निजी अस्पतालों में बगैर अनुमति कोविड मरीजों का इलाज

गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते जिले में हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे है। वहीं,ऐसे संकटकाल में निजी अस्पताल भी खूब   मनमानी और नियमों की नाफरमानी के चलते अब कोरोना संक्रमित मरीजों को बगैर अनुमति के ही अस्पतालों में भर्ती कर रहे हैं। इन निजी अस्पतालों की मनमानी के चलते मरीजों की जान जा रही हैं। मरीजों के तीमारदारों को परेशानी का जहां सामना करना पड़ रहा है। वहीं,इन अस्पतालों की लगातार शिकायतें मिलने के बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अब शिकंजा कसेगा। कोरोना महामारी के चलते आर्थिक लाभ के लिए मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों के सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लोहियानगर स्थित नागर हॉस्पिटल में रात को पुलिस,प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा। छापेमारी में पता चला कि अस्पताल में 6अप्रैल से रेमडेसिविर इंजेक्शन अलग-अलग सप्लायर से मंगाए गए,जबकि अस्पताल को कोरोना संक्रमितों के उपचार की अनुमति 26 अप्रैल को मिली। इस बीच 250 रेमडेसिविर इंजेक्शन अस्पताल में पहुंचे लेकिन ये किन मरीजों को किस दाम में मिले, इसका रिकार्ड अस्पताल नहीं दे सका। इस मामले में विस्तृत जांच की जा रही है। अस्पताल के खिलाफ  कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।वहीं,गोविंदपुर स्थित पेलेटिव अस्पताल में भी अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम खालिद अंजुम और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथिलेश कुमार ने पीपीई किट पहनकर वार्ड में निरीक्षण किया तो अंदर का हाल अस्पताल प्रबंधन द्वारा कागजों में दिखाए गए रिकार्ड से अलग मिला। वार्ड के बेड के साथ ही आइसीयू बेड तक खाली मिले,जबकि कागजों में बेड मरीजों से फुल बताए गए। जिला प्रशासन को गुमराह करने के लिए कोविड वार्ड में बेडों पर उन मरीजों का भर्ती किया गया था,जो संक्रमित ही नहीं थे। उपचार के लिए डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं थे। इस अस्पताल के लाइसेंस का निरस्तीकरण करने की कार्रवाई जल्द हो सकती हैं। रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की अस्पताल में किल्लत बताकर तीमारदारों को दौड़ाया जा रहा है जबकि इनका इंतजाम करने की जिम्मेदारी अस्पतालों की है। अपर जिलाधिकारी नगर शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि अगर नॉन कोविड अस्पताल बगैर अनुमति के कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर रहे है तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बगैर अनुमति के कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सकता है। संसाधन की कमी बताकर उनके तीमारदारों को दौड़ा रहे हैं।जिला प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति कराए जाने के बावजूद परिजनों से सिलेंडर मंगवाकर मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा कोविड अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा ऐसे नॉन कोविड अस्पताल जिनको दूसरी बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है,उनको ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। बगैर अनुमति के कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर अस्पतालों की जांच की जाएगी। उसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं,नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथलेश कुमार का कहना है कि निजी अस्पतालों में रजिस्टर को चेक किया जा रहा है। कोविड वार्डों के अंदर पीपीई किट पहनकर औचक निरीक्षण जारी है। जिस अस्पताल में बेड खाली है,इसका पता लगाया जा रहा है। अस्पतालों द्वारा बेड खाली नहीं होने की भ्रामक सूचना दिए जाने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।