नगर निगम में समय से भुगतान नहीं हो रहा है और कंप्टीशन भी काफी अधिक है। ऐसे में यदि उन्हें कोई एक सड़क ही दोबारा से बनानी पड़ जाये तो काफी नुकसान हो जाएगा। लेकिन नगर निगम ने काम की गुणवत्ता के साथ सम­ाौता करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का मन बना लिया है।