गैंगरेप और रॉड डालने की कहानी निकली झूठी, 53 लाख रुपए की प्रॉपर्टी के लिए दो दिन तक बाहर रही महिला

गाजियाबाद। नंदग्राम थाना क्षेत्र में महिला नर्स को अगवा कर पांच युवकों द्वारा गैंगरेप का मामला फर्जी निकला। गुरुवार को पुलिस लाइन में गैंगरेप की घटना का खुलासा करते हुए मेरठ रेंज आईजी प्रवीण कुमार ने एसएसपी मुनीराज जी., एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल, एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा, सीओ सिहानीगेट आलोक दुबे की मौजूदगी में बताया कि महिला नर्स से गैंगरेप का मामला पूरी तरह से फर्जी है। महिला के प्रेमी आजाद ने ही 53 लाख रुपए की प्रॉपर्टी के विवाद को खत्म करने के लिए झूठी कहानी बनाई थी। क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी, इंस्पेक्टर अरुण कुमार मिश्रा की टीम ने आजाद, उसके दोस्त गौरव और अफजाल को गिरफ्तार कर लिया है।

दिल्ली निवासी 40 वर्षीय महिला एक हॉस्पिटल में नर्स है। वो अपने भाई के जन्मदिन पर 16 अक्तूबर की शाम नंदग्राम इलाके में आई थी। भाई का कहना था कि खाना खाने के बाद उसने बहन को आश्रम रोड पर ऑटो के लिए छोड़कर वापस चला गया। जिसके बाद वह लापता हो गई। इसकी सूचना उसे उसी रात करीब 11.30 बजे हुई। 18 अक्तूबर को महिला नंदग्राम इलाके में ही सड़क किनारे बेहोशी हालत में मिली। अब वो दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल में भर्ती है। महिला ने पांच युवकों पर गैंगरेप करने, प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसी वस्तु डालने और हाथ-पैर बांधकर बोरी में भरकर फेंकने का आरोप लगाया था। महिला के भाई ने इस संबंध में दिल्ली के दीनू, शाहरुख, जावेद, धोला और औरंगजेब उर्फ जहीर के खिलाफ थाना नंदग्राम में मुकद्मा दर्ज कराया। जिस पर पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में भी लिया। पीडि़त महिला का शाहदरा दिल्ली में स्थित 53 लाख रुपए की प्रॉपर्टी को लेकर गैंगरेप के नामजद आरोपियों से पिछले काफी समय से विवाद चल रहा था। साल-2021 में आजाद ने ये प्रॉपर्टी समीना से ली थी। आजाद ने इसकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी दीपक जोशी को कर दी। दीपक ने फरवरी-2022 में इसकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी पीडि़ता महिला के नाम कर दी। प्रॉपर्टी पर कब्जे को लेकर विवाद था और इसकी मुकदमा कड़कडड़ूमा कोर्ट दिल्ली में विचारधीन है।

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जांच में पता चला कि पीडि़ता का प्रेमी है, वह दिल्ली में वैलकम थाना क्षेत्र स्थित कबीरनगर का निवासी है। आजाद ने ही इस प्रॉपर्टी विवाद का समाधान निकालने के लिए कथित गैंगरेप की कहानी तैयार की थी। इस काम में आजाद ने गौरव निवासी बादलपुर और अफजाल निवासी कैला भट्टा को अपने साथ लिया। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। आजाद ने कहानी रची गई कि अगर दूसरा पक्ष गैंगरेप में जेल चला जाए तो महिला अपना कब्जा कर सकती है। उसके मोबाइल की जांच की तो पूरी कहानी सामने आ गई। मोबाइल में इस बात के सबूत मिले कि आजाद ने ही इस घटना को गैंगरेप दिखाने के लिए कई लोगों को मैसेज किया और पेटीएम के जरिये भुगतान भी किया। आईजी ने बताया कि महिला अपनी स्वेच्छा से घटनास्थल पर पड़ी मिली और स्वेच्छा से ही एक नियत स्थान पर दो दिन तक रही। उसका न तो अपहरण हुआ और न ही गैंगरेप हुआ था। यह सब एक षडय़ंत्र था।

जिसमें उन्हें फंसाने की कोशिश थी, जिनका नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया। जिस गाड़ी में वह घटनास्थल से ले जाई गई, वह गाड़ी गौरव की है। जीपीएस ट्रैकर के जरिये गाड़ी का पूरा रूट पता किया। आजाद ने पूछताछ में बताया कि घटना से ठीक पहले उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया था और घटनास्थल के आसपास ही मौजूद था। जिससे पुलिस उसे ट्रेस न कर सकें। पूर्व में दिल्ली में इन प्रकरणों में उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई कराने के प्रयास भी किए गए। उसमें सफलता नहीं मिली तो साजिश रचते हुए संपत्ति पर कब्जा करने के लिए गैंगरेप की योजना बनाई।
इनके खिलाफ अलग से वाद दर्ज कर इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही हैं। पुलिस ने मामले में महिला समेत चार आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस महिला को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद गिरफ्तार करेगी।

