ढाबे की आड़ में ग्राहकों को खाने के साथ देता था शराब की सुविधा

आबकारी विभाग की दबिश में ढाबा संचालक समेत तीन तस्कर गिरफ्तार

गौतमबुद्ध नगर। नगर निकाय चुनाव को लेकर अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीम ने कार्रवाई तेज कर दी है। शराब तस्कर छोटे हो या फिर बड़े, सभी को सलाखों के पीछे भेजने का काम किया जा रहा है। जिससे नगर निकाय चुनाव को सकुशल संपन्न कराया जा सकें। गौरतलब हो कि चुनाव के दौरान में प्रत्याशी वोट के लालच में वोटरों को शराब बांटने की जुगत में रहते है। बाहरी राज्यों की शराब सस्ती होने के चलते वह शराब माफिया से संपर्क साधते है और वोटरों तक पहुंचाने के लिए सुविधा लेते है। जिसके चलते आबकारी विभाग ने सतर्कता बरतना शुरु कर दिया है। हाईवे, ढाबे से लेकर दिल्ली बोर्डर पर आबकारी विभाग ने सख्त पहरा कर दिया है। साथ ही शराब तस्करों के संबंधित ठिकानों पर भी दबिश दी जा रही है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने अवैध शराब समेत तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है।


आबकारी आयुक्त के आदेशानुसार जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर व पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर के निर्देशन में अवैध शराब के निर्माण, परिवहन एवं तस्करी पर रोक लगाने के लिए जिले में विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने बताया कि मंगलवार रात आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-5 चन्द्रशेखर सिंह की टीम ने दबिश के दौरान दो ढाबों पर अवैध रुप से शराब बेच रहे तिलकराम पुत्र भगतसिंह और खगेन्द्र सरकार पुत्र पुलिन सरकार को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से 80 पव्वे कटरीना देसी शराब बरामद किया गया। आरोपियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत थाना सूरजपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया। थाना सूरजपुर क्षेत्र के मकोड़ा, सूरजपुर, लाखनवाली क्षेत्रों में दबिश दी गई और लोगो को अवैध रूप से संदिग्ध स्थलों से बिकने वाले शराब से दूर रहने की हिदायत दी गई। उधर आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-4 अभिनव शाही की टीम ने रोजा जलालपुर स्थित झुग्गियों में दबिश देकर अवैध रूप से शराब बेच रहे अतुल पुत्र विजय कुमार निवासी ग्राम बिलसंडा तहसील बिसलपुर जिला पीलीभीत को गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से 113 पव्वे ट्विन टावर ब्रांड यूपी मार्का बरामद किया गया। जिसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत थाना बिसरख में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया।

उन्होंने बताया पकड़े गए तीनों तस्कर ही लाइसेंसी शराब की दुकानों से शराब खरीदकर उसे दुकान बंद होने के बाद दोगुने दामों में बेचने का काम करते थे। तिलकराम व खगेन्द्र ढाबे की आढ में ढाबे पर खाना खाने के लिए आने वाले ग्राहकों को शराब की सुविधा उपलब्ध कराता था। दुकान बंद होने से पहले ही शराब मंगाकर उसे ढाबे पर एकत्रित कर लेता था और उक्त शराब को ढाबे पर दोगुने दामों में बेचता था और पिलाने के लिए बैठने की सुविधा भी देता था। बिना लाइसेंस के शराब पिलाना और शराब बेचना दोनों ही अपराध है। आबकारी निरीक्षकों को हाईवे पर संचलित ढाबों पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए गये है।