कोरोना संकट काल में एक-दूसरे के हुए अंकुर और खुशबू

-अग्नि के 7 फेरे और 7 वचन के साथ थामा एक-दूसरे का हाथ

लखनऊ/सुल्तानपुर। भारत में पति-पत्नी के रिश्ते को बहुत अनमोल माना जाता है और इसी रिश्ते को जोडऩे के लिए सात फेरों की जरूरत भी पड़ती है। हिंदू विवाह प्रणाली में सात फेरों का विशेष महत्व है। शास्त्रों में इन सभी फेरों की अपनी महत्ता व अर्थ है। यह फेरे वर-वधु को जीवनभर साथ रहने व एक-दूसरे का साथ देने का ज्ञान देते हैं। सात फेरों के दौरान वर-वधु अग्नि को साक्षी मानकर एक-दूसरे को जीवनभर खुश रखने का वचन देते हैं। इन्हीं सात फेरों के साथ सात वचन लेकर रविवार (25 अप्रैल 2021) को लखनऊ स्थित होटल में सुल्तानपुर निवासी अंकुर पाण्डेय एवं लखनऊ निवासी खुशबू मिश्रा ने अग्रि को साक्षी मानकर दांपत्य जीवन की शुरूआत की। वैवाहिक समारोह के दौरान घराती और बाराती सभी के चेहरों से कोरोना संक्रमण की टेंशन साफ देखने को मिल रही थी। संक्रमण से बचने के लिए सभी ने कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन भी किया। कोरोना संकटकाल में वैवाहिक कार्यक्रम को संपूर्ण कराना मानो कोई जंग जीतने के बराबर हो गया है। वैवाहिक समारोह में अब पहले जैसा उल्लास देखने को नही मिल रहा। बहुचर्चित गीत आज मेरे यार की शादी है सुनने के लिए अब कान भी तरस गये है। बैंड-बाजा और बाराती शादी समारोह में जो चार चांद लगाते थे, वह भी अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। कोरोना काल ने शादी-समारोह जैसे महत्वपूर्ण वक्त की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया है। इसके बावजूद वर और वधु पक्ष का जोश यदि आसमान छूते नजर आ जाए तो यह ईश्वर का आशीर्वाद मान लीजिए। कोरोना संकट काल में भगवान पर भरोसा कर पाण्डेय परिवार ने बेहद सादगी पूर्ण तरीके से वैवाहिक समारोह संपन्न कराया। इस दौरान अंकुर पाण्डेय के पिता समरनाथ पाण्डेय, माता ज्ञानमती पाण्डेय, चाची माधुरी देवी, चाचा शेषनाथ पाण्डेय, प्रेमनाथ पाण्डेय, बुआ शैला देवी, जया शंकर शुक्ला, बहन बिंदु दुबे, जीजा अशोक दुबे, कुमुद पाण्डेय, जीजा आशीष पाण्डेय, भाई कुंदन पाण्डेय, डिंपल पाण्डेय, तेजल पाण्डेय, भांजी सलोनी, सृष्टि, भांजा देवांश, हनी एवं खुशबू पाण्डेय के पिता दयाशंकर मिश्रा, माता ज्ञानमती मिश्रा, भाई आकाश मिश्रा, बहन पूजा एवं आंचल मिश्रा ने खुले दिल से नवदंपति को अपना आर्शीवाद दिया।