दुसरे अस्पताल में उपचार के लिए राजी क्यों नही हुई पीडि़ता
एसएसपी मुनीराज जी. का कहना है कि वह पीडि़ता को उपचार के लिए एमएमजी अस्पताल लेकर गये। यहां से उसको मेरठ मेडिकल के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन उस वक्त पीडि़ता ने दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में जाने की जिद की। जबकि नियमानुसार गाजियाबाद का हायर सेंटर मेरठ मेडिकल ही है। वहीं की रेफर स्लिप से वह दिल्ली में एडमिट होती। जांच में पता चला कि पीडि़ता ही पिछले 10 से ज्यादा साल से बतौर नर्स कार्यरत है। सारा स्टाफ उसका भली-भांति परिचित है।

लापता की कोई शिकायत नही
पीडि़ता नर्स 16 अक्टूबर की रात जन्मदिन पार्टी से निकली और नंदग्राम के आश्रम रोड स्थित सड़क पर ऑटो के इंतजार में खड़ी थी। जिसके बाद वहीं से लापता हो गई। जिसके बाद उसके भाई के पास फोन आया था, जिसमें बताया कि रात करीब 11.30 बजे उसके भांजे ने बताया कि मम्मी घर नही पहुंची है। उसके बाद भी न तो उसके बेटे ने और न ही उसके भाई ने पुलिस में कोई शिकायत की। दो दिन बाद 18 अक्तूबर की सुबह बोरे में बंधी हुई महिला पड़े होने की सूचना मिली। 52 घंटे के इनते समय में फैमली के किसी भी सदस्य ने पुलिस कोई सूचना नही दी।

जहां से उठाया वहीं क्यों फेंका
पीडि़ता का कहना था कि 16 अक्टूबर की रात को स्कॉर्पियो सवार चार युवक आश्रम रोड़ पर आए और उसको सड़क से अगवा करके ले गए। दो दिन अज्ञात जगह पर रखा और उसके साथ पांच लोगों ने गैंगरेप किया व प्राइवेट पार्ट में रॉड डाला गया। उसके बाद उसे उसी स्थान पर फेंक कर चले गए। पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन निकलवाई तो वह उस वक्त दिल्ली की मिली। आश्रम रोड से दिल्ली की दूरी करीब 20 किलोमीटर है। आरोपी अगर उसे अगवा करते तो उसी जगह पर क्यों फेंकते, जिस जगह से महिला को उठाया था। पुलिस ने कई एंगल पर मामले की जांच की। जिसमें उनका प्रॉपर्टी को लेकर विवाद सामने आया।

प्रॉपर्टी को लेकर चल रहा था विवाद
पुलिस के अनुसार, पीडि़ता की एक प्रोपर्टी शाहदरा इलाके में है और कीमत करीब 53 लाख रुपए है। पीडि़ता का एक प्रॉपर्टी को लेकर नामजद आरोपियों से विवाद है। यह बात खुद पीडि़ता और उसके भाई ने भी स्वीकारी है। पीडि़ता का दावा है कि आरोपियों से वो यह प्रॉपर्टी खरीद चुकी है, रजिस्ट्री भी हो चुकी है। फिर भी आरोपी पक्ष उसे कब्जा नही लेने दे रहे है।

पुलिस को नही बताया अपना सही पता
पीडि़ता से पुलिस ने उसका पता और मोबाइल नंबर मांगा तो उसने अपना पता और मोबाइल नंबर नहीं दिया। पूछताछ में महिला ने खुद को नंदनगरी दिल्ली का निवासी बताया। गाजियाबाद पुलिस जब उस पते पर जांच के लिए पहुंची तो उस मकान में पीडि़ता नही, बल्कि उसकी बहन रहती है। उसके बाद पीडि़ता का दूसरा पता पुलिस को मिला। पीडि़ता ने पुलिस को अपना मोबाइल नंबर नही दिया। पीडि़ता ने ऐसा क्यों किया, इसकी जांच चल रही है।

प्राइवेट पार्ट में रॉड की जगह मिला टंग क्लीनर
हॉस्पिटल के प्रवक्ता रजत जांबा के अनुसार पीडि़ता का सेक्सुअल असॉल्ट किया गया। अभी वो स्टेबल है। बाहरी चोटें हैं, पर हमें अंदरूनी चोटों का अभी पता नही चला है। प्राइवेट पार्ट से मिली वस्तु को जांच के लिए इनवेस्टिगेशन ऑफिसर (आईओ) को भेजा है। वहीं गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि प्राइवेट पार्ट में मिली वस्तु रॉड नहीं, बल्कि 6 इंच लंबा लोहे का तार था, जो यू शेप में है। यह तार टंग क्लीनर की तरह है।